नई दिल्ली : केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के डीजी एपी माहेश्वरी ने बताया कि 2020 में, हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर रियाज नाइकू सहित 215 आतंकवादियों को मार गिराया गया.
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ ने पिछले वर्ष 32 नक्सलियों को मार गिराया. इसके अलवा 569 नक्सलियों को सीआरपीएफ ने पकड़ा और 340 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया.
उन्होंने बताया कि कोबरा कमांडो ने 7 खूंखार नक्सलियों को ढेर किया. इसके अलावा सीआरपीएफ ने 300 आईइडी बरामद किया.
डीजी माहेश्वरी ने कहा कि इस समय सीआरपीएफ 62 वीआईपी को सुरक्षा प्रदान कर रही है.
उन्होंने कहा कि K9 टीम को मजबूत करने के लिए बेंगलुरु में एक कुत्ता प्रजनन और प्रशिक्षण केंद्र है. हाल में हमने स्थानीय नस्लों को भी शामिल किया है.
उन्होंने बताया कि हमने साइबर सिक्योरिटी कर्मियों के रूप में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को स्थानांतरित और पुनर्निर्मित किया है ताकि वे अपनी गरिमा बनाए रखते हुए बेहतर बनने में योगदान दे सकें.
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ जंगल युद्ध में महारत रखने वाले अपने कोबरा कमांडो बल में महिला कर्मियों को शामिल करने पर विचार कर रहा है.
खुफिया सूचना आधारित जंगल युद्ध अभियानों के लिए सीआरपीएफ के तहत 2009 में कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन (कोबरा) की 10 इकाइयां गठित की गई थी.
माहेश्वरी ने कहा कि हम कोबरा में महिलाओं को शामिल करने पर विचार कर रहे हैं.
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ज्यादातर कोबरा टीमें नक्सल प्रभावित राज्यों में तैनात हैं और कुछ टीमें उग्रवाद रोधी अभियानों के लिए पूर्वोत्तर के राज्यों में रखी गई हैं.
कोबरा इकाइयों में शामिल किये जाने वाले सैनिकों को मानसिक एवं शारीरिक स्तर पर कड़े मानदंडों पर खरा उतरना पड़ता है.
सीआरपीएफ में 1986 से ही महिला कर्मी हैं, जब इसकी प्रथम महिला बटालियन का गठन किया गया था. बल में अभी ऐसी छह इकाइयां हैं.
बल में करीब 3.25 लाख कर्मी हैं और यह देश का सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल है. इसका गठन आंतरिक सुरक्षा के उद्देश्य से किया गया था.