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गिरफ्तारियों से हम डरने वाले नहीं, कठिन सवाल पूछते रहेंगे : कांग्रेस - डीके शिवकुमार पर बोले मनीष तिवारी

कांग्रेस ने कर्नाटक के पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार का समर्थन करते हुए ईडी की कार्रवाई को गलत ठहराया है. कांग्रेस का इस पर कहना है कि ये कार्रवाई बदले की भावना से की गई है.

मनीष तिवारी
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Published : Sep 4, 2019, 4:33 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 10:28 AM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस ने कर्नाटक के पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी को बदले की भावना से की गयी कार्रवाई करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने बुधवार को कहा कि वह इस तरह के 'दमन' से डरने वाली नहीं है और नरेंद्र मोदी सरकार से कठिन सवाल पूछती रहेगी.

पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यह दावा भी किया कि आर्थिक संकट और अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए सरकार विरोधी नेताओं को निशाना बना रही है.

उन्होंने आरोप लगाया, 'सरकार के कुशासन और विफलता पर से ध्यान भटकाने के लिए विपक्षी नेताओं खासकर कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी की जा रही है. बदले की भावना से कार्रवाई हो रही है. शिवकुमार की गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने कर्नाटक में विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने की कोशिश की.'

उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में विपक्ष के एक भी नेता को अदालत ने दोषी नहीं ठहराया है.

कांग्रेस की पीसी.

तिवारी ने कहा 'कांग्रेस इस दमन से डरने वाली नहीं है. भारत के लोकतंत्र को बरकरार रखने के लिए एक प्रमुख विपक्षी पार्टी की तरह हम आवाज उठाते रहेंगे.'

अर्थव्यवस्था में सुस्ती का हवाला देते हुए तिवारी ने कहा, 'दूसरे कार्यकाल में राजग सरकार को बने 96 दिन हो गए हैं. तीन शब्द- दमन, अत्याचार और अराजकता इस सरकार की कहानी बयां करते हैं. आर्थिक विकास की दर पांच फीसदी है. आज देश की अर्थव्यवस्था की बुनियाद कमजोर हो चुकी है.'

उन्होंने कहा, 'चीन से उलट भारत की अर्थव्यवस्था बुनियादी तौर पर निजी अर्थव्यवस्था है. सरकार के खर्च के अलावा निजी क्षेत्र से कोई निवेश नहीं हो रहा है. अर्थव्यवस्था पांच प्रमुख क्षेत्रों में सिर्फ दो फीसदी की दर से आगे बढ़ रही है. पिछले पांच वर्षों से कृषि क्षेत्र में संकट है.'

पढ़ें: कर्नाटक: गिरफ्तारी के बाद सड़कों पर उतरे शिवकुमार के समर्थक, कांग्रेस ने बुलाया बंद

उन्होंने यह दावा भी किया कि मुद्रा योजना ऐतिहासिक रूप से विफल रही है.

तिवारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक ज्वालामुखी की तरह है जो फटने को है, लेकिन इस 'मैन मेड डिजास्टर' को हल करने की कोई नीति नहीं है.

असम में एनआरसी के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि असम में 19 लाख लोग देशविहीन हो गए हैं. अगर संख्या कम भी होती है तो क्या भारत सरकार के पास इसकी कोई योजना है कि उनका क्या किया जाएगा.

नई दिल्ली: कांग्रेस ने कर्नाटक के पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी को बदले की भावना से की गयी कार्रवाई करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने बुधवार को कहा कि वह इस तरह के 'दमन' से डरने वाली नहीं है और नरेंद्र मोदी सरकार से कठिन सवाल पूछती रहेगी.

पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यह दावा भी किया कि आर्थिक संकट और अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए सरकार विरोधी नेताओं को निशाना बना रही है.

उन्होंने आरोप लगाया, 'सरकार के कुशासन और विफलता पर से ध्यान भटकाने के लिए विपक्षी नेताओं खासकर कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी की जा रही है. बदले की भावना से कार्रवाई हो रही है. शिवकुमार की गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने कर्नाटक में विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने की कोशिश की.'

उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में विपक्ष के एक भी नेता को अदालत ने दोषी नहीं ठहराया है.

कांग्रेस की पीसी.

तिवारी ने कहा 'कांग्रेस इस दमन से डरने वाली नहीं है. भारत के लोकतंत्र को बरकरार रखने के लिए एक प्रमुख विपक्षी पार्टी की तरह हम आवाज उठाते रहेंगे.'

अर्थव्यवस्था में सुस्ती का हवाला देते हुए तिवारी ने कहा, 'दूसरे कार्यकाल में राजग सरकार को बने 96 दिन हो गए हैं. तीन शब्द- दमन, अत्याचार और अराजकता इस सरकार की कहानी बयां करते हैं. आर्थिक विकास की दर पांच फीसदी है. आज देश की अर्थव्यवस्था की बुनियाद कमजोर हो चुकी है.'

उन्होंने कहा, 'चीन से उलट भारत की अर्थव्यवस्था बुनियादी तौर पर निजी अर्थव्यवस्था है. सरकार के खर्च के अलावा निजी क्षेत्र से कोई निवेश नहीं हो रहा है. अर्थव्यवस्था पांच प्रमुख क्षेत्रों में सिर्फ दो फीसदी की दर से आगे बढ़ रही है. पिछले पांच वर्षों से कृषि क्षेत्र में संकट है.'

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उन्होंने यह दावा भी किया कि मुद्रा योजना ऐतिहासिक रूप से विफल रही है.

तिवारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक ज्वालामुखी की तरह है जो फटने को है, लेकिन इस 'मैन मेड डिजास्टर' को हल करने की कोई नीति नहीं है.

असम में एनआरसी के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि असम में 19 लाख लोग देशविहीन हो गए हैं. अगर संख्या कम भी होती है तो क्या भारत सरकार के पास इसकी कोई योजना है कि उनका क्या किया जाएगा.

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Last Updated : Sep 29, 2019, 10:28 AM IST
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