नई दिल्ली: साउथ दिल्ली के ओखला में दिल्लीबाल संरक्षण अधिकार आयोग (डीसीपीसीआर) ने 8 बच्चों को रेस्क्यू किया है. जिन्हें बाल श्रम के अंतर्गत काम करवाया जा रहा था. रेस्क्यू किए गए बच्चों में 12 साल से 17 साल तक के मासूम शामिल हैं, जो ढाबे के अलावा बड़ी-बड़ी दुकानों पर भी काम करते हुए पाए गए.
12 से 17 साल के बच्चों से कराया जा रहा था काम
डीसीपीसीआर के मेंबर रूप सुदेश विमल ने बताया कि जब हमने गुप्त सूचना के आधार पर ओखला इलाके में छापेमारी की तो हमने देखा कि 12 से 17 साल के लड़के फुटवेयर शॉप, ढाबा और नत्थू स्वीट पर काम कर रहे थे, जिन्हें उनके काम की बेहद ही कम तनख्वाह दी जा रही थी.
पढ़े-लिखे लोग तोड़ते हैं कानून
डीसीपीसीआर के मेंबर रूप सुदेश विमल का कहना था कि दुख होता है कि जिन लोगों को कानून के बारे में जानकारी है, जो लोग पढ़े लिखे हैं. उसके बावजूद वह चाइल्ड लेबर को बढ़ावा देते हैं और छोटे-छोटे बच्चों से काम करवाते हैं.
1098 हेल्पलाइन नंबर पर करें कॉल
रूप सुदेश विमल का कहना था कि कहीं ना कहीं लोगों में जागरूकता की कमी है. जिसके लिए डीसीपीसीआर लगातार काम कर रहा है और कई अभियान चलाए जा रहे हैं. यहां तक कि जो तमाम स्टेक होल्डर हैं, उन्हें भी ऐसे मामलों में सतर्क रहने को कहा गया है.
उन्होंने कहा कि डीसीपीसीआर उनसे हमेशा कुछ समय बाद संपर्क करता रहता है. यदि कोई बच्चा किसी तकलीफ में पाया जाता है, तो उसके लिए डीसीपीसीआर हेल्पलाइन नंबर 1098 पर तुरंत कॉल करके जानकारी दें.
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दुकानों को किया गया सील
डीसीपीसीआर मेंबर ने बताया कि फिलहाल उन दुकानों को सील कर दिया गया. जहां बच्चे काम करते पाए गए थे. उन्होंने कहा कि उनके मालिकों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं. बच्चों को रेस्क्यू कर उनके परिवार तक पहुंचा दिया गया है.