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समलैंगिक विवाह : मान्यता के लिए दायर याचिका पर कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब - Court seeks response from Center

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के अनुरोध को लेकर दायर जनहित याचिका पर जवाब देने को कहा है. याचिकाकर्ता अभिजीत अय्यर मित्रा ने याचिका में दावा किया है कि समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद समलैंगिक जोड़ों के बीच विवाह संभव नहीं हो पा रहा है.

दिल्ली उच्च न्यायालय
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Published : Nov 19, 2020, 1:26 PM IST

Updated : Nov 19, 2020, 2:18 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने गरुवार को केंद्र सरकार से हिंदू विवाह अधिनियम और विशेष विवाह अधिनियम के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के अनुरोध को लेकर दायर जनहित याचिका पर जवाब देने को कहा है.

न्यामूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ और न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया और उसे चार सप्ताह के भीतर इसके जवाब में हलफनामा दायर करने को कहा.

पढ़ें : ताइवान में 188 समलैंगिक जोड़ों की शादी, सेना ने किया आयोजन

याचिकाकर्ता अभिजीत अय्यर मित्रा ने याचिका में दावा किया है कि समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद समलैंगिक जोड़ों के बीच विवाह संभव नहीं हो पा रहा है.

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने गरुवार को केंद्र सरकार से हिंदू विवाह अधिनियम और विशेष विवाह अधिनियम के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के अनुरोध को लेकर दायर जनहित याचिका पर जवाब देने को कहा है.

न्यामूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ और न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया और उसे चार सप्ताह के भीतर इसके जवाब में हलफनामा दायर करने को कहा.

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याचिकाकर्ता अभिजीत अय्यर मित्रा ने याचिका में दावा किया है कि समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद समलैंगिक जोड़ों के बीच विवाह संभव नहीं हो पा रहा है.

Last Updated : Nov 19, 2020, 2:18 PM IST
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