नई दिल्ली : पिछले महीने भारत के सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर में से एक बिगबास्केट ने पाया कि उसके दो करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं का डेटा हैक कर दिया गया और इसे 40,000 डॉलर से अधिक की धनराशि के साथ डार्क वेब पर बिक्री के लिए डाल दिया गया.
इस साल अक्टूबर में भारत की सबसे बड़ी नैदानिक प्रयोगशाला (क्लीनिकल लैब) परीक्षण श्रृंखलाओं में से एक, डॉ. लाल पैथ लैब्स को पता चला कि उसके लाखों ग्राहकों के डेटा को अमेजन वेब सर्विसेज पर होस्ट किए गए असुरक्षित स्टोरेज बकेट पर छोड़ दिया गया. डेटा हैकर्स ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से इसे एक्सेस किया, डेटा चुराया और इसे बेच दिया.
भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) की ओर से संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारत को इस वर्ष अगस्त महीने तक लगभग सात लाख साइबर हमलों का सामना करना पड़ा. डॉ. लाल पैथलैब्स डेटा एक्सपोजर और बिगबास्केट डेटा हैकिंग के अलावा, डेटा चोरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी वेबसाइट पर भी हमला किया. यही नहीं, इन डेटा चोरों ने इनसे संबंधित निजी जानकारी को डार्क वेब पर भी जारी किया.
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कोरोना वायरस महामारी के बीच जुलाई में हैकरों ने रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस पर भी हमला किया और रेलिगेयर कर्मचारियों सहित 50 लाख से अधिक लोगों की व्यक्तिगत जानकारी बेच दी. इसी महीने एक अन्य साइबर हमले में हैकरों ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के बड़े संवेदनशील डेटा को भी लीक कर दिया था.
ये भारत में बड़े डेटा उल्लंघनों के कुछ हालिया उदाहरण हैं. कई साइबर सुरक्षा निगरानी एजेंसियों के अनुसार, भारत दुनिया के उन शीर्ष पांच देशों में शुमार है, जहां सबसे अधिक साइबर हमले होते हैं.
वर्ष 2019 में, जब आतंकवाद से ग्रस्त जम्मू एवं कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित किया गया था और इसके परिणामस्वरूप अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त कर दिया गया था, तब भारत पर चार लाख बार साइबर हमले किए गए थे. यह संख्या चौंका देने वाली है, क्योंकि तब जम्मू एवं कश्मीर में लंबे समय से इंटरनेट पर प्रतिबंध था. अगस्त 2019 से लगभग साल के अंत तक राज्य में इंटरनेट की पाबंदी थी, मगर साइबर हमलों में कोई कमी नहीं आई.
सरकार ने तब एहतियात के तौर पर इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया था. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को यह भी पता चला है कि पाकिस्तान भारत में आशांति फैलाने के लिए भी इंटरनेट के जरिए साइबर हमले कराता रहा है. पाकिस्तान लंबे समय से सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. वह धार्मिक कट्टरपंथियों को भड़काने और कश्मीर में हिंसा को तेज करने के लिए इंटरनेट का खूब इस्तेमाल करता है.