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कोविड-19 : कर्नाटक में संक्रमित कोरोना योद्धा को नहीं मिल पा रहा इलाज - संक्रमित मरीज को उचित इलाज

कर्नाटक में लोगों को कोरोना जैसी महामारी से बचाने के लिए फ्रंटलाइन पर खड़े कार्यकर्ता तक सुरक्षित नहीं हैं. दरअसल यहां आशा वर्कर के तौर पर कार्यरत एक कोरोना योद्धा वायरस से ग्रसित हो गया. जब उसे सांस संबंधी परेशानी हुई, तो परिवार वाले उसे अस्पताल लेकर गए, लेकिन अस्पताल में उस व्यक्ति को ठीक से इलाज नहीं मिल पा रहा है. इन सबके बीच ईटीवी भारत ने कोरोना योद्धा से बातचीत की.

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संक्रमित कोरोना योद्धा को ही नहीं मिल पा रहा इलाज
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Published : Jul 7, 2020, 5:12 PM IST

Updated : Jul 7, 2020, 6:32 PM IST

बेंगलुरु : कोरोना वायरस के मामलों के बीच कर्नाटक में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामना आया है. दरअसल यहां गडका अस्पताल में एक संक्रमित कोरोना वॉरियर को ही उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है.

गौरतलब है कि कुछ समय पहले कोरोना पीड़ित व्यक्ति के परिवार वालों ने गडका के जीआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया था. मरीज पिछले कुछ समय से सांस संबंधी परेशानियों का सामना कर रहा था.

इलाज के लिए जूझ रहा कोरोना योद्धा

ईटीवी भारत ने जब कोरोना संक्रमित शख्स का हाल चाल जाना तो उसने कहा कि हमने समाज के लिए कोरोना योद्धा बनकर काम किया लेकिन आज हालात कुछ ऐसे हो गए हैं कि जब मुझे कोरोना का संक्रमण हुआ तो अस्पताल वाले ही उपचार देने से इनकार कर रहे हैं.

हैरत की बात तो यह है कि अस्पताल में वेंटिलेटर उपलब्ध है, फिर भी डॉक्टर कोरोना रोगियों का इलाज करने से इनकार कर रहे हैं.

बता दें कोरोना से संक्रमित यह मरीज बस कंडक्टर है और आशा कार्यकर्ता के तौर पर भी काम करता है.

फ्रंट लाइन पर खड़े इस शख्स को कुछ समय से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद उसके परिवार वालों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया.

अस्पताल में 22 वेंटिलेटर्स होने के बावजूद भी डॉक्टर यह कहकर केवल छह का ही उपयोग कर रहे थे कि बाकी के वेंटिलेटर्स काम नहीं कर रहे हैं.

बेंगलुरु : कोरोना वायरस के मामलों के बीच कर्नाटक में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामना आया है. दरअसल यहां गडका अस्पताल में एक संक्रमित कोरोना वॉरियर को ही उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है.

गौरतलब है कि कुछ समय पहले कोरोना पीड़ित व्यक्ति के परिवार वालों ने गडका के जीआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया था. मरीज पिछले कुछ समय से सांस संबंधी परेशानियों का सामना कर रहा था.

इलाज के लिए जूझ रहा कोरोना योद्धा

ईटीवी भारत ने जब कोरोना संक्रमित शख्स का हाल चाल जाना तो उसने कहा कि हमने समाज के लिए कोरोना योद्धा बनकर काम किया लेकिन आज हालात कुछ ऐसे हो गए हैं कि जब मुझे कोरोना का संक्रमण हुआ तो अस्पताल वाले ही उपचार देने से इनकार कर रहे हैं.

हैरत की बात तो यह है कि अस्पताल में वेंटिलेटर उपलब्ध है, फिर भी डॉक्टर कोरोना रोगियों का इलाज करने से इनकार कर रहे हैं.

बता दें कोरोना से संक्रमित यह मरीज बस कंडक्टर है और आशा कार्यकर्ता के तौर पर भी काम करता है.

फ्रंट लाइन पर खड़े इस शख्स को कुछ समय से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद उसके परिवार वालों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया.

अस्पताल में 22 वेंटिलेटर्स होने के बावजूद भी डॉक्टर यह कहकर केवल छह का ही उपयोग कर रहे थे कि बाकी के वेंटिलेटर्स काम नहीं कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 7, 2020, 6:32 PM IST
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