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भारत-चीन सीमा पर सड़क निर्माण में तेजी, हेलीकॉप्टरों से पहुंचाई गईं भारी मशीनें

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Published : Jun 11, 2020, 8:46 PM IST

Updated : Jun 11, 2020, 8:57 PM IST

भारत-चीन सीमा पर बनने वाली सड़क निर्माण के कार्य के लिए गुरुवार को हेलीकॉप्टरों से भारी मशीनें उतारी गई हैं. इन मशीनों के पहुंचने के बाद बीआरओ ने आशा जताई है कि अब सड़क निर्माण का कार्य में तेजी आएगी.

कॉन्सेप्ट इमेज
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देहरादून : भारत-चीन सीमा पर मिलम से मुनस्यारी तक बनने वाली सड़क निर्माण के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) ने कार्य तेज कर दिया है. जल्द से जल्द सड़क निर्माण करने के लिए उत्तराखंड की जौहर घाटी के हिमालयी इलाके में गुरुवार को हेलीकॉप्टरों से भारी मशीनें उतारी गई हैं.

मामले में बीआरओ के मुख्य इंजीनियर बिमल गोस्वामी ने कहा कि 2019 में कई बार सड़क निर्माण के प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिल पाई, लेकिन अब बीआरओ हेलीकाप्टरों के माध्यम से सड़क निर्माण उपकरण उतारने में सफल हो गया है, जिससे सड़क निर्माण के कार्य में तेजी आएगी.

उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा पर उपकरणों की कमी के कारण कार्य में काफी देरी हो रही थी.

गोस्वामी ने बताया कि उपकरण न होने के कारण पत्थरों को काटने में देरी के चलते लगभग 65 किलोमीटर सड़क निर्माण में काफी देरी हो रही थी.

उन्होंने बताया कि राज्य के पिथौरागढ़ जिले में जौहर घाटी के उच्च हिमालयी क्षेत्र में बनने वाली मुनस्यारी-बोगडियार- मिलम सड़क भारत-चीन सीमा पर स्थित अंतिम चौकियों की एक कड़ी होगी.

बीआरओ के अधिकारियों ने बताया, 'पिछले वर्ष कई असफल प्रयासों के बाद हम इस महीने में भारी मशीनों के साथ हेलीकॉप्टर उतारने में कामयाब हुए हैं. हमें उम्मीद है कि अगले तीन वर्षों में यहां सड़क निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा.'

पढ़ें-उत्तराखंड : कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और परिवार के पांच सदस्य एम्स से डिस्चार्ज

उन्होंने कहा कि यहां प 22 किलोमीटर के हिस्से में स्थित एक पहाड़ एक दम सीधा खड़ा है, जिसकी चट्टानों को बिना भारी उपकरणों की सहायता से नहीं काटा जा सकता है, लेकिन अब मशीनें आ गई हैं, तो अब इन चट्टानों को काटना आसान हो जाएगा.

बिमल गोस्वामी ने आगे कहा कि सड़क का निर्माण 2010 में शुरू किया गया था. इसमें 325 करोड़ की लागत आ रही है. उन्होंने कहा कि सड़क का निर्माण दोनों छोर से किया जा रहा है और 22 किलोमीटर के कठिन हिस्से को छोड़कर, सड़क के 40 किमी हिस्से पर कटाई का काम पूरा हो चुका है.

देहरादून : भारत-चीन सीमा पर मिलम से मुनस्यारी तक बनने वाली सड़क निर्माण के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) ने कार्य तेज कर दिया है. जल्द से जल्द सड़क निर्माण करने के लिए उत्तराखंड की जौहर घाटी के हिमालयी इलाके में गुरुवार को हेलीकॉप्टरों से भारी मशीनें उतारी गई हैं.

मामले में बीआरओ के मुख्य इंजीनियर बिमल गोस्वामी ने कहा कि 2019 में कई बार सड़क निर्माण के प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिल पाई, लेकिन अब बीआरओ हेलीकाप्टरों के माध्यम से सड़क निर्माण उपकरण उतारने में सफल हो गया है, जिससे सड़क निर्माण के कार्य में तेजी आएगी.

उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा पर उपकरणों की कमी के कारण कार्य में काफी देरी हो रही थी.

गोस्वामी ने बताया कि उपकरण न होने के कारण पत्थरों को काटने में देरी के चलते लगभग 65 किलोमीटर सड़क निर्माण में काफी देरी हो रही थी.

उन्होंने बताया कि राज्य के पिथौरागढ़ जिले में जौहर घाटी के उच्च हिमालयी क्षेत्र में बनने वाली मुनस्यारी-बोगडियार- मिलम सड़क भारत-चीन सीमा पर स्थित अंतिम चौकियों की एक कड़ी होगी.

बीआरओ के अधिकारियों ने बताया, 'पिछले वर्ष कई असफल प्रयासों के बाद हम इस महीने में भारी मशीनों के साथ हेलीकॉप्टर उतारने में कामयाब हुए हैं. हमें उम्मीद है कि अगले तीन वर्षों में यहां सड़क निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा.'

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उन्होंने कहा कि यहां प 22 किलोमीटर के हिस्से में स्थित एक पहाड़ एक दम सीधा खड़ा है, जिसकी चट्टानों को बिना भारी उपकरणों की सहायता से नहीं काटा जा सकता है, लेकिन अब मशीनें आ गई हैं, तो अब इन चट्टानों को काटना आसान हो जाएगा.

बिमल गोस्वामी ने आगे कहा कि सड़क का निर्माण 2010 में शुरू किया गया था. इसमें 325 करोड़ की लागत आ रही है. उन्होंने कहा कि सड़क का निर्माण दोनों छोर से किया जा रहा है और 22 किलोमीटर के कठिन हिस्से को छोड़कर, सड़क के 40 किमी हिस्से पर कटाई का काम पूरा हो चुका है.

Last Updated : Jun 11, 2020, 8:57 PM IST
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