लुधियाना : जहां एक तरफ कोरोना महामारी के चलते वैश्विक आर्थिक मंदी एक बड़ा संकट बनी है, वहीं लॉकडाउन से भारत में बड़ी संख्या में उद्योग और व्यवसाय बंद हो गए हैं.
बात अगर पंजाब पर मंदी के प्रभावों की करें, तो इसका असर सरहिंद में एशिया की सबसे बड़ी और सबसे प्रसिद्ध ट्रक और बसों का ढांचा तैयार करने वाली फैक्ट्री (बस एंड ट्रक बॉडीबिल्डिंग) पर भी पड़ रहा है. ऐसे में लगभग 20 से 30 हजार कर्मचारी मंदी का सामना कर रहे हैं.
आपको बता दें कि लगभग 120 ट्रक और बसों का ढांचा बनाने वाले लोग बेरोजगार हो चुके हैं और इस काम से जुड़े 20 से 30 हजार कर्मचारी अपनी नौकरी खो चुके हैं.
एशिया में शीर्ष पर पहुंचने का सफर
एशिया की शीर्ष ट्रक और बसों का ढांचा बनाने वाली कंपनी की शुरुआत कई साल पहले हुई थी. कुल ही सालों में कंपनी ऊंचाइयां छूने लगी और फिर यह पूरे एशिया में शीर्ष स्थान पर पहुंच गई.
श्रमिकों के लिए यह समय काफी कठिनाइयों भरा है. ट्रक एंड बस बॉडीबिल्डिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष हरमीत सिंह सागु ने कहा कि पिछले 50 वर्षों में कई उतार-चढ़ाव जरूर आए हैं, लेकिन इस तरह की मंदी कभी नहीं हुई है.
उन्होंने आगे कहा कि अकेले सरहिंद में इस मंदी के चलते 20 से 30 हजार श्रमिक इसके शिकार हो रहे हैं. पिछले चार महीनों से यह मंदी चल रही है.
हरमीत ने कहा कि लॉकडाउन के चलते उनके लिए ढांचों का निर्माण करना काफी मुश्किल हो रहा था, जिससे काम भी प्रभावित हुआ है. साथ ही ट्रांसपोटर इनकी खरीद भी नहीं कर रहे.
उन्होंने कहा कि सरहिंद में ट्रक और बसों के ढांचा बनाने में 120 से भी ज्यादा बड़ी-छोटी कार्यशालाएं हैं. पहले कम से कम चार से पांच वाहनों का ढांचा तैयार कर एक महीने में उन्हें वर्कशॉप में भेजा जाता था, लेकिन चार महीनों से काम बंद होने की वजह से काफी मुश्किल हो रही है.