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कर्नाटक में 'क्यार' चक्रवात का कहर, पश्चिमी तट पर विकट स्थिति की आशंका

कर्नाटक के तट से गुजर रहा चक्रवात अपना कहर दिखा रहा है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान पूर्व और मध्य अरब सागर में समुद्र की स्थिति बहुत अधिक खराब होने की आशंका जताई है. चक्रवात के कारण राज्य के दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिले में मूसलाधार बारिश हुई. इससे कई क्षेत्रों में पेड़ गिरने के साथ कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं. यह चक्रवात रविवार तक महाराष्ट्र में दस्तक देगा, लेकिन बीते शुक्रवार से ही इलाकों में इसका असर दिखाई देने लगा है. पढ़ें पूरी खबर...

चक्रवात का कहर
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Published : Oct 26, 2019, 2:03 PM IST

Updated : Oct 26, 2019, 8:01 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के तटीय इलाकों से गुजर रहे क्यार चक्रवात का राज्य में काफी प्रभाव पड़ रहा है. चक्रवात के कारण प्रदेश के उडुपी जिले के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने पहले ही शहर को रेड अलर्ट पर रखा था. इसके साथ ही यह चक्रवात रविवार को महाराष्ट्र में पंहुचेगा, लेकिन इसका असर शुक्रवार से ही महाराष्ट्र में दिखाई देने लगा है. इसी कारण से पालघर में कई नौकाएं किनारे लगा दी गई हैं.

महाराष्ट्र के तटवर्ती इलाकों में चक्रवाती तूफान क्यार के चलते मूसलाधार बारिश हो सकती है. यह जानकारी मौसम विभाग ने दी.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान पूर्व और मध्य अरब सागर में समुद्र की स्थिति विकट होने की आशंका जताई है. दरअसल क्यार तूफान के कारण अगले 24 घंटों के दौरान उत्तरी कर्नाटक तट पर इसका गंभीर असर होगा.

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KSNDMC द्वारा जारी सूचना पत्र
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KSNDMC द्वारा जारी सूचना पत्र
इसके साथ दक्षिण के अंदरूनी कर्नाटक, तटीय कर्नाटक और उत्तरी-आंतरिक कर्नाटक में कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना जताई है.वहीं भारतीय तटरक्षक बल के अनुसार चक्रवात क्यार के मद्देनजर पश्चिमी तट पर खोज और बचाव अभियान के लिए प्रयास तेज कर दिये हैं. डॉर्नियर विमान मछली पकड़ने वाली उन नौकाओं की तलाश कर रहे हैं, जो फंसी हुई हैं. समुद्र में काम कर रहे तटरक्षक जहाजों को स्थानांतरित किया जा रहा है.

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के चलते पालघर जिला कलेक्टर कैलाश शिंदे ने मछुआरों को समुद्र तट पर नहीं जाने की चेतवानी दी है.

महाराष्ट्र में समुद्र के किनारे लगी नौकाएं.

जिला मत्स्य अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि 1411 नौकाएं समुद्र में गई थीं, जिनमें से 1,378 लौट आईं जबकि शेष 33 नौकाओं को सुरक्षित समुद्र किनारे लाने के प्रयास जारी हैं.
इससे एक दिन पहले मौसम विभाग के मुंबई केंद्र ने कहा कि अरब सागर में गहरे विक्षोभ के चलते चक्रवाती तूफान क्यार तेज हो गया है.

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चक्रवात का कहर

कर्नाटक में क्यार चक्रवात का कहर जारी है. भारत के पश्चिमी तट मंगलुरु के आस-पास मौसम की स्थिति देखते हुए मछली पकड़ने वाली लगभग 100 नौकाओं और हजारों लोगों को बचाकर बंदरगाह से सुरक्षित स्थान पर आश्रय दिया गया है.

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मंगलुरु तट पर सुरक्षित स्थान पर आती नाव

बता दें कि इससे पहले दक्षिण कन्नड़ जिले में गुरुवार रातभर भारी बारिश और शुक्रवार को रुक-रुककर बारिश हुई. इससे पूरा शहर तालाब में तब्दील हो गया. इन क्षेत्रों में चक्रवात से कई पेड़ गिर गये हैं. इसके साथ ही कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं.

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उडपी में चक्रवात से गिरा घर

आईएमडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 'चक्रवात महाराष्ट्र के रत्नागिरी से 190 किलोमीटर दूरी पर है.'

आईएमडी और कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों के दौरान कर्नाटक के समुद्री तटों की स्थिति भी बिगड़ सकती है.

दक्षिण, उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. इस क्षेत्र में अगले 24 घंटों में भारी वर्षा (200 मिमी से अधिक) होने की संभावना है.

बता दें कि दक्षिण कन्नड़ जिले में शुक्रवार को 32.4 मिमी बारिश हुई. इसमें मंगलुरु, बंतवाल और बेल्थांगडी में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बारिश हुई है.

पढ़ें : कर्नाटक में भारी बारिश के बाद बाढ़ की चपेट में सवदत्ती येलाम्मा मंदिर

सूत्रों ने कहा कि नेथरावती नदी का स्तर भी बढ़ रहा है और खतरे के स्तर 29.5 मीटर से 4.5 मीटर नीचे है.

आईएमडी ने अगले 24 से 36 घंटों के लिए तीन मीटर से 3.3 मीटर के बीच मंगलुरु, मालपे और कारवार तट पर भारी बारिश होने की संभावना जताई है. मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे अगले दो दिनों तक समुद्र में न जाएं.

बेंगलुरु : कर्नाटक के तटीय इलाकों से गुजर रहे क्यार चक्रवात का राज्य में काफी प्रभाव पड़ रहा है. चक्रवात के कारण प्रदेश के उडुपी जिले के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने पहले ही शहर को रेड अलर्ट पर रखा था. इसके साथ ही यह चक्रवात रविवार को महाराष्ट्र में पंहुचेगा, लेकिन इसका असर शुक्रवार से ही महाराष्ट्र में दिखाई देने लगा है. इसी कारण से पालघर में कई नौकाएं किनारे लगा दी गई हैं.

महाराष्ट्र के तटवर्ती इलाकों में चक्रवाती तूफान क्यार के चलते मूसलाधार बारिश हो सकती है. यह जानकारी मौसम विभाग ने दी.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान पूर्व और मध्य अरब सागर में समुद्र की स्थिति विकट होने की आशंका जताई है. दरअसल क्यार तूफान के कारण अगले 24 घंटों के दौरान उत्तरी कर्नाटक तट पर इसका गंभीर असर होगा.

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KSNDMC द्वारा जारी सूचना पत्र
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KSNDMC द्वारा जारी सूचना पत्र
इसके साथ दक्षिण के अंदरूनी कर्नाटक, तटीय कर्नाटक और उत्तरी-आंतरिक कर्नाटक में कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना जताई है.वहीं भारतीय तटरक्षक बल के अनुसार चक्रवात क्यार के मद्देनजर पश्चिमी तट पर खोज और बचाव अभियान के लिए प्रयास तेज कर दिये हैं. डॉर्नियर विमान मछली पकड़ने वाली उन नौकाओं की तलाश कर रहे हैं, जो फंसी हुई हैं. समुद्र में काम कर रहे तटरक्षक जहाजों को स्थानांतरित किया जा रहा है.

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के चलते पालघर जिला कलेक्टर कैलाश शिंदे ने मछुआरों को समुद्र तट पर नहीं जाने की चेतवानी दी है.

महाराष्ट्र में समुद्र के किनारे लगी नौकाएं.

जिला मत्स्य अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि 1411 नौकाएं समुद्र में गई थीं, जिनमें से 1,378 लौट आईं जबकि शेष 33 नौकाओं को सुरक्षित समुद्र किनारे लाने के प्रयास जारी हैं.
इससे एक दिन पहले मौसम विभाग के मुंबई केंद्र ने कहा कि अरब सागर में गहरे विक्षोभ के चलते चक्रवाती तूफान क्यार तेज हो गया है.

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चक्रवात का कहर

कर्नाटक में क्यार चक्रवात का कहर जारी है. भारत के पश्चिमी तट मंगलुरु के आस-पास मौसम की स्थिति देखते हुए मछली पकड़ने वाली लगभग 100 नौकाओं और हजारों लोगों को बचाकर बंदरगाह से सुरक्षित स्थान पर आश्रय दिया गया है.

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मंगलुरु तट पर सुरक्षित स्थान पर आती नाव

बता दें कि इससे पहले दक्षिण कन्नड़ जिले में गुरुवार रातभर भारी बारिश और शुक्रवार को रुक-रुककर बारिश हुई. इससे पूरा शहर तालाब में तब्दील हो गया. इन क्षेत्रों में चक्रवात से कई पेड़ गिर गये हैं. इसके साथ ही कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं.

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उडपी में चक्रवात से गिरा घर

आईएमडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 'चक्रवात महाराष्ट्र के रत्नागिरी से 190 किलोमीटर दूरी पर है.'

आईएमडी और कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों के दौरान कर्नाटक के समुद्री तटों की स्थिति भी बिगड़ सकती है.

दक्षिण, उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. इस क्षेत्र में अगले 24 घंटों में भारी वर्षा (200 मिमी से अधिक) होने की संभावना है.

बता दें कि दक्षिण कन्नड़ जिले में शुक्रवार को 32.4 मिमी बारिश हुई. इसमें मंगलुरु, बंतवाल और बेल्थांगडी में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बारिश हुई है.

पढ़ें : कर्नाटक में भारी बारिश के बाद बाढ़ की चपेट में सवदत्ती येलाम्मा मंदिर

सूत्रों ने कहा कि नेथरावती नदी का स्तर भी बढ़ रहा है और खतरे के स्तर 29.5 मीटर से 4.5 मीटर नीचे है.

आईएमडी ने अगले 24 से 36 घंटों के लिए तीन मीटर से 3.3 मीटर के बीच मंगलुरु, मालपे और कारवार तट पर भारी बारिश होने की संभावना जताई है. मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे अगले दो दिनों तक समुद्र में न जाएं.

Intro:ಮಂಗಳೂರು: ಅರಬ್ಬಿ ಸಮುದ್ರ ಹಾಗೂ ಲಕ್ಷದ್ವೀಪದಲ್ಲಿ ಉಂಟಾಗಿರುವ ವಾಯುಭಾರ ಕುಸಿತದ ಪರಿಣಾಮ ಇಂದು ಮಧ್ಯಾಹ್ನದ ಬಳಿಕ ದ.ಕ.ಜಿಲ್ಲೆಯಲ್ಲಿ ಮಳೆ ತೀವ್ರ ಬಿರುಸು ಪಡೆದಿದೆ. ಪರಿಣಾಮ ಅಲ್ಲಲ್ಲಿ ಹಾನಿ ಸಂಭವಿಸಿದೆ.

ವಿಟ್ಲ, ಮೂಡುಬಿದಿರೆ ತಾಲೂಕಿನ ಪ್ರಾಂತ್ಯ, ಸುಳ್ಯ ತಾಲೂಕಿನ ಗುತ್ತಿಗಾರು ಪ್ರದೇಶಗಳಲ್ಲಿ ಮನೆಗಳ ಮೇಲೆ ಮರ ಬಿದ್ದು ಮನೆಗಳ ಮೇಲ್ಛಾವಣಿಗೆ ಹಾನಿ ಸಂಭವಿಸಿದೆ.

ಅಲ್ಲದೆ ಸಸಿಹಿತ್ಲು ಬೀಚ್ ಪರಿಸರದಲ್ಲಿ ತೀವ್ರ ಕಡಲ್ಕೊರೆತ ಉಂಟಾಗಿದ್ದು, ಬೀಚ್ ಪರಿಸರದ ಹಲವಾರು ಮರಗಳು ಸಮುದ್ರ ಪಾಲಾಗಿವೆ. ಉಳ್ಳಾ, ಕೈಕೋ, ಉಚ್ಚಿಲ ಪ್ರದೇಶಗಳಲ್ಲಿಯೂ ಕಡಲು ತೀವ್ರವಾಗಿ ಪ್ರಕ್ಷುಬ್ಧ ಗೊಂಡಿದ್ದು, ಕಡಲ್ಕೊರೆತ ಪ್ರಮಾಣ ಅಧಿಕವಾಗಿದೆ. ಅಲ್ಲದೆ

Body:ತೀವ್ರ ಗಾಳಿ, ಮಳೆಯ ಕಾರಣ ಭಾರೀ ಸಂಖ್ಯೆಯ ಮೀನುಗಾರಿಕಾ ಬೋಟುಗಳು ಬಂದರು ಪ್ರದೇಶದಲ್ಲಿ ಲಂಗರು ಹಾಕಿವೆ. ಬಂದರು ಪ್ರವೇಶಿಸುವ ಸಮುದ್ರ ಬಾಗಿಲಿನಲ್ಲಿಯೇ ಸುಮಾರು 200ಕ್ಕೂ ಬೋಟುಗಳು ನಿಂತಿರುವುದರಿಂದ ಕೋಸ್ಟ್ ಗಾರ್ಡ್ ರಕ್ಷಣಾ ನೌಕೆಗೆ ಸಮುದ್ರದಲ್ಲಿ ಕಾರ್ಯಾಚರಣೆ ನಡೆಸಲು ಸಮುದ್ರಕ್ಕೆ ತೆರಳಲು ಅಡಚಣೆಯಾಗಿದೆ.

Reporter_Vishwanath PanjimogaruConclusion:
Last Updated : Oct 26, 2019, 8:01 PM IST
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