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बिहार चुनाव में एनडीए को हराना हमारी पहली प्राथमिकता : डी राजा

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है. चुनाव तीन चरणों में कराए जाएंगे. चुनाव की घोषणा के साथ सभी राजनीतिक दलों ने कमर कसना शुरू कर दिया है. सीपीआई महासचिव डी राजा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में हमारी पहली प्राथमिकता भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी को हराना है.

डी राजा
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Published : Sep 25, 2020, 7:48 PM IST

Updated : Sep 25, 2020, 8:08 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. मतदान तीन चरणों में कराए जाएंगे. पहले चरण में 16 जिलों के 71 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे. दूसरे चरण में 17 जिलों के 94 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होंगे और तीसरे चरण में 15 जिलों के 78 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होंगे.

पहले चरण के लिए एक अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी और 28 अक्टूबर को मतदान होगा. दूसरे चरण के लिए तीन नवंबर और तीसरे चरण के लिए 7 नवंबर को मतदान होगा. वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी.

सीपीआई महासचिव डी राजा से खास बातचीत.

चुनाव की घोषणा के साथ राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं और उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही गठबंधन और सीटों के वितरण पर अंतिम दौर की चर्चा चल रही है.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का बिहार में पर्याप्त जन आधार है, जिसके हर नुक्कड़ पर कैडर बेस है. पार्टी पिछले साल आम चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी, लेकिन इस बार सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई (एमएल) तीनों प्रमुख वाम दलों ने विधानसभा चुनावों में एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

लेकिन यह तस्वीर अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि क्या वामपंथी दल कांग्रेस और आरजेडी के साथ महागठबंधन में शामिल होंगे या अकेले चुनाव मैदान में उतरेंगे. पार्टी नेताओं के अनुसार, अतिम दौर की बातचीत चल रही है और उम्मीद है कि आने वाले सप्ताह में स्पष्ट तस्वीर आ सकती है.

ईटीवी भारत ने सीपीआई के महासचिव डी राजा से विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए को हराना उनकी पार्टी की पहली प्राथमिकता होगी.

उन्होंने कहा कि लोक सभा चुनाव के दौरान हम महागठबंधन का हिस्सा नहीं थे और इसका परिणाम लोगों के सामने है कि आखिरकार बीजेपी-जेडीयू गठबंधन चुनाव जीता और हम सभी हार गए.

उन्होंने कहा कि यह सभी विपक्षी दलों के लिए एक सबक होना चाहिए. जहां तक बिहार विधानसभा चुनाव का सवाल है तो हमारी पहली प्राथमिक भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को हराने के लिए होनी चाहिए. इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा. साथ ही उचित बातचीत भी होनी चाहिए.

सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि पार्टियों को एक-दूसरे के लिए अनुकूल होना चाहिए. हमारी पार्टी आरजेडी के साथ बातचीत कर रही है, कांग्रेस से भी बात जारी है, लेकिन उसने अब तक ठोस पहल नहीं की है. हम एक साथ लड़ने के लिए सहमत हुए हैं और बातचीत जारी है.

बिहार चुनावों में सीपीआई सहित विपक्षी दलों द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर बात करते हुए डी राजा ने कहा कि एनडीए सरकार अपने 15 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान अपने वादों को पूरा करने में असमर्थ रही है. भाजपा और जदयू किस का दावा कर सकते हैं? मुख्यमंत्री ने एक पुल का उद्घाटन किया और पुल ढह गया. वह जिस तरह से कोरोना संकट का प्रबंधन कर रहे हैं, वह भी एक प्रमुख मुद्दा है.

नई दिल्ली : भारतीय निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. मतदान तीन चरणों में कराए जाएंगे. पहले चरण में 16 जिलों के 71 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे. दूसरे चरण में 17 जिलों के 94 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होंगे और तीसरे चरण में 15 जिलों के 78 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होंगे.

पहले चरण के लिए एक अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी और 28 अक्टूबर को मतदान होगा. दूसरे चरण के लिए तीन नवंबर और तीसरे चरण के लिए 7 नवंबर को मतदान होगा. वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी.

सीपीआई महासचिव डी राजा से खास बातचीत.

चुनाव की घोषणा के साथ राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं और उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही गठबंधन और सीटों के वितरण पर अंतिम दौर की चर्चा चल रही है.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का बिहार में पर्याप्त जन आधार है, जिसके हर नुक्कड़ पर कैडर बेस है. पार्टी पिछले साल आम चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी, लेकिन इस बार सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई (एमएल) तीनों प्रमुख वाम दलों ने विधानसभा चुनावों में एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

लेकिन यह तस्वीर अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि क्या वामपंथी दल कांग्रेस और आरजेडी के साथ महागठबंधन में शामिल होंगे या अकेले चुनाव मैदान में उतरेंगे. पार्टी नेताओं के अनुसार, अतिम दौर की बातचीत चल रही है और उम्मीद है कि आने वाले सप्ताह में स्पष्ट तस्वीर आ सकती है.

ईटीवी भारत ने सीपीआई के महासचिव डी राजा से विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए को हराना उनकी पार्टी की पहली प्राथमिकता होगी.

उन्होंने कहा कि लोक सभा चुनाव के दौरान हम महागठबंधन का हिस्सा नहीं थे और इसका परिणाम लोगों के सामने है कि आखिरकार बीजेपी-जेडीयू गठबंधन चुनाव जीता और हम सभी हार गए.

उन्होंने कहा कि यह सभी विपक्षी दलों के लिए एक सबक होना चाहिए. जहां तक बिहार विधानसभा चुनाव का सवाल है तो हमारी पहली प्राथमिक भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को हराने के लिए होनी चाहिए. इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा. साथ ही उचित बातचीत भी होनी चाहिए.

सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि पार्टियों को एक-दूसरे के लिए अनुकूल होना चाहिए. हमारी पार्टी आरजेडी के साथ बातचीत कर रही है, कांग्रेस से भी बात जारी है, लेकिन उसने अब तक ठोस पहल नहीं की है. हम एक साथ लड़ने के लिए सहमत हुए हैं और बातचीत जारी है.

बिहार चुनावों में सीपीआई सहित विपक्षी दलों द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर बात करते हुए डी राजा ने कहा कि एनडीए सरकार अपने 15 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान अपने वादों को पूरा करने में असमर्थ रही है. भाजपा और जदयू किस का दावा कर सकते हैं? मुख्यमंत्री ने एक पुल का उद्घाटन किया और पुल ढह गया. वह जिस तरह से कोरोना संकट का प्रबंधन कर रहे हैं, वह भी एक प्रमुख मुद्दा है.

Last Updated : Sep 25, 2020, 8:08 PM IST
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