ETV Bharat / bharat

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए 3,300 करोड़ रुपये से अधिक के अधिग्रहण को दी मंजूरी - acquisition for indian army

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए 3,300 करोड़ रुपये से अधिक के अधिग्रहण को मंजूरी दी है. इसमें मेड इन इंडिया एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें शामिल हैं.

राजनाथ सिंह.
author img

By

Published : Oct 22, 2019, 7:47 AM IST

नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को भारतीय सेना के लिए 3,300 करोड़ रुपये से अधिक के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी. इसमें मेड इन इंडिया एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें शामिल थीं, जो दुश्मन के टैंक को आसानी से नष्ट करे सकेंगी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख पहल, मेक इन इंडिया के अनुरूप भारत में निजी कंपनियों द्वारा रक्षा उपकरणों के डिजाइन, विकास और निर्माण के लिए तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है.

परियोजनाओं में टी -72 और टी -90 टैंकों के लिए तीसरी पीढ़ी के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम), सहायक विद्युत इकाइयों (एपीयू) का निर्माण शामिल है. तीसरी परियोजना पहाड़ और ऊंचाई वाले इलाकों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (ईडब्ल्यू) प्रणालियों को असतत करने से संबंधित है.

सरकार ने कहा कि रक्षा प्रणाली और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा ईडब्ल्यू प्रणाली को डिजाइन और विकसित किया जाएगा.

वहीं, तीसरी पीढ़ी की एटीजीएम एक बख्तरबंद लड़ाई में सैनिकों को फायर एंड फॉर्गेट और शीर्ष हमले की क्षमता प्रदान करेगी. एपीयू टैंक के फायर कंट्रोल सिस्टम और रात में लड़ने की क्षमताओं में मद्दगार साबित होगा.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मेक- II श्रेणी के तहत दोनों परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा. इससे निजी क्षेत्र में स्वदेशी अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिलेगा.'

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पहली बार भारतीय निजी उद्योग द्वारा डिजाइन, विकसित और निर्मित जटिल सैन्य उपकरणों की पेशकश की गई है.

नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को भारतीय सेना के लिए 3,300 करोड़ रुपये से अधिक के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी. इसमें मेड इन इंडिया एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें शामिल थीं, जो दुश्मन के टैंक को आसानी से नष्ट करे सकेंगी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख पहल, मेक इन इंडिया के अनुरूप भारत में निजी कंपनियों द्वारा रक्षा उपकरणों के डिजाइन, विकास और निर्माण के लिए तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है.

परियोजनाओं में टी -72 और टी -90 टैंकों के लिए तीसरी पीढ़ी के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम), सहायक विद्युत इकाइयों (एपीयू) का निर्माण शामिल है. तीसरी परियोजना पहाड़ और ऊंचाई वाले इलाकों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (ईडब्ल्यू) प्रणालियों को असतत करने से संबंधित है.

सरकार ने कहा कि रक्षा प्रणाली और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा ईडब्ल्यू प्रणाली को डिजाइन और विकसित किया जाएगा.

वहीं, तीसरी पीढ़ी की एटीजीएम एक बख्तरबंद लड़ाई में सैनिकों को फायर एंड फॉर्गेट और शीर्ष हमले की क्षमता प्रदान करेगी. एपीयू टैंक के फायर कंट्रोल सिस्टम और रात में लड़ने की क्षमताओं में मद्दगार साबित होगा.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मेक- II श्रेणी के तहत दोनों परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा. इससे निजी क्षेत्र में स्वदेशी अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिलेगा.'

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पहली बार भारतीय निजी उद्योग द्वारा डिजाइन, विकसित और निर्मित जटिल सैन्य उपकरणों की पेशकश की गई है.

Intro:Body:Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.