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दाऊद इब्राहिम हमारा नागरिक नहीं : डोमिनिका सरकार

पाकिस्तान में रह रहे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर डोमिनिका सरकार ने कहा है कि दाऊद कभी भी कैरिबियाई द्वीप का नागरिक नहीं रहा है.

दाऊद इब्राहिम
दाऊद इब्राहिम
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Published : Aug 30, 2020, 8:50 PM IST

नई दिल्ली : डोमिनिका सरकार ने कहा है कि अंडरवर्ल्ड डॉन और भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम कभी भी कैरिबियाई द्वीप का नागरिक नहीं रहा.

एक बयान में डोमिनिकन सरकार ने कहा, 'दाऊद इब्राहिम कासकर न तो कभी डोमिनिका के राष्ट्रमंडल का नागरिक रहा है और न नागरिकता के आधार पर किसी निवेश कार्यक्रम का हिस्सा रहा है. किसी भी व्यक्ति या किसी भी मीडिया संस्थान द्वारा इस तरह की प्रकाशित खबरें पूरी तरह से गलत हैं.'

यह निवेश के आधार पर नागरिकता प्रदान करने वाली निवेश इकाई की जिम्मेदारी है कि वह निवेश के माध्यम से नागरिकता देने के कार्यक्रम की जटिल और कर्मठता के साथ सुरक्षा प्रदान करे.

बयान में कहा गया है कि इंवेस्टमेंट यूनिट द्वारा नागरिकता नीयत परिश्रम की एक बहु-स्तरीय प्रणाली को लागू करती है, जिसमें संयुक्त राज्य और यूनाइटेड किंगडम में स्थित प्रतिष्ठित, शीर्ष स्तरीय, फर्मों द्वारा आंतरिक और बाहरी दोनों जांच शामिल हैं.

बयान में आगे कहा गया है कि ये बाहरी फर्म गहन शोध करती हैं. इस शोध में ग्राउंड रिपोर्ट का गहन अध्ययन कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाती है.

इस तरह से डोमिनिका पेशेवर नैतिकता और डोमिनिकन नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक दृढ़ प्रतिबद्धता रखता है.

दाऊद इब्राहिम 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों को लेकर भारत में कानून का सामना करना चाहता था, जिसमें लोग मारे गए और घायल हुए. भारत ने कई बार पाकिस्तान को दाऊद इब्राहिम को सौंपने के लिए कहता रहा है, जबकि पाकिस्तान दाऊद इब्राहिम को शरण देने से इंकार करता रहा है.

पढ़ें - डोभाल का निशाना, बोले- FATF के कारण दबाव में पाक

हालांकि पाकिस्तान इस बात से इनकार करता रहा है कि उसने दाऊद इब्राहिम को पनाह दी है. हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में एक दस्तावेज में दाऊद इब्राहिम के स्थान का खुलासा किया, जो इस्लामाबाद द्वारा स्वीकृत 88 आतंकवादियों की सूची से संबंधित था. पाकिस्तान में माना की दाऊद कराची के ह्वाइट हाऊस में रहता है.

पाकिस्तान ने यह खुलासा ऐसे समय में किया है जब अक्टूबर में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक होने वाली है, जिसमें यह समीक्षा की जाएगी कि पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकी वित्तपोषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं.

बता दें पाकिस्तान को बार-बार आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. इतना ही नहीं पाकिस्तान जून 2018 से FATF की ग्रे सूची में शामिल है.

नई दिल्ली : डोमिनिका सरकार ने कहा है कि अंडरवर्ल्ड डॉन और भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम कभी भी कैरिबियाई द्वीप का नागरिक नहीं रहा.

एक बयान में डोमिनिकन सरकार ने कहा, 'दाऊद इब्राहिम कासकर न तो कभी डोमिनिका के राष्ट्रमंडल का नागरिक रहा है और न नागरिकता के आधार पर किसी निवेश कार्यक्रम का हिस्सा रहा है. किसी भी व्यक्ति या किसी भी मीडिया संस्थान द्वारा इस तरह की प्रकाशित खबरें पूरी तरह से गलत हैं.'

यह निवेश के आधार पर नागरिकता प्रदान करने वाली निवेश इकाई की जिम्मेदारी है कि वह निवेश के माध्यम से नागरिकता देने के कार्यक्रम की जटिल और कर्मठता के साथ सुरक्षा प्रदान करे.

बयान में कहा गया है कि इंवेस्टमेंट यूनिट द्वारा नागरिकता नीयत परिश्रम की एक बहु-स्तरीय प्रणाली को लागू करती है, जिसमें संयुक्त राज्य और यूनाइटेड किंगडम में स्थित प्रतिष्ठित, शीर्ष स्तरीय, फर्मों द्वारा आंतरिक और बाहरी दोनों जांच शामिल हैं.

बयान में आगे कहा गया है कि ये बाहरी फर्म गहन शोध करती हैं. इस शोध में ग्राउंड रिपोर्ट का गहन अध्ययन कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाती है.

इस तरह से डोमिनिका पेशेवर नैतिकता और डोमिनिकन नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक दृढ़ प्रतिबद्धता रखता है.

दाऊद इब्राहिम 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों को लेकर भारत में कानून का सामना करना चाहता था, जिसमें लोग मारे गए और घायल हुए. भारत ने कई बार पाकिस्तान को दाऊद इब्राहिम को सौंपने के लिए कहता रहा है, जबकि पाकिस्तान दाऊद इब्राहिम को शरण देने से इंकार करता रहा है.

पढ़ें - डोभाल का निशाना, बोले- FATF के कारण दबाव में पाक

हालांकि पाकिस्तान इस बात से इनकार करता रहा है कि उसने दाऊद इब्राहिम को पनाह दी है. हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में एक दस्तावेज में दाऊद इब्राहिम के स्थान का खुलासा किया, जो इस्लामाबाद द्वारा स्वीकृत 88 आतंकवादियों की सूची से संबंधित था. पाकिस्तान में माना की दाऊद कराची के ह्वाइट हाऊस में रहता है.

पाकिस्तान ने यह खुलासा ऐसे समय में किया है जब अक्टूबर में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक होने वाली है, जिसमें यह समीक्षा की जाएगी कि पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकी वित्तपोषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं.

बता दें पाकिस्तान को बार-बार आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. इतना ही नहीं पाकिस्तान जून 2018 से FATF की ग्रे सूची में शामिल है.

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