नई दिल्ली : देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है. इससे प्रवासी मजदूरों को कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस ने इस बात को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि जिस प्रकार बिना तैयारी के नोटबंदी लागू कर दी गई थी, उसी तरह बिना तैयारी के देश में तालाबंदी लागू कर दिया गया है. इस वजह से लोग पलायन कर रहे हैं. इससे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा और बढ़ जाएगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, 'एक तरफ तीन से चार दिनों का समय कोरोना से लड़ने वाले योद्धाओं की सराहना में थाली पीटने के लिए दिया गया, दूसरी तरफ राष्ट्रीय लॉकडाउन से पहले सरकार ने तीन-चार घंटे का भी समय नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसी भी तरह से पूर्वानुमान, पूर्व तैयारी, मुफ्त भोजन और ठहरने के लिए प्रबंध के बारे में बिल्कुल विचार नहीं किया. शायद 1947 के बाद भारत में इतनी तादाद में लोगों ने पलायन कभी न किया हो.
तालाबंदी के बाद पलायन कर रहे लोगों में अब भी लाखों ऐसे लोग हैं, जो अपने घरों तक नहीं पहुंच पाए हैं और लगातार पैदल यात्राएं कर रहे हैं. कांग्रेस ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इन लोगों के लिए जल्द से जल्द व्यवस्था की जाए अन्यथा इस निर्णय को अमानवीय और शर्मसार करार दिया जाएगा.
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने इन लोगों की मदद करने के लिए एक टास्क फोर्स भी तैयार की है, जिसमें हर प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ता गरीब लोगों और मजदूरों तक खाना और दवाएं पहुंचा रहे हैं. हालांकि कांग्रेस का यह आरोप है कि देश में हो रही राजनीति के कारण इन कार्यकर्ताओं को ऐसा करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
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सिंघवी ने कहा, 'हमारे पीसीसी के कार्यकर्ताओं ने लगातार यह आरोप लगाया है कि सहायता वितरण के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के लोगों को पास बहुत आसानी से मिल रहे हैं, वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता जब इसकी मांग करते हैं तो उनको पास देने से इनकार कर दिया जाता है. ऐसे संकट के समय में ऐसा मामला उठना नहीं चाहिए था, लेकिन जो हो रहा है, वह बहुत घिनौनी राजनीति है.'