नई दिल्ली : सरकार ने राजधानी दिल्ली में 50 से ज्यादा लोगों को एक जगह इकट्ठा होने पर मना किया है, दरअसल जिस तरीके से करोना वायरस फैल रहा है, उसके बाद एहतियात के तौर पर यह फैसला लिया गया है. लेकिन दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे पिछले तीन माह से प्रदर्शन में काफी संख्या में महिलाएं बैठी हैं. इस बाबत ईटीवी भारत ने शाहीन बाग में बैठी महिलाओं से बातचीत की.
कोरोना का नहीं है डर, काले कानून का है
शाहीन बाग में प्रदर्शन में बैठी महिलाओं ने कहा कि हमें कोरोना वायरस से इतना डर रही है जितना कि सरकार की ओर से लगाया जा रहा कला कानून है.उनका कहना है कि हम कोरोना वायरस को लेकर पूरे सतर्क के हैं और पूरे एहतियात बरत रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां पर कई महिलाएं हिजाब पहन कर बैठी है और जो महिलाएं हिजाब नहीं लगाई है उनको हमने मास्क भी दिए हैं. ऐसे में एक दूसरे से संक्रमण फैलने का डर हम ने खत्म कर दिया है. इसी के साथ ही यहां पर सैनिटाइजर इत्यादि की व्यवस्था की गई है,वहीं बच्चों को प्रदर्शन में न लाने की सलाह दी है.
महिलाओ के बैठने के लिए लगाई गई बेंच
शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के दरमियान महिला ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर यहां पर कई एहतियात बरते जा रहे हैं. जिसमें कि हमने अब महिलाओ को जमीन पर इकट्ठे होकर न बेठेक बैंच का इंतजाम किया है. अहम बात यह है कि उनके बीच में दो से तीन मीटर की दूरी बनाई है जिससे कि लोग दूरी बनाकर बैठें.
अभी भी अपनी मांग पर अडिग हैं महिलाएं
अहम बात यह है कि बात में पिछले तीन माह से चल रहे प्रदर्शन में जहां सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है तो वहीं 3 माह बाद भी महिलाओं की मांग अडिग है.उनका कहना है कि केंद्र सरकार उसको वापस लें तभी हम इस जगह को खाली करेंगे.
फिलहाल दिल्ली सरकार ने जहां कोरोना वायरस के चलते एक स्थान पर 50 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा करने का मना किया है लेकिन बावजूद इसके शाहीन बाग में अभी भी प्रदर्शन जारी है और प्रदर्शनकारी अभी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है.