नई दिल्ली : दिल्ली के निजामुद्दीन के तबलीगी जमात के लगभग 200 लोगों को कोरोना वायरस की जांच के लिए दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया है. पुलिस सूत्रों की मानें तो निजामुद्दीन स्थित इस इस्लामिक प्रचार सेंटर के अंदर अभी लगभग 1000 लोगों के होने की उम्मीद है जिसमें 15 विभिन्न देशों के लगभग 100 से ज्यादा विदेशी हैं.
लोक नायक अस्पताल (LNJP) के डॉक्टर के मुताबिक रविवार रात इस अस्पताल में लगभग 80 लोगों को भर्ती कराया गया, जिनमें कइयों के कोरोना के संदिग्ध होने की संभावना है.
फिलहाल 200 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है, जिनमें से 6 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. लोकनायक अस्पताल के अनुसार सभी का सैंपल ले लिया गया है और उनकी रिपोर्ट आज आने की उम्मीद है.
लोक नायक अस्पताल के डॉक्टर ने यह भी बताया कि जिन लोगों को अस्पताल लाया गया है, उनमें कई विदेशी भी मौजूद हैं. इनमें अधिकतर सऊदी अरब के निवासी हैं.
तबलीगी जमात से जुड़े हुए लोगों में अब तक एक शख्स की मौत हो गई है, जिसकी आयु 64 साल बताई जा रही है और वह तमिलनाडु का रहने वाला है.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक अब इन लोगों से जुड़े लगभग 1000 लोगों को ट्रेस किया जा रहा है, जिनमें कई निजामुद्दीन के तबलीगी जमात के अंदर मौजूद हैं और ड्रोन के जरिए यह मॉनिटरिंग की जा रही है कि इस बिल्डिंग में लगभग और कितने लोग हैं.
फिलहाल डॉक्टरों की टीम निजामुद्दीन के तबलीगी जमात पर पहुंच रही है ताकि जल्द से जल्द बाकी सभी लोगों को क्वारंटाइन किया जा सके.
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पुलिस सूत्रों ने बताया है कि फिलहाल इस पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और यहां पर किसी भी व्यक्ति को आने की अनुमति नहीं है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 65 साल के एक बुजुर्ग की कोरोना के ही कारण मौत हुई थी, जिसने पिछले दिनों दिल्ली, उत्तर प्रदेश और देश के कई अन्य शहरों के धार्मिक समारोह में हिस्सा लिया था.
इसी तरह तबलीगी जमात से जुड़े इंडोनेशियाई मौलानाओं ने पिछले कुछ दिनों में तमिलनाडु की मस्जिदों में दौरा किया था.
मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने कार्यवाही शुरू कर दी है.
वहीं उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के मवाना कस्बे में स्थित बिलाल मस्जिद में 10 विदेशी लोगों के मिलने से हड़कंप मच गया, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस बल की टीम ने मामले में कार्रवाई शुरू की.
तबलीगी जमात का मतलब धर्म का प्रचार करना होता है. यह मुस्लिम समुदाय के लोगों का एक जलसा है, जो हर साल राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाता है, जिसे इज्तेमा भी कहते हैं.
मुस्लिम विशेषज्ञों की मानें तो 20वीं सदी में तबलीगी जमात को इस्लाम का एक बड़ा और अहम आंदोलन माना गया था. इसका उद्देश्य आध्यात्मिक इस्लाम को मुसलमानों तक पहुंचाना और फैलाना है और यह लगभग 213 देशों में कार्यरत है.