नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नेपाल के क्षेत्रीय दावे को सोमवार को खारिज कर दिया. लिपुलेख-धारचूला सड़क के पूरी तरह भारतीय क्षेत्र में होने की बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पड़ोसी देश के साथ 'गलतफहमियों' को बातचीत के जरिए हल करने की इच्छुक है.
राजनाथ ने दोनों देशों के बीच सदियों पुराने संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि यह संबंध सामाजिक, भौगोलिक, एतिहासिक और सांस्कृतिक भर नहीं हैं, बल्कि आध्यात्मिक भी है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत इस हकीकत को कभी भूल नहीं सकता और भारतीयों के मन में नेपाल के प्रति कोई कड़वाहट हो ही नहीं सकती.
राजनाथ ने भाजपा की उत्तराखंड के लिए एक डिजिटल रैली में कहा, 'हमारे संबंध केवल इस दुनिया के नहीं हैं बल्कि 'दूसरी दुनिया' के भी है और कोई चाहे भी तो इसे बदला नहीं जा सकता.'
उन्होंने कहा, ''यह साधारण संबंध नहीं हैं और हमारे बीच 'रोटी और बेटी' का संबंध है और दुनिया की कोई ताकत इसे तोड़ नहीं सकती."
उन्होंने कहा, 'हमारे बीच केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध नहीं हैं बल्कि आध्यात्मिक संबंध भी हैं और भारत इसे कभी भूल नहीं सकता.'
उन्होंने कहा, 'भारत और नेपाल के बीच संबंध कैसे टूट सकते हैं?'
दरअसल नेपाल की संसद ने शनिवार को देश के नए राजनीतिक नक्शे को अद्यतन करने के लिए संविधान में संशोधन के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया है. वह सीमा पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तीन इलाकों पर अपना दावा कर रहा है.
रक्षा मंत्री ने कहा, 'अगर लिपुलेख-धारचूला सड़क से नेपाल के लोगों में किसी प्रकार की गलतफहमी हुई है तो मेरा मानना है कि उसे दूर करने के लिए हम साथ बैठ सकते हैं. हम बातचीत के जरिए ऐसा कर सकते हैं.'
वर्चुअल रैली में सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि रक्षा मंत्री पड़ोसी देशों के साथ तल्ख रिश्तों को सुधारने में जुटे हुए हैं. वर्तमान समय में देश सकंट के दौर से गुजर रहा है. इस घड़ी में केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे हौसला-अफजाई से उत्तराखंड के लोगों में उत्साहवर्धन हो रहा है.
उन्होंने भारत के उस रुख को दोहराया कि 80 किलोमीटर की सड़क भारतीय क्षेत्र में ही बनी है. साथ ही कहा कि इससे नेपाल में कुछ गलतफहमियां पैदा हुई हैं. सिंह के अनुसार इस मार्ग से कैलाश मानसरोवर की यात्रा छह दिन कम हो जाएगी.
नेपाल ने सड़क के उद्घाटन का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि यह नेपाल के क्षेत्र से हो कर गुजर रही है. वहीं भारत ने नेपाल के दावे को खारिज करते हुए कहा था कि यह सड़क पूरी तरह से उसके अपने क्षेत्र में है.
सिंह ने दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ संबंधों को रेखांकित करने के लिए गोरखा रेजीमेंट के शौर्य का जिक्र किया, जिसके लिए अधिकतर सैनिक नेपाल से आते हैं और उनका युद्धघोष हैं 'महा काली,आयो गोरखाली.'
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उन्होंने सवाल किया, 'भारत और नेपाल के बीच संबंध कैसे समाप्त हो सकते हैं. कोई धारचूला के पास कितनी भी तारबंदी कर ले, इन संबंधों को समाप्त नहीं किया जा सकता.'
इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार के कामकाज का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने, तीन तलाक को समाप्त करने जैसे वादों को पूरा किया है.
उन्होंने कहा कि नेताओं के वादों और उनके कामों में जो अंतर है, उसने 'विश्वसनीयता का संकट' पैदा कर दिया था, लेकिन मोदी सरकार ने पार्टी के घोषणापत्र में कही गई बातों पर अमल करके इस पर विजय पाई है.