दुमका : जरमुंडी हटिया टोला निवासी उमा देवी की मौत के बाद उनकी दो बेटिंयां अपनी मां को कंधों पर उठाकर न सिर्फ शव यात्रा में शामिल हुईं, बल्कि अंत्येष्टि कर्म को लेकर बेटे की तरह छोटी पुत्री बुलबुल देवी ने मुखाग्नि देकर समाज में मिसाल कायम की है.
जानकारी के मुताबिक उमा देवी के पति खुदू पाल की 18 साल पहले मृत्यु हो गई थी. उमा देवी की पांच संतानों में तीन पुत्र और दो पुत्रियां हैं, पति के मृत्यु के बाद उमा देवी की पुत्र के साथ अनबन हो गयी और उमा देवी को बेसहारा जिंदगी जीनी पड़ रही थी. उसके पुत्रों ने उसका एक तरह से परित्याग कर दिया था, जिसके बाद दोनों बेटियां ही बेटे की तरह सहारा बनीं.
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बेटे की चाहत रखने वालों को सीख
वहीं, उमा देवी की मृत्यु के बाद दोनों बेटियों ने कंधा देकर मुखाग्नि कर्म से लेकर अंत्येष्टि कर्म तक करने का बीड़ा उठाया, जिसका लोगों ने भी साथ दिया और उनकी प्रशंसा भी की. लोगों ने कहा कि इससे उन लोगों को समझना चाहिए, जो बेटे की चाहत में बेटियों की बलि दे देते हैं. उनके लिए यह दृश्य एक बड़ी सीख है.