नई दिल्ली : कांग्रेस ने मलेरिया की दवा के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'जवाबी कार्रवाई' वाले कथित बयान को लेकर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि विदेश नीति में किसी डर की वजह से निर्णय करना देशवासियों का अपमान है.
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय की विदेश नीति और पहले की परंपराओं से सीखना चाहिए.
उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'हम विश्व समुदाय को परिवार मानते हैं. हम हमेशा लोगों की मदद करते आए हैं. लेकिन कोई धमकी दे, तो उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.'
खेड़ा ने कहा, 'भारत कभी भी किसी के सामने नहीं झुका. 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के समय ब्रिटेन और अमेरिका ने हस्तक्षेप कोशिश की तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने करारा जवाब दिया कि भारत अपने राष्ट्रीय हित में कोई दखल और दुस्साहस बर्दाश्त नहीं करेगा.'
उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी इस परंपरा को याद रखना चाहिए और सीखना चाहिए.
कांग्रेस नेता ने कहा, 'विदेश नीति राजनीतिक विषय नहीं है और इस पर हम और सभी पार्टियां सरकार के साथ खड़ी होती हैं, लेकिन डर की वजह से कोई निर्णय लिया जाएगा तो उससे देश के 130 करोड़ लोगों का अपमान होता है.'
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गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की मांग दोहराते हुए मंगलवार को कथित तौर पर कहा था कि अगर भारत इस दवा की आपूर्ति करता है तो ठीक है, वरना हम जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं.
इससे पहले गत रविवार को ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर आग्रह किया था कि भारत अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन उपलब्ध कराए.
अमेरिका इन दिनों कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित है. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल मलेरिया के उपचार के लिए होता है. भारत इस दवा का प्रमुख निर्यातक है.