नई दिल्ली : माकपा ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के आरोप को लेकर उन पर निशाना साधा कि सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक दक्षिणपंथी के खिलाफ पक्षपात करती है.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर कहा था कि फेसबुक के कर्मचारी प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को कथित अपशब्द कहते हैं.
उन्होंने पत्र में आरोप लगाया कि उनकी कंपनी के ऐसे कर्मचारी अब भी फेसबुक इंडिया में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे हैं. मंत्री ने पत्र में कहा कि मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि फेसबुक इंडिया की टीम में प्रबंध निदेशक से लेकर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तक, एक विशेष राजनीतिक विचारधारा से संबंधित लोगों का वर्चस्व है.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने एक ट्वीट में कहा कि दोषी का अंतिम सहारा वामपंथियों के खिलाफ निराधार आरोप लगाना है. फेसबुक और भाजपा-मोदी सरकार के बीच साठगांठ की जांच जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) से होने दें. जेपीसी के गठन से इनकार स्पष्ट है.
येचुरी के ट्वीट से पहले तमिलनाडु के माकपा सांसद पीआर नटराजन ने सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी संसदीय समिति के अध्यक्ष शशि थरूर को एक पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा के साथ फेसबुक के कथित संबंधों की आपराधिक जांच की मांग की है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के बाद भारत में इस संबंध में राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है.