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जोजिला टनल का निर्माण शुरू, कारगिल को कश्मीर से जोड़ेगी सुरंग

जोजिला दर्रा श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फीट की ऊंचाई पर है और भारी हिमपात के कारण जाड़े में बंद रहता है. फिलहाल यह दुनिया में वाहनों के परिचालन के लिहाज से सवर्धिक खतरनाक मार्गों में से एक है और यह परियोजना भू-रणनीतिक रूप से संवेदनशील भी है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जोजिला टनल के पहले विस्फोट के लिए बटन दबाकर निर्माण कार्य की शुरुआत की.

जोजिला टनल का काम शुरू
जोजिला टनल का काम शुरू
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Published : Oct 15, 2020, 10:39 AM IST

Updated : Oct 15, 2020, 1:26 PM IST

नई दिल्ली : लद्दाख के कारगिल इलाके को कश्मीर घाटी के साथ जोड़ने वाली जोजिला टनल के निर्माण का काम आज से शुरू हो गया है. टनल के निर्माण कार्य की शुरुआत केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पहले विस्फोट के लिए बटन दबाकर किया. इस टनल राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फीट की ऊंचाई पर है. इसे एशिया की दो दिशा वाली सबसे लंबी टनल माना जा रहा है.

इस सुरंग के बनने से श्रीनगर घाटी और लेह के बीच बारहमासी संपर्क सुविधा मिल सकेगी. निर्माण प्रक्रिया में विस्फोटकों का उपयोग कर ठोस पदार्थों को हटाया जाता है.

जोजिला टनल का निर्माण शुरू

परियोजना का रणनीति महत्व है, क्योंकि जोजिला दर्रा श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फीट की ऊंचाई पर है और भारी हिमपात के कारण जाड़े में बंद रहता है. फिलहाल यह दुनिया में वाहनों के परिचालन के लिहाज से सवर्धिक खतरनाक मार्गों में से एक है और यह परियोजना भू-रणनीतिक रूप से संवेदनशील भी है.

सुरंग राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर श्रीनगर घाटी और लेह के बीच द्रास और करगिल होते हुए सभी मौसमों में उपयोगी संपर्क सुविधा उपलब्ध कराएगी. इससे जम्मू कश्मीर में चौतरफा आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक समन्वय हो सकेगा. इस परियोजना के तहत जोजिला दर्रे के तहत करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर 14.15 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी. अभी केवल छह महीने ही इस मार्ग से वाहन आ-जा सकते हैं. यह सुरंग जब बनकर तैयार होगी, आधुनिक भारत के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि होगी. लद्दाख, गिलगिट और बालतिस्तान क्षेत्रों में बड़े स्तर पर सैन्य गतिविधियों को देखते हुए यह देश की रक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है.

नितिन गडकरी

बयान में कहा गया है कि जोजिला सुरंग परियोजना से करगिल, द्रास और लद्दाख क्षेत्र के लोगों की 30 साल की मांग पूरी होगी. परियोजना से श्रीनगर-करगिल-लेह खंड में यात्रा हिमस्खलन मुक्त होगी. इससे यात्रा न केवल सुरक्षित होगी, बल्कि इसमें लगने वाला समय तीन घंटे से कम होकर मात्र 15 मिनट रह जाएगा. परियोजना का पुन: आवंटन मेघा इंजीनियरंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि. (एमईआईएल) को किया गया है. कंपनी परियोजना के लिए सबसे कम 4,509.5 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. दो अन्य बोलीदाता कंपनियां लार्सन एंड टूब्रो और इरकॉन इंटरनेशनल जेवी थीं.

परिवहन मंत्री गडकरी ने किया शुभारंभ
परिवहन मंत्री गडकरी ने किया शुभारंभ

पढ़ें : लेह-श्रीनगर को जोड़ने वाली जोजिला सुरंग का बदलेगा डिजाइन : गडकरी

प्रधानमंत्रत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2018 में 6,800 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए आधारशिला रखी थी.

नई दिल्ली : लद्दाख के कारगिल इलाके को कश्मीर घाटी के साथ जोड़ने वाली जोजिला टनल के निर्माण का काम आज से शुरू हो गया है. टनल के निर्माण कार्य की शुरुआत केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पहले विस्फोट के लिए बटन दबाकर किया. इस टनल राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फीट की ऊंचाई पर है. इसे एशिया की दो दिशा वाली सबसे लंबी टनल माना जा रहा है.

इस सुरंग के बनने से श्रीनगर घाटी और लेह के बीच बारहमासी संपर्क सुविधा मिल सकेगी. निर्माण प्रक्रिया में विस्फोटकों का उपयोग कर ठोस पदार्थों को हटाया जाता है.

जोजिला टनल का निर्माण शुरू

परियोजना का रणनीति महत्व है, क्योंकि जोजिला दर्रा श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फीट की ऊंचाई पर है और भारी हिमपात के कारण जाड़े में बंद रहता है. फिलहाल यह दुनिया में वाहनों के परिचालन के लिहाज से सवर्धिक खतरनाक मार्गों में से एक है और यह परियोजना भू-रणनीतिक रूप से संवेदनशील भी है.

सुरंग राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर श्रीनगर घाटी और लेह के बीच द्रास और करगिल होते हुए सभी मौसमों में उपयोगी संपर्क सुविधा उपलब्ध कराएगी. इससे जम्मू कश्मीर में चौतरफा आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक समन्वय हो सकेगा. इस परियोजना के तहत जोजिला दर्रे के तहत करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर 14.15 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी. अभी केवल छह महीने ही इस मार्ग से वाहन आ-जा सकते हैं. यह सुरंग जब बनकर तैयार होगी, आधुनिक भारत के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि होगी. लद्दाख, गिलगिट और बालतिस्तान क्षेत्रों में बड़े स्तर पर सैन्य गतिविधियों को देखते हुए यह देश की रक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है.

नितिन गडकरी

बयान में कहा गया है कि जोजिला सुरंग परियोजना से करगिल, द्रास और लद्दाख क्षेत्र के लोगों की 30 साल की मांग पूरी होगी. परियोजना से श्रीनगर-करगिल-लेह खंड में यात्रा हिमस्खलन मुक्त होगी. इससे यात्रा न केवल सुरक्षित होगी, बल्कि इसमें लगने वाला समय तीन घंटे से कम होकर मात्र 15 मिनट रह जाएगा. परियोजना का पुन: आवंटन मेघा इंजीनियरंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि. (एमईआईएल) को किया गया है. कंपनी परियोजना के लिए सबसे कम 4,509.5 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. दो अन्य बोलीदाता कंपनियां लार्सन एंड टूब्रो और इरकॉन इंटरनेशनल जेवी थीं.

परिवहन मंत्री गडकरी ने किया शुभारंभ
परिवहन मंत्री गडकरी ने किया शुभारंभ

पढ़ें : लेह-श्रीनगर को जोड़ने वाली जोजिला सुरंग का बदलेगा डिजाइन : गडकरी

प्रधानमंत्रत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2018 में 6,800 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए आधारशिला रखी थी.

Last Updated : Oct 15, 2020, 1:26 PM IST
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