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जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन पर अधिकारियों का दावा-  हालात सामान्य हैं - jammu kashmir reorganisation bill

जम्मू-कश्मीर में हालात अब सुधरते बताए जा रहे है. लोग अब घरों से बाहर आकर रोजमर्रा के काम कर पा रहे हैं. कुछ इलाकों में कुछ घटनाएं हुई, लेकिन अभी स्थिती सामान्य हो गई है. जानने के लिए पूरी स्थिती पढ़ें पूरी खबर....

कश्मीर से सामने आ रहे फुटेज.
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Published : Aug 7, 2019, 5:57 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून अस्तित्व में आ गया है. इसके बाद प्रदेश में हालात सामान्य बताए जा रहे हैं. पत्थरबाजी की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर जम्मू-कश्मीर के तीनों क्षेत्रों में हालात 'सहज' हैं. अधिकारियों ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी है.

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं समेत 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है क्योंकि उनसे कश्मीर घाटी में शांति भंग होने का खतरा था.

यह गिरफ्तारियां केन्द्र द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के ऐलान के कुछ घंटों बाद की गई हैं.

कश्मीर से सामने आ रहे फुटेज.

घाटी में संचार सेवाएं बंद हैं और कई तरह की पाबंदियां लागू हैं. अधिकारियों ने कहा कि 'पत्थरबाजी की कुछ घटनाओं' की जानकारी मिली है.

राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर में कुछ दुकानें खुलीं और पाबंदियों के बावजूद सड़कों पर लोगों की आवाजाही बढ़ी है. उन्होंने कहा कि अब हालात ‘सहज’ हैं.

अधिकारी ने कहा कि प्राधिकारी उन लोगों की सहायता कर रहे हैं जिनके घरों में शादी है. सोशल मीडिया पर कश्मीर की कई वीडियो क्लिप वायरल हुई हैं, जिनमें श्रीनगर में लोग दुकान खोलते, आते-जाते और मोटरसाइकिल तथा कार चलाते दिख रहे हैं.

पढ़ें: आर्टिकल 370: शाह बोले- 'कश्मीर के लिए जान दे देंगे'

एक क्लिप में सीमावर्ती कुपवाड़ा जिले के लोग कथित रूप से यह कहते हुए दिख रहे हैं कि वे शांति चाहते हैं और अनुच्छेद 370 हटाने के सरकार के फैसले से खुश हैं क्योंकि इससे राजनीतिक भ्रष्टाचार खत्म होगा. उन्होंने भी कहा कि इलाके में हालात शांतिपूर्ण हैं.

अधिकारियों ने कहा कि पुंछ जिले के बफलैज इलाके में सरकार के कदम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी की एक घटना की जानकारी मिली है. इस घटना में एक पुलिस अधिकारी को मामूली चोटें आई हैं.

अधिकारी ने कहा कि जम्मू शहर समेत जम्मू क्षेत्र के सभी जिलों में पाबंदियां लागू हैं और पूरे राज्य में शिक्षण संस्थान बंद रहे. करगिल कस्बे में अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाये जाने को लेकर बंद रखा गया.

कुलगाम के निवासी रतन लाल जुत्सी ने कहा कि हालात शांतिपूर्ण हैं और राजमार्ग पर यातायात सामान्य हैं, जिसके जरिये वह श्रीनगर से जम्मू पहुंचे हैं.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के बाद अगल नंबर राम मंदिर : संजय राउत

बता दें कि कई मीडियो रिपोर्टों के अनुसार सामने आए फोटो और वीडियो में कुछ लोगों ने इसको लेकर विरोध जाहिर किया, वहीं कुछ में रोश है, लेकिन इस बात की कोई पुख्ता जानकारी हमें प्राप्त नहीं हुई है. फिलहाल अभी स्थिती पहले के मुकाबले काफी सामान्य है.

लोग दुकाने खोल रहे हैं. बाधित यातायात भी खुल गया है. आने वाले दिनों के लिए सरकार ने पुख्ता इंतेजाम कर रखे हैं.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून अस्तित्व में आ गया है. इसके बाद प्रदेश में हालात सामान्य बताए जा रहे हैं. पत्थरबाजी की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर जम्मू-कश्मीर के तीनों क्षेत्रों में हालात 'सहज' हैं. अधिकारियों ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी है.

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं समेत 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है क्योंकि उनसे कश्मीर घाटी में शांति भंग होने का खतरा था.

यह गिरफ्तारियां केन्द्र द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के ऐलान के कुछ घंटों बाद की गई हैं.

कश्मीर से सामने आ रहे फुटेज.

घाटी में संचार सेवाएं बंद हैं और कई तरह की पाबंदियां लागू हैं. अधिकारियों ने कहा कि 'पत्थरबाजी की कुछ घटनाओं' की जानकारी मिली है.

राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर में कुछ दुकानें खुलीं और पाबंदियों के बावजूद सड़कों पर लोगों की आवाजाही बढ़ी है. उन्होंने कहा कि अब हालात ‘सहज’ हैं.

अधिकारी ने कहा कि प्राधिकारी उन लोगों की सहायता कर रहे हैं जिनके घरों में शादी है. सोशल मीडिया पर कश्मीर की कई वीडियो क्लिप वायरल हुई हैं, जिनमें श्रीनगर में लोग दुकान खोलते, आते-जाते और मोटरसाइकिल तथा कार चलाते दिख रहे हैं.

पढ़ें: आर्टिकल 370: शाह बोले- 'कश्मीर के लिए जान दे देंगे'

एक क्लिप में सीमावर्ती कुपवाड़ा जिले के लोग कथित रूप से यह कहते हुए दिख रहे हैं कि वे शांति चाहते हैं और अनुच्छेद 370 हटाने के सरकार के फैसले से खुश हैं क्योंकि इससे राजनीतिक भ्रष्टाचार खत्म होगा. उन्होंने भी कहा कि इलाके में हालात शांतिपूर्ण हैं.

अधिकारियों ने कहा कि पुंछ जिले के बफलैज इलाके में सरकार के कदम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी की एक घटना की जानकारी मिली है. इस घटना में एक पुलिस अधिकारी को मामूली चोटें आई हैं.

अधिकारी ने कहा कि जम्मू शहर समेत जम्मू क्षेत्र के सभी जिलों में पाबंदियां लागू हैं और पूरे राज्य में शिक्षण संस्थान बंद रहे. करगिल कस्बे में अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाये जाने को लेकर बंद रखा गया.

कुलगाम के निवासी रतन लाल जुत्सी ने कहा कि हालात शांतिपूर्ण हैं और राजमार्ग पर यातायात सामान्य हैं, जिसके जरिये वह श्रीनगर से जम्मू पहुंचे हैं.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के बाद अगल नंबर राम मंदिर : संजय राउत

बता दें कि कई मीडियो रिपोर्टों के अनुसार सामने आए फोटो और वीडियो में कुछ लोगों ने इसको लेकर विरोध जाहिर किया, वहीं कुछ में रोश है, लेकिन इस बात की कोई पुख्ता जानकारी हमें प्राप्त नहीं हुई है. फिलहाल अभी स्थिती पहले के मुकाबले काफी सामान्य है.

लोग दुकाने खोल रहे हैं. बाधित यातायात भी खुल गया है. आने वाले दिनों के लिए सरकार ने पुख्ता इंतेजाम कर रखे हैं.

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PRI GEN NAT
.NEWDELHI DEL79
ART 370-JK-SITUATION
Kashmir Valley blacked out, anxiety deepens despite official assurances
(Eds: Combining related stories)
         New Delhi/Jammu, Aug 6 (PTI) The situation in all three regions of Jammu and Kashmir is totally peaceful, top officials said on Tuesday but that did little to dispel the clouds of anxiety for lakhs of Kashmiris and many others as another day went by with the Valley blacked out from the world.
          With few workable phone and internet connections, just smatterings of information filtered out from the curtain of non-communication.
          There was also no news of former chief ministers, NC's Omar Abdullah and PDP's Mehbooba Mufti, as well as People's Conference's leader Sajjad Lone, who were arrested in Srinagar on Monday evening.
          There are no untoward reports from anywhere in the state and the law and order situation in Jammu and Kashmir is "totally peaceful", Director General of Police Dilbagh Singh said from Srinagar, a day after the Rajya Sabha approved the resolution withdrawing the state's special status under Article 370 and the bill proposing that it be bifurcated into the union territories of Jammu and Kashmir, and Ladakh.
          On Tuesday evening, the Lok Sabha gave its approval too.
          Television channels aired visuals of celebratory fireworks as news came in of Parliament approving the government's far-reaching move.
          In Srinagar city, under a security and communications lockdown, people with urgent work are being allowed to move despite strict restrictions, Deputy Commissioner, Srinagar, Shahid Iqbal Choduhary said in his message.
          General Officer Commanding-in-Chief, Northern Command, Lt Gen Ranbir Singh chaired a meeting of the Core Group of Intelligence and Security Agencies in Srinagar to review the operational readiness in case of any contingency.
          Pakistan, he said, has intensified its efforts at increasing the strength of terrorists in launch pads along the LoC over the past few days and pushing infiltrators into Jammu and Kashmir. But the Indian Army will respond with resolve and the costs will be prohibitive for them, he said.
          According to a press release issued by Udhampur-based Army officials, Singh also said necessary security arrangements were in place to ensure peace and security.
          But all of that was scant comfort, even for NC chief Farooq Abdullah. The 81-year-old said he learnt about the arrests of his son Omar Abdullah and Mehbooba only through the media.
          He contested Home Minister Amit Shah's assertion in the Lok Sabha that he was neither under detention nor arrest and was at his home of his own will. Emotional but determined, he said they will fight and go to court against the Modi government's decision.
          "As soon as the gates will open, our people will be out, we will fight, we'll go to the court. We're not gun-runners, grenade-throwers, stone-throwers, we believe in peaceful resolution of things," he told TV channels in Srinagar.
          Among the few other images that came through the day were desolate streets with security personnel.
          With not much to go by, M Junaid, whose Twitter bio said he is a cultural anthropologist, was one of the many thousands who vented their anguish on social media.
          "Just so that you know, we have still not been able to speak with our families in Kashmir. There are dark whispers being shared about South Kashmir where my folks are. It has been the longest 24 hours, and there seems no end in sight...," he said on Tuesday morning.
          Unable to express their pain in words, many simply shared the last conversations they had with their loved ones.
          Khalid Singh, a Delhi-based associate fellow with the Observer Research Foundation, tweeted, "On my last phone call my mother said: how will you get to know if I die'?"
          Local Kashmiris and tourists reaching the national capital from Srinagar were full of stories on their "disconnect" from the rest of the country.
          "It is back to the stone age for Kashmir, said 42-year-old Khursheed Ahmed, who was heading to Haj via Delhi.
          Sheikh, 32, who works in the corporate sector, and travels frequently for business purposes, poured his heart out.
          "We felt caged inside in our own city. Our mobile phone connection has been snapped, Internet shut, even cable TVs and landlines connections cut," he said.
          There were also those who looked for ways to go home from the Valley to make another life for themselves.
          Like the migrant workers and daily wage labourers from Bihar, Uttar Pradesh and other heartland states, who told NDTV there were worried about what the future holds for them.
          Thousands of them, who come to the Valley to earn livelihood, are stranded in Srinagar as there have been little or no availability of inter-state bus services.
          The curfew-like situation has affected their livelihood as there have been a total closure of construction works in parts of the state amid restrictions and heavy security deployment. PTI TEAM MIN
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