नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं ने सोमवार को यहां राजघाट पर ‘देश की एकता के लिए सत्याग्रह’ में भाग लिया और संविधान की रक्षा का संकल्प लिया.
राहुल गांधी ने सत्याग्रह के समापन भाषण में भाजपा पर जमकर वार किया. उन्होंने कहा कि जनता की आवाज के बिना हिन्दुस्तान नहीं रहेगा. देश के दुश्मनों ने हमेशा से ही इस आवाज को दबाने की कोशिश की है. लेकिन जनता की आवाज ने ऐसा होने नहीं दिया.
राहुल ने आगे कहा, 'जो काम देश के दुश्मन नहीं कर पाए, वो काम आज नरेंद्र मोदी पूरा दम लगाकर करने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी कोशिश है कि हमारी उन्नति नष्ट हो जाए और देश की आवाज शांत हो जाए. नरेंद्र मोदी जब न्यायपालिका पर दबाव डालते हैं तो वो देश की आवाज को चोट पहुंचाते हैं. जब वो छात्रों पर गोली चलवाते हैं, तब वो देश की आवाज को शांत करवाने की कोशिश करते हैं. जब वो पत्रकारों को डराते हैं तो देश की आवाज को डराने की कोशिश करते हैं.'
गांधी ने कहा, 'मोदी जी आप कांग्रेस पार्टी से नहीं लड़ रहे, ये कांग्रेस पार्टी नहीं है, बल्कि पूरे देश की आवाज है, जिसके खिलाफ आप खड़े हो. यह भारत माता की आवाज है और अगर आप इसके खिलाफ रहोगे तो भारत माता आपको जबरदस्त जवाब देने जा रही है.'
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'जहां तक कपड़ों की बात है, पूरा देश आपको आपके कपड़ों से पहचानता है. 2 करोड़ का कपड़ा आपने पहना था. आप बताइए, अर्थव्यस्था कैसे चौपट हो गई, युवाओं को रोजगार क्यों नहीं मिल रहा है. आप इन सबमें फेल रहे तो भारत को बांटने का काम शुरू कर दिया.'
राहुल ने कहा, 'आप सिर्फ एक काम कर सकते हो, सालों से आपको आपके संगठन ने सिखाया है और इस काम को आपसे बेहतर कोई नहीं कर सकता. वो काम ये है कि हिन्दुस्तान को कैसे बांटा जाए. देश में नफरत फैलाई जाए, कैसे तोड़ा जाए. ये आपको सालों से सिखाया गया है.'
गौरतलब है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर वंदे मातरम से कांग्रेस के सत्याग्रह कार्यक्रम की शुरुआत हुई और फिर सोनिया, मनमोहन और राहुल ने अंग्रेजी भाषा में संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. बाद में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हिंदी और कई अन्य नेताओं ने देश की अलग-अलग भाषाओं में संविधान की प्रस्तावना पढ़ी.
नागरिकता संशोधन कानून और हालिया विरोध प्रदर्शनों में छात्रों पर हुए बल प्रयोग की पृष्ठभूमि में मुख्य विपक्षी दल ने सत्याग्रह का आयोजन किया. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ किसी भी प्रदर्शन में राहुल गांधी पहली बार शामिल हुए हैं. वह पिछले दिनों दक्षिण कोरिया के दौरे पर थे.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, केसी वेणुगोपाल, आनंद शर्मा, दिग्विजय सिंह और बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हुए.
सत्याग्रह आरंभ होने से पहले राहुल और प्रियंका ने युवाओं, छात्रों और अन्य लोगों से इसमें शामिल होने का आह्वान किया.
सोनिया-प्रियंका ने पढ़ी प्रस्तावना
राजघाट पर सोनिया गांधी ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. उनके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा. आंदोलन में अपनी जान गंवाने वालों के लिए बोलते हुए प्रियंका गांधी ने सत्याग्रह में भाषण दिया. उन्होंने कहा कि हम भारत को एक सम्पूर्ण गणराज्य बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं.
अहमद पटेल, विजेन्द्र सिंह, मीरा कुमार
अहमद पटेल ने कहा- लोकतंत्र खतरे में है. आज ऐसे लोग सत्ता में हैं जो आजादी की लड़ाई में कहीं भी नहीं थे. कांग्रेस नेता और बॉक्सर विजेन्द्र सिंह ने भी संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. पूर्व स्पीकर मीरा कुमार ने भी संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. उन्होंने कहा कि इस देश को आजाद कराने के लिए गरीबों और दलितों ने कुर्बानी दी थी लेकिन उस समय किसी ने उनसे नागरिकता नहीं पूछी थी, आज ऐसा क्या हो गया है कि उनसे उनकी नागरिकता पूछी जा रही है. आज जो नागरिकता पूछ रहे हैं वो कुर्बानी देने के समय गायब थे.
टीएस सिंहदेव, बाला साहेब थोराट, अशोक गहलोत, कमलनाथ का बयान
टीएस सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ से मैं कहता हूं कि छत्तीसगढ़ में सीएए और NRC लागू नहीं होगा. थोराट ने कहा महाराष्ट्र संतों की भूमि है, जहां शिवाजी से लेकर अंबेडकर तक महानायक हुए. अशोक गहलोत ने कहा कि नागरिकता कानून के कारण लोकतंत्र खतरे में है. पीएम मोदी इसे लेकर गुमराह कर रहे हैं. इसके साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश में नागरिकता कानून लागू नहीं करेंगे. इसके बाद अशोक गहलोत ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया नागरिकता कानून एमपी में लागू नहीं होने दिया जाएगा.
राहुल गांधी मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी
कांग्रेस के इस सत्याग्रह में शामिल होने राहुल गांधी, मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी पहुंचे. इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश के युवाओं से अपील की थी कि वह आज दोपहर 3 बजे उनके साथ राजघाट पर जुड़ें. पहले यह धरना रविवार को होना था, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया. रविवार को प्रशासनिक अनुमति नहीं मिलने के कारण सोमवार को यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है.
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल नेभी सत्याग्रह कार्यक्रम को लेकर जानकारी दी थी. उन्होंने दावा किया कि केंद्र एवं राज्यों की भाजपा सरकारों ने युवाओं और छात्रों के खिलाफ बल प्रयोग किया है, जिससे हालात ज्यादा खराब हो गए हैं.
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आपको बता दें कि कांग्रेस संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को 'असंवैधानिक' करार देते हुए इसका खुलकर विरोध कर रही है.
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को एक बयान जारी कर नए नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ करार देते हुए दावा किया कि जनता की आवाज दबाने के लिए सरकार द्वारा तानाशाही का तांडव हो रहा है.
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि नागरिकता कानून और एनआरसी के नाम पर गरीब लोगों को प्रताड़ित किया जाएगा.