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दिल्ली हिंसा : कांग्रेस का शांति मार्च, प्रियंका बोलीं- सौहार्द बनाए रखना हमारा कर्तव्य

दिल्ली में जारी हिंसा को लेकर कांग्रेस ने शांति मार्च निकाला. इस मार्च में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं सहित पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने जनता से बातचीत की. वहीं आज सीडब्ल्यूसी ने एक अहम बैठक भी की. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मौजूद रहे. पढे़ं पूरी खबर...

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दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस का राष्ट्रपति भवन तक 'शांति मार्च'
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Published : Feb 26, 2020, 10:28 AM IST

Updated : Mar 2, 2020, 2:55 PM IST

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून, 2019 (सीएए) के खिलाफ दिल्ली में जारी हिंसा के खिलाफ कांग्रेस ने शांति मार्च निकाला. इस मार्च में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं सहित पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने जनता से बातचीत भी की.

बुधवार को आयोजित मार्च के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर दिल्ली में कानून व्यवस्था बनाये रखने में विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग भी की.

दिल्ली में बेकाबू होते हालातों पर कांग्रेस ने निकाला शांति मार्च. शांति मार्च के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रियंका ने उनसे प्रभावित इलाकों में जाने तथा शांति एवं भाईचारे का संदेश फैलाने की अपील की.

कांग्रेस ने निकाला शांति मार्च

उन्होंने सरकार पर दिल्ली को 'बर्बाद' करने का आरोप लगाया जहां देश भर से लोग रोजगार की तलाश में आते हैं.

गांधी स्मृति तक कांग्रेस पार्टी ने शांति मार्च निकाला. कांग्रेस महासचिव ने कहा, ' यह हमारी दिल्ली है. लोग यहां काम की तलाश में आते हैं. आज इस शहर में आग और हिंसा फैलायी जा रही है . हम उस पार्टी से हैं जिसने स्वतंत्रता संघर्ष में योगदान दिया और शांति एवं सौहार्द बनाये रखना हमारा कर्तव्य है.'

प्रियंका ने कहा, 'मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलायें.' प्रियंका ने आरोप लगाया, 'राष्ट्रीय राजधानी में शांति लौटाना सरकार, गृह मंत्री का काम है लेकिन वे विफल रहे.' उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली आपका शहर है और इसे नष्ट किया जा रहा है, सरकार शांति बनाए रखने में विफल रही है.

प्रियंका गांधी ने की स्थानीय लोगों से बातचीत

कांग्रेस नेता ने कहा, 'हम गृह मंत्री के आवास तक जाना चाहते थे और इस्तीफा मांगना चाहते थे लेकिन पुलिस ने हमें रोक दिया.'

गौरतलब है कि शांति मार्च के पहले कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की एक बैठक हुई, जिसमें उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा के बाद के हालात पर मुख्य रूप से चर्चा की गई. इस बीच, ही पार्टी ने 'शांति मार्च' निकालने का फैसला किया था.

बता दें, सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल और कई अन्य नेता शामिल हुए. सीडब्ल्यूसी कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई है.

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के उपलब्ध न होने के मद्देनजर कांग्रेस ने राष्ट्रपति भवन तक अपना प्रस्तावित मार्च गुरुवार तक स्थगित किया.

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में मुख्य रूप दिल्ली हिंसा पर चर्चा हुई और जल्द ही एक प्रस्ताव भी पारित किया जा सकता है.

इससे पहले कांग्रेस का दिल्ली में लगातार बढ़ते हुए सामाजिक तनाव को देखते हुए कांग्रेस के नेता एवं कार्यकर्ता दोपहर बाद पार्टी मुख्यालय, 24 अकबर रोड से गांधी स्मृति, 30 जनवरी मार्ग तक साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए ‘शांति मार्च’ निकालने का कार्यक्रम था. इसमें कई वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है.

गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया था. प्रदर्शनकारियों ने कई घरों, दुकानों तथा वाहनों में आग लगा दी और एक-दूसरे पर पथराव किया.

दिल्ली हिंसा LIVE : 20 की मौत-189 घायल, केजरीवाल ने की सेना बुलाने की मांग

इन घटनाओं में बुधवार तक कम से कम 20 लोगों की जान चली गई और करीब 200 लोग घायल हो गए.

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून, 2019 (सीएए) के खिलाफ दिल्ली में जारी हिंसा के खिलाफ कांग्रेस ने शांति मार्च निकाला. इस मार्च में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं सहित पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने जनता से बातचीत भी की.

बुधवार को आयोजित मार्च के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर दिल्ली में कानून व्यवस्था बनाये रखने में विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग भी की.

दिल्ली में बेकाबू होते हालातों पर कांग्रेस ने निकाला शांति मार्च. शांति मार्च के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रियंका ने उनसे प्रभावित इलाकों में जाने तथा शांति एवं भाईचारे का संदेश फैलाने की अपील की.

कांग्रेस ने निकाला शांति मार्च

उन्होंने सरकार पर दिल्ली को 'बर्बाद' करने का आरोप लगाया जहां देश भर से लोग रोजगार की तलाश में आते हैं.

गांधी स्मृति तक कांग्रेस पार्टी ने शांति मार्च निकाला. कांग्रेस महासचिव ने कहा, ' यह हमारी दिल्ली है. लोग यहां काम की तलाश में आते हैं. आज इस शहर में आग और हिंसा फैलायी जा रही है . हम उस पार्टी से हैं जिसने स्वतंत्रता संघर्ष में योगदान दिया और शांति एवं सौहार्द बनाये रखना हमारा कर्तव्य है.'

प्रियंका ने कहा, 'मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलायें.' प्रियंका ने आरोप लगाया, 'राष्ट्रीय राजधानी में शांति लौटाना सरकार, गृह मंत्री का काम है लेकिन वे विफल रहे.' उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली आपका शहर है और इसे नष्ट किया जा रहा है, सरकार शांति बनाए रखने में विफल रही है.

प्रियंका गांधी ने की स्थानीय लोगों से बातचीत

कांग्रेस नेता ने कहा, 'हम गृह मंत्री के आवास तक जाना चाहते थे और इस्तीफा मांगना चाहते थे लेकिन पुलिस ने हमें रोक दिया.'

गौरतलब है कि शांति मार्च के पहले कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की एक बैठक हुई, जिसमें उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा के बाद के हालात पर मुख्य रूप से चर्चा की गई. इस बीच, ही पार्टी ने 'शांति मार्च' निकालने का फैसला किया था.

बता दें, सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल और कई अन्य नेता शामिल हुए. सीडब्ल्यूसी कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई है.

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के उपलब्ध न होने के मद्देनजर कांग्रेस ने राष्ट्रपति भवन तक अपना प्रस्तावित मार्च गुरुवार तक स्थगित किया.

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में मुख्य रूप दिल्ली हिंसा पर चर्चा हुई और जल्द ही एक प्रस्ताव भी पारित किया जा सकता है.

इससे पहले कांग्रेस का दिल्ली में लगातार बढ़ते हुए सामाजिक तनाव को देखते हुए कांग्रेस के नेता एवं कार्यकर्ता दोपहर बाद पार्टी मुख्यालय, 24 अकबर रोड से गांधी स्मृति, 30 जनवरी मार्ग तक साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए ‘शांति मार्च’ निकालने का कार्यक्रम था. इसमें कई वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है.

गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया था. प्रदर्शनकारियों ने कई घरों, दुकानों तथा वाहनों में आग लगा दी और एक-दूसरे पर पथराव किया.

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इन घटनाओं में बुधवार तक कम से कम 20 लोगों की जान चली गई और करीब 200 लोग घायल हो गए.

Last Updated : Mar 2, 2020, 2:55 PM IST
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