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वेबसाइट से अचानक गायब हुए असम के एनआरसी डाटा पर सीपीआई ने उठाए सवाल - talk with cpi mp

नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन के मुद्दे पर देशभर में जारी चर्चा के बीच असम एनआरसी के डाटा पर विवाद हो गया है. इस पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने एक विवाद खड़ा किया है. सीपाआई ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को अपना 'स्पष्ट इरादा' बताने की मांग की है. पढ़ें पूरा विवरण.....

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सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम
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Published : Feb 12, 2020, 11:08 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 3:50 AM IST

नई दिल्ली : असम में एनआरसी का अगस्त में प्रकाशित किया गया फाइनल डेटा नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) की वेबसाइड से गायब हो गया है.

प्रशासन की वेबसाइट से इस डेटा के गायब होने से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने एक विवाद खड़ा किया है. सीपाआई ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को अपना 'स्पष्ट इरादा' बताने की मांग की है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्यसभा में सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा, 'सरकार ने गलत इरादे से डेटा के साथ छेड़छाड़ की है'.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार NRC में बोनाफाइड भारतीय नागरिकों को शामिल करने का पूरा विवरण सरकार की आधिकारिक वेबसाइट www.nrcassam.nic.in पर पिछले साल अक्टूबर में अपलोड किया गया था.

पढ़ें : असम : एनआरसी लिस्ट से छूटे बच्चों को नहीं भेजा जाएगा डिटेंशन सेंटर : केंद्र

उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति 'NRC आवेदन के लिए परिणाम या अन्य चीजों के लिए क्लिक करता है, तो केवल एक संदेश आएगा, जिसमें लिखा होता है पेज उपयोग में नहीं है.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि एनआरसी डेटा सुरक्षित है. अधिकारी ने कहा, मौसम खराब होने की वजह से कुछ तकनीकी समस्याएं हैं, जो जल्द ही सही हो जाएगी.

वहीं देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी विप्रो ने असम की राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के आंकड़े ऑफलाइन हो जाने के मामले में कहा कि संबंधित प्राधिकरण ने परियोजना के सेवा अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया. इसके अनुबंध की समयसीमा अक्टूबर 2019 में ही समाप्त हो गई.

देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी विप्रो ने असम की राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के आंकड़े ऑफलाइन हो जाने के मामले में बुधवार को कहा कि संबंधित प्राधिकरण ने परियोजना के सेवा अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया. इसके अनुबंध की समयसीमा अक्टूबर 2019 में ही समाप्त हो गई.

कंपनी ने कहा, 'परियोजना भारत के महारजिस्ट्रार अैर गृह मंत्रालय द्वारा तैयार की गई थी और उच्चतम न्यायालय इस परियोजना की निगरानी कर रहा था. विप्रो को आईटी सेवा प्रदाता के नाते प्रौद्योगिकी की संरचना तथा तकनीकी समाधान मुहैया कराने का काम दिया गया था. 'कंपनी के बयान से कुछ ही देर पहले केंद्र सरकार ने कहा कि असम का एनआरसी डेटा सुरक्षित है. कुछ तकनीकी समस्याएं दिख रही हैं, जिन्हें शीघ्र ही दूर कर लिया जाएगा.'

नई दिल्ली : असम में एनआरसी का अगस्त में प्रकाशित किया गया फाइनल डेटा नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) की वेबसाइड से गायब हो गया है.

प्रशासन की वेबसाइट से इस डेटा के गायब होने से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने एक विवाद खड़ा किया है. सीपाआई ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को अपना 'स्पष्ट इरादा' बताने की मांग की है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्यसभा में सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा, 'सरकार ने गलत इरादे से डेटा के साथ छेड़छाड़ की है'.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार NRC में बोनाफाइड भारतीय नागरिकों को शामिल करने का पूरा विवरण सरकार की आधिकारिक वेबसाइट www.nrcassam.nic.in पर पिछले साल अक्टूबर में अपलोड किया गया था.

पढ़ें : असम : एनआरसी लिस्ट से छूटे बच्चों को नहीं भेजा जाएगा डिटेंशन सेंटर : केंद्र

उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति 'NRC आवेदन के लिए परिणाम या अन्य चीजों के लिए क्लिक करता है, तो केवल एक संदेश आएगा, जिसमें लिखा होता है पेज उपयोग में नहीं है.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि एनआरसी डेटा सुरक्षित है. अधिकारी ने कहा, मौसम खराब होने की वजह से कुछ तकनीकी समस्याएं हैं, जो जल्द ही सही हो जाएगी.

वहीं देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी विप्रो ने असम की राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के आंकड़े ऑफलाइन हो जाने के मामले में कहा कि संबंधित प्राधिकरण ने परियोजना के सेवा अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया. इसके अनुबंध की समयसीमा अक्टूबर 2019 में ही समाप्त हो गई.

देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी विप्रो ने असम की राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के आंकड़े ऑफलाइन हो जाने के मामले में बुधवार को कहा कि संबंधित प्राधिकरण ने परियोजना के सेवा अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया. इसके अनुबंध की समयसीमा अक्टूबर 2019 में ही समाप्त हो गई.

कंपनी ने कहा, 'परियोजना भारत के महारजिस्ट्रार अैर गृह मंत्रालय द्वारा तैयार की गई थी और उच्चतम न्यायालय इस परियोजना की निगरानी कर रहा था. विप्रो को आईटी सेवा प्रदाता के नाते प्रौद्योगिकी की संरचना तथा तकनीकी समाधान मुहैया कराने का काम दिया गया था. 'कंपनी के बयान से कुछ ही देर पहले केंद्र सरकार ने कहा कि असम का एनआरसी डेटा सुरक्षित है. कुछ तकनीकी समस्याएं दिख रही हैं, जिन्हें शीघ्र ही दूर कर लिया जाएगा.'

Last Updated : Mar 1, 2020, 3:50 AM IST
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