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दारुल उलूम देवबंद का फतवा- मुस्लिम समाज ईद की नमाज घर पर ही पढ़े

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Published : May 18, 2020, 6:04 PM IST

यूपी के सहारनपुर जिले में दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर निर्देश दिया है कि सभी मुस्लिम भाई ईद उल फित्र की नमाज घर से ही अदा करें. साथ ही शासन के निर्देशानुसार मस्जिद में न जाएं. फतवे में साफ किया गया है कि जो लोग मजबूरी की वजह से नमाज अदा नहीं कर पाएंगे, उनके लिए नमाज-ए-ईद माफ होगी.

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प्रतीकात्मक चित्र

सहारनपुर : एक ओर जहां कोरोना वायरस के कहर से पूरी दुनिया दहशत में है. वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं. विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान एवं फतवों की नगरी दारुल उलूम देवबंद ने कोरोना से बचाव के लिए फतवा जारी किया है. फतवे में कहा गया है कि ईद उल फित्र की नमाज और जुमे की नमाज घरों से अदा करें. जैसा कि शासन-प्रशासन के निर्देशानुसार मस्जिद या घरों में नमाज अदा करने को कहा गया है.

फतवे में साफ किया गया है कि जो लोग मजबूरी की वजह से नमाज अदा नहीं कर पाएंगे, उनके लिए नमाज-ए-ईद माफ होगी. बता दें कि पिछले कुछ महीने से पूरी दुनिया कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है. कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. भारत में पॉजिटिव मामलों में ज्यादातर मरकज जमाती और उनके नजदीकियों में पाए जा रहे हैं.

अशरफ उस्मानी

लगातार बढ़ते पॉजिटिव मामलों के चलते सरकार ने लॉकडाउन पार्ट-4 लागू कर दिया है. इसी कड़ी में फतवों की नगरी दारुल उलूम देवबंद ने मुसलमानों एवं रोजेदारों के लिए फतवा जारी किया है. मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी के लिखित सवाल के जवाब में दारुल उलूम के मुफ्तियों की खंडपीठ ने जारी फतवे में कहा है कि ईद की नमाज वाजिब है और इसके लिए वही शर्त है, जो जुमे की नमाज के लिए है.

इसे भी पढ़ें- लॉकडाउन : मजदूरों को राहत, सहारनपुर से बिहार के लिए चली दूसरी स्पेशल ट्रेन

फतवे में कहा गया कि अगर ईद उल फित्र तक लाॅकडाउन जारी रहता है और मस्जिदों में पांच लोगों से ज्यादा नमाज की इजाजत नहीं होती है, तो लाॅकडाउन में पढ़ी जा रही जुमे की नमाज की तरह ही ईद की नमाज भी अदा की जाएगी. साथ ही यह भी लिखा गया है कि जिन लोगों के लिए ईद की नमाज की कोई सूरत न बन सके. उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है. मजबूरी की वजह से उनसे नमाज-ए-ईद माफ होगी. अलबत्ता ऐसे लोग, जो नमाज-ए-ईद न पढ़ पाएं, वह अपने-अपने घरों में दो या चार रकाअत चाश्त की नमाज पढ़ लें तो बेहतर रहेगा.

सहारनपुर : एक ओर जहां कोरोना वायरस के कहर से पूरी दुनिया दहशत में है. वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं. विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान एवं फतवों की नगरी दारुल उलूम देवबंद ने कोरोना से बचाव के लिए फतवा जारी किया है. फतवे में कहा गया है कि ईद उल फित्र की नमाज और जुमे की नमाज घरों से अदा करें. जैसा कि शासन-प्रशासन के निर्देशानुसार मस्जिद या घरों में नमाज अदा करने को कहा गया है.

फतवे में साफ किया गया है कि जो लोग मजबूरी की वजह से नमाज अदा नहीं कर पाएंगे, उनके लिए नमाज-ए-ईद माफ होगी. बता दें कि पिछले कुछ महीने से पूरी दुनिया कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है. कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. भारत में पॉजिटिव मामलों में ज्यादातर मरकज जमाती और उनके नजदीकियों में पाए जा रहे हैं.

अशरफ उस्मानी

लगातार बढ़ते पॉजिटिव मामलों के चलते सरकार ने लॉकडाउन पार्ट-4 लागू कर दिया है. इसी कड़ी में फतवों की नगरी दारुल उलूम देवबंद ने मुसलमानों एवं रोजेदारों के लिए फतवा जारी किया है. मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी के लिखित सवाल के जवाब में दारुल उलूम के मुफ्तियों की खंडपीठ ने जारी फतवे में कहा है कि ईद की नमाज वाजिब है और इसके लिए वही शर्त है, जो जुमे की नमाज के लिए है.

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फतवे में कहा गया कि अगर ईद उल फित्र तक लाॅकडाउन जारी रहता है और मस्जिदों में पांच लोगों से ज्यादा नमाज की इजाजत नहीं होती है, तो लाॅकडाउन में पढ़ी जा रही जुमे की नमाज की तरह ही ईद की नमाज भी अदा की जाएगी. साथ ही यह भी लिखा गया है कि जिन लोगों के लिए ईद की नमाज की कोई सूरत न बन सके. उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है. मजबूरी की वजह से उनसे नमाज-ए-ईद माफ होगी. अलबत्ता ऐसे लोग, जो नमाज-ए-ईद न पढ़ पाएं, वह अपने-अपने घरों में दो या चार रकाअत चाश्त की नमाज पढ़ लें तो बेहतर रहेगा.

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