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SC-ST आरक्षण पर केंद्र सरकार के साथ खड़ी है कांग्रेस पार्टी

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Published : Dec 5, 2019, 2:01 PM IST

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के आरक्षण को बढ़ाने का फैसला लिया है. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता रिपुन बोरा ने इस फैसले का स्वागत किया है. पढ़ें पूरी खबर...

union cabinet reservation congress
रिपुन बोरा

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के आरक्षण को अगले 10 वर्षों तक बढ़ाने का फैसला लिया है.

कांग्रेस ने इस फैसले का स्वागत किया है. इसपर असम प्रदेश कांग्रेस समिति (एपीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा, हम फैसले का स्वागत करते हैं. वास्तव में जब हमारे संविधान में लिखा गया था कि एससी और एसटी समुदाय को उनके समग्र विकास के लिए महत्व देने के लिए प्रावधान शामिल किए गए थे. कांग्रेस पार्टी हमेशा इस तरह के कदम के पक्ष में थी.

कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा का बयान

बोरा ने कहा कि एससी और एसटी समुदाय को समाज के अन्य समुदाय के लोगों के साथ लाने के लिए आरक्षण आवश्यक है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 25 जनवरी 2020 को समाप्त होने वाले एससी और एसटी आरक्षण को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

सूत्रों ने कहा, सरकार अब संसद के शीतकालीन सत्र में 25 जनवरी, 2030 तक आरक्षण का विस्तार करने के लिए एक विधेयक लाएगी.

पढ़ें-SC-ST कानून पर सुप्रीम कोर्ट : 'प्रावधानों का दुरुपयोग मानवीय विफलता का नतीजा'

जबकि एससी और एसटी के लिए विधायिका में आरक्षण संवैधानिक संशोधनों के माध्यम से किया जाता है, नौकरियों में इसी तरह के आरक्षण पर संबंधित राज्य सरकारों द्वारा चर्चा की जा रही है.

जानकारी के लिए बता दें, वर्तमान में संसद में SC से 84 और ST समुदाय के 47 सदस्य हैं. वहीं, पूरे भारत में राज्य विधानसभाओं में 614 एससी और 554 एसटी सदस्य हैं.

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के आरक्षण को अगले 10 वर्षों तक बढ़ाने का फैसला लिया है.

कांग्रेस ने इस फैसले का स्वागत किया है. इसपर असम प्रदेश कांग्रेस समिति (एपीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा, हम फैसले का स्वागत करते हैं. वास्तव में जब हमारे संविधान में लिखा गया था कि एससी और एसटी समुदाय को उनके समग्र विकास के लिए महत्व देने के लिए प्रावधान शामिल किए गए थे. कांग्रेस पार्टी हमेशा इस तरह के कदम के पक्ष में थी.

कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा का बयान

बोरा ने कहा कि एससी और एसटी समुदाय को समाज के अन्य समुदाय के लोगों के साथ लाने के लिए आरक्षण आवश्यक है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 25 जनवरी 2020 को समाप्त होने वाले एससी और एसटी आरक्षण को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

सूत्रों ने कहा, सरकार अब संसद के शीतकालीन सत्र में 25 जनवरी, 2030 तक आरक्षण का विस्तार करने के लिए एक विधेयक लाएगी.

पढ़ें-SC-ST कानून पर सुप्रीम कोर्ट : 'प्रावधानों का दुरुपयोग मानवीय विफलता का नतीजा'

जबकि एससी और एसटी के लिए विधायिका में आरक्षण संवैधानिक संशोधनों के माध्यम से किया जाता है, नौकरियों में इसी तरह के आरक्षण पर संबंधित राज्य सरकारों द्वारा चर्चा की जा रही है.

जानकारी के लिए बता दें, वर्तमान में संसद में SC से 84 और ST समुदाय के 47 सदस्य हैं. वहीं, पूरे भारत में राज्य विधानसभाओं में 614 एससी और 554 एसटी सदस्य हैं.

Intro:New Delhi: The Congress has welcomed Union Cabinet decision of extending the reservation for Scheduled Casts (SC) and Scheduled Tribes (ST) in the Lok Sabha and state assemblies for next 10 years.


Body:"We welcome the decision. In fact when our Constitution was written provisions were included to give importance to the SC and ST community for their overall development...Congress party was always in favour of such move," said Assam Pradesh Congress Committee (APCC) president Ripun Bora.

Bora said that reservation is necessary to bring those SC and ST community at per with other community people of the society.

The Union Cabinet chaired by Prime Minister Narendra Modi has approved the proposal to extend the SC and ST reservation which expire on January 25, 2020.


Conclusion:Sources said, the government now will bring a Bill to extend the reservation till January 25, 2030 in the on going winter session of the Parliament.

While reservation for SC and ST in the legislature is carried out through constitutional amendments, similar reservation in jobs is being discussed by the respective state governments.

At present there are 84 members from the SC and 47 from the ST communities in the Parliament.

In the state assemblies across India, there are 614 SC and 554 ST members.

end
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