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नौकरियों में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस असहमत

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने के राज्य के फैसले पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के फैसले को अवैध ठहरा दिया है. इस पूरे मामले पर अब कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है. पढे़ं पूरा विवरण...

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आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
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Published : Feb 9, 2020, 8:41 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 7:13 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह नियुक्तियों और पदोन्नतियों में आरक्षण के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से असहमत है. पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति समुदायों के अधिकार खतरे में है.

कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी इस मुद्दे को संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह उठायेगी. उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राज्य सरकारें नियुक्तियों में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है तथा पदोन्नति में आरक्षण का दावा कोई मूल अधिकार नहीं है.

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा, 'इस न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के मद्देनजर इसमें कोई शक नहीं है कि राज्य सरकारें आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है. ऐसा कोई मूल अधिकार नहीं है जिसके तहत कोई व्यक्ति पदोन्नति में आरक्षण का दावा करे.'

उत्तराखंड सरकार के पांच सितम्बर 2012 के फैसले को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने यह टिप्पणी की.

गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण उपलब्ध कराये बगैर सार्वजनिक सेवाओं में सभी पदों को भरे जाने का फैसला लिया गया था.

आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने एससी, एसटी को नौकरियों में पदोन्नति देने वाली मांग वाली याचिका को स्थगित किया

वासनिक ने कहा, 'हम सम्मानपूर्वक कहते हैं कि हम इस निर्णय से सहमत नहीं हैं...भाजपा सरकार में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अधिकार सुरक्षित नहीं है.'

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी का मानना है कि सरकारी पदों पर एससी/एसटी समुदाय के लोगों की नियुक्ति सरकारों के विवेकाधिकार पर नहीं होनी चाहिए, लेकिन यह संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकार है.'

संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज भी मौजूद थे.

उदित राज ने भी इसी तरह की भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि यह विषय भाजपा नीत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विरोधाभास को प्रदर्शित करता है क्योंकि केंद्र ने इसी तरह के मामले में पदोन्नति में आरक्षण का समर्थन किया था.

भगवा पार्टी पर निशाना साधते हुए दलित नेता ने कहा, 'भाजपा बुनियादी तौर पर दलितों और आरक्षण के खिलाफ है.'

नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह नियुक्तियों और पदोन्नतियों में आरक्षण के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से असहमत है. पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति समुदायों के अधिकार खतरे में है.

कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी इस मुद्दे को संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह उठायेगी. उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राज्य सरकारें नियुक्तियों में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है तथा पदोन्नति में आरक्षण का दावा कोई मूल अधिकार नहीं है.

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा, 'इस न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के मद्देनजर इसमें कोई शक नहीं है कि राज्य सरकारें आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है. ऐसा कोई मूल अधिकार नहीं है जिसके तहत कोई व्यक्ति पदोन्नति में आरक्षण का दावा करे.'

उत्तराखंड सरकार के पांच सितम्बर 2012 के फैसले को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने यह टिप्पणी की.

गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण उपलब्ध कराये बगैर सार्वजनिक सेवाओं में सभी पदों को भरे जाने का फैसला लिया गया था.

आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने एससी, एसटी को नौकरियों में पदोन्नति देने वाली मांग वाली याचिका को स्थगित किया

वासनिक ने कहा, 'हम सम्मानपूर्वक कहते हैं कि हम इस निर्णय से सहमत नहीं हैं...भाजपा सरकार में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अधिकार सुरक्षित नहीं है.'

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी का मानना है कि सरकारी पदों पर एससी/एसटी समुदाय के लोगों की नियुक्ति सरकारों के विवेकाधिकार पर नहीं होनी चाहिए, लेकिन यह संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकार है.'

संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज भी मौजूद थे.

उदित राज ने भी इसी तरह की भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि यह विषय भाजपा नीत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विरोधाभास को प्रदर्शित करता है क्योंकि केंद्र ने इसी तरह के मामले में पदोन्नति में आरक्षण का समर्थन किया था.

भगवा पार्टी पर निशाना साधते हुए दलित नेता ने कहा, 'भाजपा बुनियादी तौर पर दलितों और आरक्षण के खिलाफ है.'

Intro:आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा गया कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण कोई मौलिक अधिकार नहीं है बल्कि यह राज्य सरकारों के विवेक पर निर्भर करता है। इस पूरे मामले पर अब कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है। शुक्रवार को जस्टिस एल नागेश्वर राव और हेमंत गुप्ता की संवैधानिक पीठ ने यह निर्णय दिया था। आज कांग्रेस के महासचिव मुकुल वासनिक और कांग्रेश के प्रवक्ता और दलित नेता उदित राज ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के प्रति अपनी असहमति जताते हुए इसके लिए सीधे-सीधे मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।


Body:यह निर्णय उत्तराखंड सरकार के लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियंता के पदों पर पदोन्नति में अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण से संबंधित मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया। अब कांग्रेस ने उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है इस बात को आधार बनाते हुए कहा है कि चुकी सरकार के वकीलों ने अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों का पक्ष सुप्रीम कोर्ट के सामने सही तरीके से नहीं रखा और इसी वजह से या निर्णय आया है। पूर्व सांसद और कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज ने भी इस निर्णय के प्रति निराशा जताई है और कहां है की सरकार की तरफ से इस पूरे मामले में रिव्यू पिटिशन दिया जाना चाहिए अगर ऐसा नहीं होता है तो कांग्रेस पार्टी संसद से सड़क तक इसके लिए आंदोलन करेगी।


Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 7:13 PM IST
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