नई दिल्ली: कांग्रेस ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की कोशिश में चीन के अड़ंगा डालने के बाद बुधवार देर रात भाजपा सरकार पर हमला बोला और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति ‘कूटनीतिक आपदाओं’ का सिलसिला है.
कांग्रेस ने संयुक्त राष्ट्र में इस कवायद में रोड़ा अटकाने को लेकर चीन और पाकिस्तान की भी आलोचना की. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में यह एक दुखद दिन है.
A sad day in the global fight against terrorism!
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 13, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
China blocking Masood Azhar's designation as global terrorist reaffirms Chinese position of being an inseparable ally of terrorism’s breeding ground-Pakistan
Sadly,Modiji's Foreign Policy has been a series of Diplomatic Disasters https://t.co/9m08uhjowj
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 13, 2019
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Sadly,Modiji's Foreign Policy has been a series of Diplomatic Disasters https://t.co/9m08uhjowj
उन्होंने आज फिर आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई को चीन-पाक गठजोड़ ने आघात पहुँचाया है.
सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘56 इंच की ‘हगप्लोमेसी’ (गले मिलने की कूटनीति) और झूला-झुलाने के खेल के बाद भी चीन-पाकिस्तान का जोड़ भारत को ‘लाल-आँख’ दिखा रहा है. एक बार फिर एक विफल मोदी सरकार की विफल विदेश नीति उजागर हुई.’
बता दें कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की भारत की कोशिश को एक और झटका लगा है. दरअसल, चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘1267 अल कायदा सैंक्शन्स कमेटी’ के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने लाया था.
गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई थी. इस हमले की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा हो गया था.
कमेटी के सदस्यों के पास प्रस्ताव पर आपत्ति जताने के लिए 10 कार्य दिन का वक्त था. यह अविध बुधवार को (न्यूयॉर्क के) स्थानीय समय दोपहर तीन बजे (भारतीय समयनुसार बृहस्पतिवार रात साढ़े 12 बजे) खत्म होनी थी.
संयुक्त राष्ट्र में एक राजनयिक ने पीटीआई-भाषा को बताया कि समयसीमा खत्म होने से ठीक पहले चीन ने प्रस्ताव पर ‘तकनीकी रोक’ लगा दी. राजनयिक ने कहा कि चीन ने प्रस्ताव की पड़ताल करने के लिए और वक्त मांगा है.
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यह तकनीकी रोक छह महीनों के लिए वैध है और इसे आगे तीन महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है.