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अबू धाबी ने तीन भारतीयों के शवों को भेजने का दिया आदेश

अबू धाबी ने उत्तराखंड के युवक का शव भारत भेजने का आदेश दे दिया है. उसके साथ दो अन्य शव भी वापस भेजा जाएगा. ये दोनों शव पंजाब के हैं. पिछले तीन दिनों से दो देशों के बीच कानूनी प्रक्रियाओं में शव भारत और दुबई के बीच अटका हुआ था. 23 अप्रैल को शव भारत आया था, लेकिन गृह मंत्रालय के सर्कुलर की वजह से इसे लौटा दिया गया था. ईटीवी भारत ने इस खबर को लेकर मंत्रालय से संपर्क साधा. उससे बाद गृह मंत्रालय ने स्पष्ट गाइडलाइन जारी कर दिया. इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने भी केन्द्र को इस मामले पर नोटिस जारी कर पूरी जानकारी मांगी है.

kamlesh bhatt dead body case
कमलेश भट्ट शव वापसी मामला
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Published : Apr 26, 2020, 10:17 AM IST

Updated : Apr 26, 2020, 12:26 PM IST

नई दिल्ली : उत्तराखंड के टिहरी के रहने वाले कमलेश भट्ट नाम के युवक की मौत 17 अप्रैल को अबूधाबी में हुई थी. वह वहां की एक कंपनी में कार्यरत था. सूचना मिलने के बाद परिवार वालों ने विदेश मंत्रालय से सभी आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली थी. 23 अप्रैल को उसका शव भारत लाया गया. लेकिन गृह मंत्रालय के एक सर्कुलर का हवाला देकर उसे वापस लौटा दिया गया.

इसके बाद कमलेश भट्ट के चचेरे भाई विमलेश भट्ट ने शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई. विमलेश ने आव्रजन विभाग के फैसले के खिलाफ अपील की थी. उसके अनुसार विभाग ने उन्हें गृह मंत्रालय का वो सर्कुलर भी नहीं दिया, जिसके आधार पर कमलेश का शव वापस लौटाया गया.

विमलेश के वकील रितुपर्ण उनियाल ने बताया कि हमने कोर्ट से केन्द्र सरकार को निर्देश देने की अपील की है, ताकि कमलेश के शव को भारत लाया जा सके. न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने मामले की सुनवाई की. केन्द्र सरकार के वकील कीर्तिमान सिंह ने नोटिस को प्राप्त किया. सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. उनियाल ने ईटीवी भारत को बताया कि छुट्टी होने के बावजूद मानवीय संवेदना के आधार पर पूरे मामले की कोर्ट ने सुनवाई की.

अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल मनिन्दर आचार्य ने कोर्ट को बताया कि केन्द्र सरकार संबंधित दूतावास से पूरी जानकारी दरयाफ्त कर रही है, ताकि कमलेश के शव को भारत लाया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार के वरीय अधिकारी पूरे मामले को देख रहे हैं. उच्चस्तर पर इसकी चर्चा भी की गई है.

तीन भारतीयों के शव दुबई में हैं. सूत्रों के अनुसार दो अन्य शव पंजाब से है. सूत्रों की मानें तो इनमें से किसी की भी मौत कोरोना से नहीं हुई है. कमलेश की मौत हार्ट अटैक से हुई. ईटीवी भारत के पास उसके पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध है.

इस खबर के बाद ईटीवी भारत ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय दोनों से संपर्क साधा था. ईटीवी भारत लगातार परिवार वालों के संपर्क में भी बना रहा.

यह भी पढ़ें: मौत के बाद भी दुर्दशा : दुबई में मृत कमलेश का शव दिल्ली लाकर वापस भेजा गया

ईटीवी भारत में इस खबर के प्रकाशित होने के बाद शनिवार को ही गृह मंत्रालय को एक स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा. इसके अनुसार आगे से कोई भी भ्रम की स्थिति ना रहे, इसलिए एक निर्धारित प्रक्रिया तय कर ली गई है.

यह भी पढ़ें: अंतिम दर्शन को तरसा परिवार, सर्कुलर में उलझा मंत्रालय

अगर आगे से इस तरह का कोई मामला आता है, तो स्वास्थ्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से एनओसी प्राप्त करने के बाद शवों को लाया जा सकता है.

विदेशी मामलों के प्रभाग के आव्रजन अनुभाग में एक निदेशक स्तर के अधिकारी ने ज्ञापन में कहा कि यह स्पष्ट करने के लिए निर्देशित किया जाता है कि भारतीय नागरिकों / ओसीआई कार्ड धारकों के शवों और अवशेषों (जैसे अस्थि कलश) को भारत लाए जाने के संबंध में आव्रजन का कार्य विभिन्न मंत्रालयों द्वारा जारी दिशानिर्देशों के कड़ाई से पालन के अधीन किया जाएगा. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी), अनुमोदन या सहमति प्राप्त करने के बाद शव या अवशेष प्राप्त किए जा सकते हैं.ज्ञापन में कहा गया है कि इस संबंध में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए.

नई दिल्ली : उत्तराखंड के टिहरी के रहने वाले कमलेश भट्ट नाम के युवक की मौत 17 अप्रैल को अबूधाबी में हुई थी. वह वहां की एक कंपनी में कार्यरत था. सूचना मिलने के बाद परिवार वालों ने विदेश मंत्रालय से सभी आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली थी. 23 अप्रैल को उसका शव भारत लाया गया. लेकिन गृह मंत्रालय के एक सर्कुलर का हवाला देकर उसे वापस लौटा दिया गया.

इसके बाद कमलेश भट्ट के चचेरे भाई विमलेश भट्ट ने शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई. विमलेश ने आव्रजन विभाग के फैसले के खिलाफ अपील की थी. उसके अनुसार विभाग ने उन्हें गृह मंत्रालय का वो सर्कुलर भी नहीं दिया, जिसके आधार पर कमलेश का शव वापस लौटाया गया.

विमलेश के वकील रितुपर्ण उनियाल ने बताया कि हमने कोर्ट से केन्द्र सरकार को निर्देश देने की अपील की है, ताकि कमलेश के शव को भारत लाया जा सके. न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने मामले की सुनवाई की. केन्द्र सरकार के वकील कीर्तिमान सिंह ने नोटिस को प्राप्त किया. सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. उनियाल ने ईटीवी भारत को बताया कि छुट्टी होने के बावजूद मानवीय संवेदना के आधार पर पूरे मामले की कोर्ट ने सुनवाई की.

अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल मनिन्दर आचार्य ने कोर्ट को बताया कि केन्द्र सरकार संबंधित दूतावास से पूरी जानकारी दरयाफ्त कर रही है, ताकि कमलेश के शव को भारत लाया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार के वरीय अधिकारी पूरे मामले को देख रहे हैं. उच्चस्तर पर इसकी चर्चा भी की गई है.

तीन भारतीयों के शव दुबई में हैं. सूत्रों के अनुसार दो अन्य शव पंजाब से है. सूत्रों की मानें तो इनमें से किसी की भी मौत कोरोना से नहीं हुई है. कमलेश की मौत हार्ट अटैक से हुई. ईटीवी भारत के पास उसके पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध है.

इस खबर के बाद ईटीवी भारत ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय दोनों से संपर्क साधा था. ईटीवी भारत लगातार परिवार वालों के संपर्क में भी बना रहा.

यह भी पढ़ें: मौत के बाद भी दुर्दशा : दुबई में मृत कमलेश का शव दिल्ली लाकर वापस भेजा गया

ईटीवी भारत में इस खबर के प्रकाशित होने के बाद शनिवार को ही गृह मंत्रालय को एक स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा. इसके अनुसार आगे से कोई भी भ्रम की स्थिति ना रहे, इसलिए एक निर्धारित प्रक्रिया तय कर ली गई है.

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अगर आगे से इस तरह का कोई मामला आता है, तो स्वास्थ्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से एनओसी प्राप्त करने के बाद शवों को लाया जा सकता है.

विदेशी मामलों के प्रभाग के आव्रजन अनुभाग में एक निदेशक स्तर के अधिकारी ने ज्ञापन में कहा कि यह स्पष्ट करने के लिए निर्देशित किया जाता है कि भारतीय नागरिकों / ओसीआई कार्ड धारकों के शवों और अवशेषों (जैसे अस्थि कलश) को भारत लाए जाने के संबंध में आव्रजन का कार्य विभिन्न मंत्रालयों द्वारा जारी दिशानिर्देशों के कड़ाई से पालन के अधीन किया जाएगा. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी), अनुमोदन या सहमति प्राप्त करने के बाद शव या अवशेष प्राप्त किए जा सकते हैं.ज्ञापन में कहा गया है कि इस संबंध में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए.

Last Updated : Apr 26, 2020, 12:26 PM IST
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