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उन्नाव रेप केस में फैसला 16 को, भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर है आरोपी

उत्तर प्रदेश के एक भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े उन्नाव रेप मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट इस मामले पर 16 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगा.

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Published : Dec 10, 2019, 6:37 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 6:56 PM IST

कुलदीप सेंगर
कुलदीप सेंगर

नई दिल्ली : भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े उन्नाव रेप मामले में दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज धर्मेश शर्मा ने इस मामले पर 16 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है. कोर्ट इस मामले पर पिछले 2 दिसंबर से सभी पक्षों की दलीलें सुन रहा था.

बीते 2 दिसंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीड़िता और उसके परिजनों को मिली सुरक्षा अभी जारी रहेगी. कोर्ट ने कहा था कि अभी पीड़िता और उसके परिजनों के बयान दूसरे मामलों में भी दर्ज होने हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा अभी आगे भी जारी रहेगी.

इस मामले में कोर्ट ने बचाव पक्ष के नौ गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज किए.

उन्नाव रेप केस में 16 दिसंबर को आएगा फैसला.

इससे पहले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को इसका इंतजाम करने का निर्देश दिया था.

पिछले 21 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में अधूरे साक्ष्य कोर्ट में जमा कराने पर सीबीआई को फटकार लगाते हुए पीड़िता के चाचा की पूरी कॉल डेटा रिपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया था . सीबीआई ने पीड़िता के चाचा की अधूरी कॉल डेटा रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी.

पिछले 11 अक्टूबर को पीड़िता के साथ हुए एक्सीडेंट के मामले में सीबीआई ने दायर अपनी चार्जशीट में कहा था कि एक्सीडेंट लापरवाही से वाहन चलाने की वजह से हुई. सीबीआई ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ हत्या की धाराओं को हटा दिया है.

पढ़ें- जयाप्रदा ने दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर जताया रोष

चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई समेत मनोज के खिलाफ पीड़िता के परिवार को केस वापस लेने के लिए धमकाने का आरोप लगाया गया है. चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर को एक्सीडेंट का साजिश रचने का आरोपी नहीं बनाया गया है.

आपको बता दें कि पीड़िता के चाचा ने इस एक्सीडेंट के लिए कुलदीप सिंह सेंगर को साजिश रचने का आरोपी माना है. इस मामले में आईफोन निर्माता कंपनी एपल ने कोर्ट को बताया था कि घटना के दिन आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है.

गत 29 सितंबर को कोर्ट ने एपल कंपनी से घटना वाले दिन कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन की जानकारी मांगी थी. दरअसल सेंगर ने कोर्ट को बताया था कि वह घटना वाले दिन घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे. उसके बाद कोर्ट ने एपल कंपनी से सेंगर की लोकेशन मांगी थी.

पिछले एक अक्टूबर को कोर्ट ने उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट का बयान दर्ज किया था. उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता की चाची का बयान दर्ज किया था. इस मामले में डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने पीड़िता की मां का भी बयान दर्ज किया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछली 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था। गत 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था।

नई दिल्ली : भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े उन्नाव रेप मामले में दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज धर्मेश शर्मा ने इस मामले पर 16 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है. कोर्ट इस मामले पर पिछले 2 दिसंबर से सभी पक्षों की दलीलें सुन रहा था.

बीते 2 दिसंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीड़िता और उसके परिजनों को मिली सुरक्षा अभी जारी रहेगी. कोर्ट ने कहा था कि अभी पीड़िता और उसके परिजनों के बयान दूसरे मामलों में भी दर्ज होने हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा अभी आगे भी जारी रहेगी.

इस मामले में कोर्ट ने बचाव पक्ष के नौ गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज किए.

उन्नाव रेप केस में 16 दिसंबर को आएगा फैसला.

इससे पहले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को इसका इंतजाम करने का निर्देश दिया था.

पिछले 21 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में अधूरे साक्ष्य कोर्ट में जमा कराने पर सीबीआई को फटकार लगाते हुए पीड़िता के चाचा की पूरी कॉल डेटा रिपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया था . सीबीआई ने पीड़िता के चाचा की अधूरी कॉल डेटा रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी.

पिछले 11 अक्टूबर को पीड़िता के साथ हुए एक्सीडेंट के मामले में सीबीआई ने दायर अपनी चार्जशीट में कहा था कि एक्सीडेंट लापरवाही से वाहन चलाने की वजह से हुई. सीबीआई ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ हत्या की धाराओं को हटा दिया है.

पढ़ें- जयाप्रदा ने दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर जताया रोष

चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई समेत मनोज के खिलाफ पीड़िता के परिवार को केस वापस लेने के लिए धमकाने का आरोप लगाया गया है. चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर को एक्सीडेंट का साजिश रचने का आरोपी नहीं बनाया गया है.

आपको बता दें कि पीड़िता के चाचा ने इस एक्सीडेंट के लिए कुलदीप सिंह सेंगर को साजिश रचने का आरोपी माना है. इस मामले में आईफोन निर्माता कंपनी एपल ने कोर्ट को बताया था कि घटना के दिन आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है.

गत 29 सितंबर को कोर्ट ने एपल कंपनी से घटना वाले दिन कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन की जानकारी मांगी थी. दरअसल सेंगर ने कोर्ट को बताया था कि वह घटना वाले दिन घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे. उसके बाद कोर्ट ने एपल कंपनी से सेंगर की लोकेशन मांगी थी.

पिछले एक अक्टूबर को कोर्ट ने उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट का बयान दर्ज किया था. उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता की चाची का बयान दर्ज किया था. इस मामले में डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने पीड़िता की मां का भी बयान दर्ज किया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछली 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था। गत 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था।

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े मामलों में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंज जज धर्मेश शर्मा ने 16 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया। कोर्ट इस मामले पर पिछले 2 दिसंबर से सभी पक्षों की दलीलें सुन रहा था।



Body:पिछले 2 दिसंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीड़िता और उसके परिजनों को मिली सुरक्षा अभी जारी रहेगी। कोर्ट ने कहा था कि अभी पीड़िता और उसके परिजनों के बयान दूसरे मामलों में भी दर्ज होने हैं इसलिए उनकी सुरक्षा अभी आगे भी जारी रहेगी।
इस मामले में कोर्ट ने बचाव पक्ष के 9 गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज कर चुका है। पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को इसके इंतजाम करने का निर्देश दिया था।
पिछले 21 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में अधूरे साक्ष्य कोर्ट में जमा कराने पर सीबीआई को फटकार लगाते हुए पीड़िता के चाचा का पूरा कॉल डाटा रिपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया था । सीबीआई ने पीड़िता के चाचा की अधूरी कॉल डाटा रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल किया था।
पिछले 11 अक्टूबर को पीड़िता के साथ हुए एक्सीडेंट के मामले में सीबीआई ने दायर अपने चार्जशीट में कहा था कि एक्सीडेंट लापरवाही से वाहन चलाने की वजह से हुई। सीबीआई ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ हत्या की धाराओं को हटा दिया है ।
चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई समेत मनोज के खिलाफ पीड़िता के परिवार को केस वापस लेने के लिए धमकाने का आरोप लगाया गया है। चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एक्सीडेंट का साजिश रचने का आरोपी नहीं बनाया गया है।
आपको बता दें कि पीड़िता के चाचा ने इस एक्सीडेंट के लिए कुलदीप सिंह सेंगर को साजिश रचने का आरोपी माना है। इस मामले में आईफोन निर्माता कंपनी एपल ने कोर्ट को बताया था कि घटना के दिन आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है। पिछले 29 सितंबर को कोर्ट ने एपल कंपनी से घटना वाले दिन कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन की जानकारी मांगी थी। दरअसल कुलदीप सिंह सेंगर ने कोर्ट को बताया था कि वो घटना वाले दिन घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। उसके बाद कोर्ट ने एपल कंपनी से कुलदीप सिंह सेंगर की लोकेशन मांगी थी।
पिछले 1 अक्टूबर को कोर्ट ने उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट का बयान दर्ज किया था। उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता की चाची का बयान दर्ज किया था। इस मामले में डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने पीड़िता की मां का भी बयान दर्ज किया।



Conclusion:आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछले 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था। पिछले 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था। 
Last Updated : Dec 10, 2019, 6:56 PM IST
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