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पुलिस रिफॉर्म: SC निर्देशों का पालन न करने पर चार राज्यों के खिलाफ याचिका दायर - चार राज्यों के खिलाफ याचिका

पुलिस रिफॉर्म मामले में BSF के पूर्व महानिदेशक ने चार राज्यों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है. इस संबंध में उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत भी की है. जानें बातचीत में उन्होंने क्या कुछ कहा...

BSF के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह
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Published : Sep 26, 2019, 12:03 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 1:15 AM IST

नई दिल्ली: सीमा सुरक्षा बल (BSF) के पूर्व महानिदेशक और पुलिस रिफॉर्म्स केस में एक याचिकाकर्ता, प्रकाश सिंह ने चार राज्यों के खिलाफ अवमानना ​​याचिका दायर की है. दरअसल उन्होंने SC के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए इन चार राज्यों के खिलाफ याचिका दायर की है.

सिंह ने पुलिस सुधारों पर कुछ राज्य सरकारों द्वारा किए गए अधिनियमों की संवैधानिकता को भी चुनौती दी है.

प्रकाश सिंह ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत
इस संबंध में प्रकाश सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि, मैंने कुछ राज्यों के खिलाफ अवमानना ​​के मामले भरे हैं, जो पुलिस सुधारों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरी तरह पालन नहीं कर रहे हैं.

प्रकाश सिंह ने की ईटीवी भारत से बातचीत, देखें वीडियो...

राज्यों के नामों का नहीं किया खुलासा
हालांकि सिंह ने इन राज्यों के नामों का खुलासा नहीं किया. उन्होंने बताया कि राज्य SC के निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहे हैं.

गौरतलब है कि 2006 में, सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस सुधार के लिए सात निर्देश जारी किए.

बता दें 1996 में प्रकाश सिंह और एक अन्य आईपीएस अधिकारी एनके सिंह ने पुलिस सुधार को लेकर शीर्ष अदालत में जनहित याचिका भरी थी.

SC के निर्देशों में क्या है शामिल
SC निर्देशों में राज्य सुरक्षा आयोग का गठन, न्यूनतम दो साल के कार्यकाल के साथ योग्यता के आधार पर DGP की नियुक्ति, परिचालन कर्तव्यों पर अधिकारियों के लिए न्यूनतम दो साल का कार्यकाल, अलग से जांच और कानून और व्यवस्था के कार्य, पुलिस बोर्ड का गठन करना शामिल है.

पढ़ेंः न्याय व्यवस्था के लिये नियुक्तियां, तबादले अहम इनमें हस्तक्षेप संस्था के लिये अच्छा नहीं : SC

इसके अलावा केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों के चयन और नियुक्ति के लिए एक पैनल तैयार करने के लिए, पुलिस शिकायत प्राधिकरण स्थापित करने और संघ स्तर पर एक राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग स्थापित करने के लिए ट्रांसफर और पोस्टिंग करना भी शामिल है.

राज्यों पर न्यायपालिका का दबाव
प्रकाश सिंह ने कहा कि राज्य सभी निर्देशों को लागू नहीं कर पाए हैं लेकिन न्यायपालिका का दबाव है साथ ही लोग धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर भारत एक प्रगतिशील राष्ट्र के रूप में उभरना चाहता है तो पुलिस सुधार आवश्यक है.

पुलिस रिफॉर्म आवश्यक
प्रकाश सिंह ने कहा, भारत की आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए पुलिस सुधार आवश्यक है और साथ ही यह एक अच्छे लोकतंत्र के लिए आवश्यक है.

गौरतलब है कि पुलिस सुधारों पर SC के निर्देशों के एक दशक से अधिक समय के बाद भीद केंद्र और राज्य ने उनका पालन नहीं किया.

हो रहा कोर्ट के नियमों का उल्लंघन
असल में, राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल (CHRI) द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि 2006 से केवल 18 राज्यों ने नए पुलिस अधिनियम पारित किए हैं और कुछ अन्य लोगों ने सरकारी आदेश जारी किए हैं लेकिन एक भी राज्य ने अदालत के आदेश के अनुसार निर्देशों को पूरी तरह से शामिल नहीं किया है.

सिंह ने कहा, कई राज्यों ने कानून बनाए हैं लेकिन यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करता है.

नई दिल्ली: सीमा सुरक्षा बल (BSF) के पूर्व महानिदेशक और पुलिस रिफॉर्म्स केस में एक याचिकाकर्ता, प्रकाश सिंह ने चार राज्यों के खिलाफ अवमानना ​​याचिका दायर की है. दरअसल उन्होंने SC के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए इन चार राज्यों के खिलाफ याचिका दायर की है.

सिंह ने पुलिस सुधारों पर कुछ राज्य सरकारों द्वारा किए गए अधिनियमों की संवैधानिकता को भी चुनौती दी है.

प्रकाश सिंह ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत
इस संबंध में प्रकाश सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि, मैंने कुछ राज्यों के खिलाफ अवमानना ​​के मामले भरे हैं, जो पुलिस सुधारों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरी तरह पालन नहीं कर रहे हैं.

प्रकाश सिंह ने की ईटीवी भारत से बातचीत, देखें वीडियो...

राज्यों के नामों का नहीं किया खुलासा
हालांकि सिंह ने इन राज्यों के नामों का खुलासा नहीं किया. उन्होंने बताया कि राज्य SC के निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहे हैं.

गौरतलब है कि 2006 में, सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस सुधार के लिए सात निर्देश जारी किए.

बता दें 1996 में प्रकाश सिंह और एक अन्य आईपीएस अधिकारी एनके सिंह ने पुलिस सुधार को लेकर शीर्ष अदालत में जनहित याचिका भरी थी.

SC के निर्देशों में क्या है शामिल
SC निर्देशों में राज्य सुरक्षा आयोग का गठन, न्यूनतम दो साल के कार्यकाल के साथ योग्यता के आधार पर DGP की नियुक्ति, परिचालन कर्तव्यों पर अधिकारियों के लिए न्यूनतम दो साल का कार्यकाल, अलग से जांच और कानून और व्यवस्था के कार्य, पुलिस बोर्ड का गठन करना शामिल है.

पढ़ेंः न्याय व्यवस्था के लिये नियुक्तियां, तबादले अहम इनमें हस्तक्षेप संस्था के लिये अच्छा नहीं : SC

इसके अलावा केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों के चयन और नियुक्ति के लिए एक पैनल तैयार करने के लिए, पुलिस शिकायत प्राधिकरण स्थापित करने और संघ स्तर पर एक राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग स्थापित करने के लिए ट्रांसफर और पोस्टिंग करना भी शामिल है.

राज्यों पर न्यायपालिका का दबाव
प्रकाश सिंह ने कहा कि राज्य सभी निर्देशों को लागू नहीं कर पाए हैं लेकिन न्यायपालिका का दबाव है साथ ही लोग धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर भारत एक प्रगतिशील राष्ट्र के रूप में उभरना चाहता है तो पुलिस सुधार आवश्यक है.

पुलिस रिफॉर्म आवश्यक
प्रकाश सिंह ने कहा, भारत की आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए पुलिस सुधार आवश्यक है और साथ ही यह एक अच्छे लोकतंत्र के लिए आवश्यक है.

गौरतलब है कि पुलिस सुधारों पर SC के निर्देशों के एक दशक से अधिक समय के बाद भीद केंद्र और राज्य ने उनका पालन नहीं किया.

हो रहा कोर्ट के नियमों का उल्लंघन
असल में, राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल (CHRI) द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि 2006 से केवल 18 राज्यों ने नए पुलिस अधिनियम पारित किए हैं और कुछ अन्य लोगों ने सरकारी आदेश जारी किए हैं लेकिन एक भी राज्य ने अदालत के आदेश के अनुसार निर्देशों को पूरी तरह से शामिल नहीं किया है.

सिंह ने कहा, कई राज्यों ने कानून बनाए हैं लेकिन यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करता है.

Intro:New Delhi: Former director general of Border Security Force (BSF) and a petitioner in the police reforms case, Prakash Singh has filled contempt petition against four states for non compliance of the Supreme Court directives on police reforms.


Body:Singh has also challenged the "constitutionality of Acts" made by a few state governments over police reforms.

"I have filled contempt cases against a few states which are totally non compliant with the Supreme Court directives on police reforms," said Singh to ETV Bharat. Without disclosing the names of the states, Singh said that these states are totally non compliant of the SC directives.

In 2006, the Supreme Court issued seven directives for police reform in Prakash Singh and others vs Union of India and others. It was in 1996, Prakash Singh and another IPS officer NK Singh had filled a PIL in the apex court over police reforms.

The SC directives include constitution of a state security commission, appointement of DGP on merit basis with a minimum two years tenure, minimum tenure of two years for officers on operational duties, separate investigation and law & order functions, setting up a police established board to decide transfers and postings, setting up a police complaint authority and setting up a national security commission at the Union level to prepare a panel for selection and placement of chiefs of the central police organisations.

"States have not been able to implement all the directives but there is a pressure from the judiciary...People are gradually becoming aware," said Singh.

He said that police reform is necessary "if India want to emerge as a progressive nation."

"Police reform is necessary to maintain India internal security and at the same time It is necessary for a healthy democracy," said Singh.



Conclusion:Significantly, after more than a decade of the SC's directives on police reforms, the centre and states are still not in compliance with them.

In fact, a study conducted by Commonwealth Human Rights Initiatives (CHRI) said that only 18 states have passed new Police Acts since 2006 and few others have issued government orders but not a single state has incorporated the directives in full conformity with the Court's order.

"Several states have inacted laws but it violates the later and spirit of the Supreme Court directives...," said Singh.

end
Last Updated : Oct 2, 2019, 1:15 AM IST
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