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आर्थिक अपराधियों को गिरफ्तारी से पहले जमानत नहीं दी जानी चाहिए: HC

आईएनएक्स मीडिया घोटाला केस के सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने कठोर टिप्पणी की है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने आर्थिक-अपराधियों के गिरफ्तारी से पहले जमानत मिलने पर प्रतिबंध लगाने की आवश्कता जताई. उच्चतम न्यायालय ने बोला की मौजूदा कानून में संशोधन की जरूरत है. पढ़ें क्या है मामला...

आईएनएक्स मीडिया केस में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (फाइल फोटो)
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Published : Aug 21, 2019, 2:30 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 5:36 PM IST

नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया घोटाला केस के सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने आर्थिक-अपराधियों के गिरफ्तारी से पहले जमानत मिलने पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यता जताई. कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया घोटाले जैसे हाई-प्रोफाइल मामलें में गिरफ्तारी पूर्व जमानत के प्रावधानों को अनुचित बताया.

उच्चतम न्यायालय ने बोला कि मौजूदा कानून में संशोधन की आवश्यता है.

उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि गिरफ्तारी के पूर्व जमानत का मतलब यह नहीं है कि उच्च-प्रोफ़ाइल के आर्थिक अपराधियों द्वारा दुरुपयोग किया जाए. ऐसे मामलें में प्रतिनिधियों को कानून तोड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

'गिरफ्तारी के पहले जमानत हाई-प्रोफाइल के आर्थिक अपराधियों के लिए नहीं है. समय आ गया है कि संसद को पूर्व प्रावधानों को प्रतिबंधित करके, संविधान में उपयुक्त संशोधन करना चाहिए. गिरफ्तारी से पहले तत्काल जमानत हाई-प्रोफाइल मामलों के आर्थिक अपराधियों के लिए अनुचित है. यह समय की मांग है.'

उच्च न्यायालय ने INX मीडिया मामले में यह बात अपने 24-पृष्ठ के फैसले में कही है. धन-शोधन और भ्रष्टाचार में पूर्व केंद्रीय मंत्री को जमानत देने से इनकार करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया.

अदालत ने कहा कि आर्थिक अपराधियों पर कानून को कड़े से कड़े कदम उठाना चाहिए.

पढ़ें- चिदंबरम बुधवार को SC में अपील करेंगे, कांग्रेस का सरकार की भूमिका पर सवाल

उच्च न्यायालय अपने 24-पृष्ठ के फैसले में कहा, 'अक्सर यह देखा जाता है कि आर्थिक अपराधी गिरफ्तारी से पहले जमानत ले लेते है, जिससे जाँच काफी कमजोर होती है, जैसे इस मामले में. यह न केवल बड़े घोटाला में मामलों को कमजोर करता है, बल्कि यह वास्तव में अभियोजन को रोकता है. यह अदालत इस संवेदनशील मामले को भी अन्य हाई-प्रोफाइल मामलों की तरह अभियोजन पक्ष को धुएं में समाप्त करने लिए अनुमति नहीं दे सकता है.'

गुरुवार को सेवानिवृत हो रहे न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने आगे कहा कि इस तथ्य से अवगत है कि एक नागरिक की व्यक्तिगत स्वतंत्रता अधिकार है, लेकिन कोई भी कानून से ऊपर नहीं हो सकता.

बता दें, आईएनएक्स मीडिया केस में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से कोर्ट ने मना कर दिया है. चिदंबरम इस मामले में आरोपित है.

नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया घोटाला केस के सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने आर्थिक-अपराधियों के गिरफ्तारी से पहले जमानत मिलने पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यता जताई. कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया घोटाले जैसे हाई-प्रोफाइल मामलें में गिरफ्तारी पूर्व जमानत के प्रावधानों को अनुचित बताया.

उच्चतम न्यायालय ने बोला कि मौजूदा कानून में संशोधन की आवश्यता है.

उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि गिरफ्तारी के पूर्व जमानत का मतलब यह नहीं है कि उच्च-प्रोफ़ाइल के आर्थिक अपराधियों द्वारा दुरुपयोग किया जाए. ऐसे मामलें में प्रतिनिधियों को कानून तोड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

'गिरफ्तारी के पहले जमानत हाई-प्रोफाइल के आर्थिक अपराधियों के लिए नहीं है. समय आ गया है कि संसद को पूर्व प्रावधानों को प्रतिबंधित करके, संविधान में उपयुक्त संशोधन करना चाहिए. गिरफ्तारी से पहले तत्काल जमानत हाई-प्रोफाइल मामलों के आर्थिक अपराधियों के लिए अनुचित है. यह समय की मांग है.'

उच्च न्यायालय ने INX मीडिया मामले में यह बात अपने 24-पृष्ठ के फैसले में कही है. धन-शोधन और भ्रष्टाचार में पूर्व केंद्रीय मंत्री को जमानत देने से इनकार करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया.

अदालत ने कहा कि आर्थिक अपराधियों पर कानून को कड़े से कड़े कदम उठाना चाहिए.

पढ़ें- चिदंबरम बुधवार को SC में अपील करेंगे, कांग्रेस का सरकार की भूमिका पर सवाल

उच्च न्यायालय अपने 24-पृष्ठ के फैसले में कहा, 'अक्सर यह देखा जाता है कि आर्थिक अपराधी गिरफ्तारी से पहले जमानत ले लेते है, जिससे जाँच काफी कमजोर होती है, जैसे इस मामले में. यह न केवल बड़े घोटाला में मामलों को कमजोर करता है, बल्कि यह वास्तव में अभियोजन को रोकता है. यह अदालत इस संवेदनशील मामले को भी अन्य हाई-प्रोफाइल मामलों की तरह अभियोजन पक्ष को धुएं में समाप्त करने लिए अनुमति नहीं दे सकता है.'

गुरुवार को सेवानिवृत हो रहे न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने आगे कहा कि इस तथ्य से अवगत है कि एक नागरिक की व्यक्तिगत स्वतंत्रता अधिकार है, लेकिन कोई भी कानून से ऊपर नहीं हो सकता.

बता दें, आईएनएक्स मीडिया केस में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से कोर्ट ने मना कर दिया है. चिदंबरम इस मामले में आरोपित है.

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DL-HC-CHIDAMBARAM-LAW
Pre-arrest bail should be denied to economic offenders, says HC and pitches for law amendment
         New Delhi, Aug 20 (PTI) The Delhi High Court on Tuesday said an amendment in the existing law was needed to restrict the provisions of pre-arrest bail and make it inapplicable to offenders of high-profile economic offences like the INX Media scam, in which Congress leader P Chidambaram was denied anticipatory bail on the ground that he was the kingpin of the case.
         Justice Sunil Gaur, who is due to retire on Thursday, said pre-arrest bail is not meant for high-profile economic offenders and lawmakers cannot be allowed to turn into lawbreakers with impunity, particularly in cases of this magnitude.
         "What is so far to be seen is the tip of the iceberg. Pre-arrest (bail) is not meant for high-profile economic offenders. Time has come to recommend to Parliament to suitably amend the law to restrict the provisions of pre-arrest bail and make it inapplicable to economic offenders of high-profile cases like the instant one. It is the need of the hour," the high court said in its 24-page judgment denying bail to the former Union minister in the INX media corruption and money-laundering cases.
         The court said the law must come down on economic offenders with a heavy hand.
         "It is often seen that when economic offenders are on pre-arrest bail, the investigation conducted is at a superficial level, like in the instant case. This not only weakens the mega scam cases but it actually stifles the prosecution. This court cannot permit the prosecution in this sensitive case to end up in smoke like it has happened in some other high-profile cases," it said.
         The court further said it was conscious of the fact that the personal liberty of a citizen was sacrosanct, but no one was above the law. PTI SKV HMP RKS
ABA
RC
08202219
NNNN
Last Updated : Sep 27, 2019, 5:36 PM IST
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