नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज (सोमवार) सियाचिन ग्लेशियर के दौरे पर पहुंचे. जम्मू कश्मीर में आतंकवाद निरोधक अभियान का जायजा लेने के साथ ही पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर सुरक्षा तैयारियों का गृह मंत्री जायजा लेंगे. रक्षा मंत्री के साथ सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत भी मौजदू हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज अपने पहले आधिकारिक दौरे पर दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पहुंच गए हैं. यहां वे सैनिकों के बीच समय गुजारा. उनके साथ थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत भी मौजूद हैं.
जवानों से मुलाकात करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सियाचिन में हमारे सैनिक कठिन परिस्थितियों में भी बड़े साहस और धैर्य के साथ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. मैं उनकी दृढता और वीरता को सलाम करता हूं.
सियाचिन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेस कैंप में सैनिकों से मुलाकात की और शहीद स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
इससे पहले आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिंह रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद पहली यात्रा में सबसे पहले सियाचिन ग्लेशियर जाएंगे जिसे दुनिया का सबसे खतरनाक युद्धक्षेत्र कहा जाता है. यहां वह फील्ड कमांडरों और जवानों के साथ बातचीत करेंगे.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा था कि सिंह सियाचिन से श्रीनगर जाएंगे जहां उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी उन्हें पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर सुरक्षा परिदृश्य के बारे में तथा आतंकवाद निरोधक अभियानों के बारे में जानकारी देंगे.
सूत्रों ने कहा कि सिंह सबसे पहले सुबह लद्दाख में अधिक ऊंचाई पर स्थित थोइस हवाईअड्डे पर पहुंचेंगे जहां से वह कुमार पोस्ट जाएंगे. इसके बाद रक्षा मंत्री सियाचिन ग्लेशियर जाएंगे. वहां वह सेना के फील्ड कमांडरों और सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे.
सिंह सियाचिन युद्ध स्मारक पर पुष्प भी चढ़ाएंगे.
कोराकोरुम रेंज में स्थित सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सर्वोच्च सैन्य क्षेत्र है जहां जवानों को अत्यधिक सर्दी और तेज हवाओं का सामना करना पड़ता है.
सर्दियों में ग्लेशियर पर भूस्खलन और हिमस्खलन आम बात है. यहां तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है.
सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री को 14 कोर और 15 कोर में पाकिस्तान की ओर से पैदा की गयी किसी तरह की प्रतिकूल स्थिति से निपटने की भारत की तैयारी आदि पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया जाएगा.
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रक्षा मंत्री सोमवार शाम को नई दिल्ली लौट सकते हैं.