नई दिल्ली : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के नाम संदेश भेजते हुए एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए सोनिया ने कहा कि इस देश के आम नागरिक अब यह महसूस करने लगे हैं कि मौजूदा शासन के हाथों में संवैधानिक मूल्य सुरक्षित नहीं है. आर्थिक मंदी एवं बेरोजगारी की समस्या से ध्यान भटकाने के लिए धार्मिक आधार पर लोगों को बांटने तथा संविधान को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है. इसलिए आज संविधान की रक्षा का दायित्व हर देशवासी के कंधे पर है.
सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए अपने संदेश में कहा, 'सच्चाई यह है कि आज देश के संविधान व संवैधानिक मूल्यों पर षड्यंत्रकारी हमला बोला जा रहा है. संवैधानिक मान्यताओं पर संस्थागत तौर से अतिक्रमण किया जा रहा है और संवैधानिक संस्थाओं को व्यक्तिगत निरंकुशता की बलि चढ़ाया जा रहा है. ऐसे में संविधान की रक्षा के लिए एकजुट होकर खड़े होना हर देशवासी का कर्तव्य है.'
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने संदेश में देश की मूल समस्याओं का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, 'आज खेती और किसान बर्बादी की कगार पर खड़े हैं. देश का भविष्य, देश का नौजवान रोजगार और सम्मान के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गया है. मंदी और तालाबंदी के चलते देश का छोटा-छोटा व्यवसायी और दुकानदार अपने आप को असहाय महसूस कर रहा है. अर्थव्यवस्था बदहाल है, आर्थिक प्रगति चौपट है व व्यापारिक मंदी हर पायदान पर दस्तक दे रही है. इसके खिलाफ आवाज उठाने वाले हर व्यक्ति पर सरकारी तंत्र का दमन चक्र चलाया जा रहा है.'
गौरतलब है कि देश में हाल ही में चल रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी एक दूसरे पर लगातार वार कर रहे हैं. विपक्षी दलों ने नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हुए देश को धर्म के नाम पर बांटने का इल्जाम भी लगाया है.
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इसी कड़ी में सोनिया ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, 'आर्थिक बदइंतजामी, प्रशासनिक दिवालियापन, बेतहाशा महंगाई, चौतरफा मंदी, असहनीय बेरोजगारी जैसी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए देशवासियों को धर्म-मजहब, इलाकाबाद और भाषा के आधार पर बांटने तथा संविधान को कमजोर करने की साजिश की जा रही है. देश में अप्रत्याशित तौर से अशांति व असुरक्षा का वातावरण पैदा किया गया है.'
सोनिया ने देशवासियों से संविधान की रक्षा के लिए सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने की अपील भी की. उन्होंने कहा कि हर देशवासी संविधान की सुरक्षा और देश की एकता को मजबूत करने के कर्तव्य बोध को आत्मसात करे. यही संविधान के प्रति सच्ची प्रतिबद्धता और राष्ट्रभक्ति का सूचक है.