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एकता के लिए समानता को अभिन्न बताने पर जोर दिया जा रहा है : खुर्शीद - equality for integration

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अल्पसंख्यक समुदाय की चिंताओं को उठाया है. उन्होंने कहा कि निराशावादी बनने के लिए कोई खास कारण नहीं है लेकिन बात जब अल्पसंख्यक समुदाय की आती है तो कुछ चिंताए उठती हैं. जानें क्या है पूरा मामला....

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद
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Published : Jul 13, 2019, 7:49 AM IST

Updated : Jul 13, 2019, 1:45 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अल्पसंख्यक समुदाय की चिंताओं को उठाया है. उन्होंने शुक्रवार को दावा किया कि विविधता के पारंपरिक विचार की बजाए देश की एकता के लिए 'एकरुपता' को 'अभिन्न' बताए जाने पर जोर दिया जा रहा है.

अपनी पुस्तक 'विजिबल मुस्लिम - इनविजिबल सिटिजन : अंडरस्टेंडिंग इस्लाम इन इंडियन डेमोक्रेसी के विमोचन पर यहां रखे गए एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि निराशावादी बनने के लिए कोई खास कारण नहीं है लेकिन बात जब अल्पसंख्यक समुदाय की आती है तो कुछ चिंताए उठती हैं.

खुर्शीद ने कहा, 'अगर एक लोकतंत्र में असहमति एवं मतभेद के लिए जगह नहीं होगी तो उस लोकतंत्र पर सवाल उठने चाहिए. असहमति या मतभेद पर विचारों का आदान-प्रदान न हो पाना लोकतंत्र की त्रासदी है.'

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने अपनी लिखी हुई पुस्तक 'विजिबल मुस्लिम - इनविजिबल सिटिजन' के बारे में बताया कि इसका उद्देश्य लोग हिंदुस्तान की डेमोक्रेसी का सही मकसद समझ सके.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद


साथ ही उन्होंने कहा है कि कुछ लोगों का यह मानना है कि हिंदुस्तान की एकता के लिए सबको एक सा होना चाहिए. और हमारी समझ हिंदुस्तान की जंबुरियत के बारे में यह है कि एक फिजा ऐसी हो जिसमें अलग-अलग रंग के फूल हो एक ही रंग के फूल ना हो और जहां अलग- अलग रंग के फूल एक साथ इकट्ठा होंगे तो तब बनेगा एक मजबूद और कामयाब गुलदस्ता.

पढे़ं: सलमान खुर्शीद का दावा, 'दुखद है, बिखर गए मुस्लिम वोट, नहीं मिला फायदा'

उन्होंने कहा, 'एकरूपता को एकता के लिए अभिन्न बताए जाने पर जोर दिया जा रहा है. हम पारंपरिक विचार में यकीन रखते हैं, आप में से भी कई रखते होंगे कि देश की एकजुटता के लिए विविधता अनिवार्य है.'

पुस्तक पर रखी गई समूह चर्चा में उनके साथ लोकसभा सांसद असदउद्दीन ओवैसी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली भी मौजूद थे. ओवैसी ने भी कहा कि एक देश में समरूपता नहीं होनी चाहिए और उसकी विविधता का सम्मान होना चाहिए.

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अल्पसंख्यक समुदाय की चिंताओं को उठाया है. उन्होंने शुक्रवार को दावा किया कि विविधता के पारंपरिक विचार की बजाए देश की एकता के लिए 'एकरुपता' को 'अभिन्न' बताए जाने पर जोर दिया जा रहा है.

अपनी पुस्तक 'विजिबल मुस्लिम - इनविजिबल सिटिजन : अंडरस्टेंडिंग इस्लाम इन इंडियन डेमोक्रेसी के विमोचन पर यहां रखे गए एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि निराशावादी बनने के लिए कोई खास कारण नहीं है लेकिन बात जब अल्पसंख्यक समुदाय की आती है तो कुछ चिंताए उठती हैं.

खुर्शीद ने कहा, 'अगर एक लोकतंत्र में असहमति एवं मतभेद के लिए जगह नहीं होगी तो उस लोकतंत्र पर सवाल उठने चाहिए. असहमति या मतभेद पर विचारों का आदान-प्रदान न हो पाना लोकतंत्र की त्रासदी है.'

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने अपनी लिखी हुई पुस्तक 'विजिबल मुस्लिम - इनविजिबल सिटिजन' के बारे में बताया कि इसका उद्देश्य लोग हिंदुस्तान की डेमोक्रेसी का सही मकसद समझ सके.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद


साथ ही उन्होंने कहा है कि कुछ लोगों का यह मानना है कि हिंदुस्तान की एकता के लिए सबको एक सा होना चाहिए. और हमारी समझ हिंदुस्तान की जंबुरियत के बारे में यह है कि एक फिजा ऐसी हो जिसमें अलग-अलग रंग के फूल हो एक ही रंग के फूल ना हो और जहां अलग- अलग रंग के फूल एक साथ इकट्ठा होंगे तो तब बनेगा एक मजबूद और कामयाब गुलदस्ता.

पढे़ं: सलमान खुर्शीद का दावा, 'दुखद है, बिखर गए मुस्लिम वोट, नहीं मिला फायदा'

उन्होंने कहा, 'एकरूपता को एकता के लिए अभिन्न बताए जाने पर जोर दिया जा रहा है. हम पारंपरिक विचार में यकीन रखते हैं, आप में से भी कई रखते होंगे कि देश की एकजुटता के लिए विविधता अनिवार्य है.'

पुस्तक पर रखी गई समूह चर्चा में उनके साथ लोकसभा सांसद असदउद्दीन ओवैसी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली भी मौजूद थे. ओवैसी ने भी कहा कि एक देश में समरूपता नहीं होनी चाहिए और उसकी विविधता का सम्मान होना चाहिए.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 1:2 HRS IST




             
  • एकता के लिए समानता को अभिन्न बताने पर जोर दिया जा रहा है : खुर्शीद



नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अल्पसंख्यक समुदाय की चिंताओं को उठाते हुए शुक्रवार को दावा किया कि विविधता के पारंपरिक विचार की बजाए देश की एकता के लिए “एकरुपता” को “अभिन्न” बताए जाने पर जोर दिया जा रहा है। 



अपनी पुस्तक “विजिबल मुस्लिम - इनविजिबल सिटिजन : अंडरस्टेंडिंग इस्लाम इन इंडियन डेमोक्रेसी’ के विमोचन पर यहां रखे गए एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि निराशावादी बनने के लिए कोई खास कारण नहीं है लेकिन बात जब अल्पसंख्यक समुदाय की आती है तो कुछ चिंताए उठती हैं। 



खुर्शीद ने कहा, “अगर एक लोकतंत्र में असहमति एवं मतभेद के लिए जगह नहीं होगी तो उस लोकतंत्र पर सवाल उठने चाहिए। असहमति या मतभेद पर विचारों का आदान-प्रदान न हो पाना लोकतंत्र की त्रासदी है।” 



उन्होंने कहा, “एकरूपता को एकता के लिए अभिन्न बताए जाने पर जोर दिया जा रहा है। हम पारंपरिक विचार में यकीन रखते हैं, आप में से भी कई रखते होंगे कि देश की एकजुटता के लिए विविधता अनिवार्य है।” 



पुस्तक पर रखी गई समूह चर्चा में उनके साथ लोकसभा सांसद असदउद्दीन ओवैसी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली भी मौजूद थे। 



ओवैसी ने भी कहा कि एक देश में समरूपता नहीं होनी चाहिए और उसकी विविधता का सम्मान होना चाहिए।


Conclusion:
Last Updated : Jul 13, 2019, 1:45 PM IST
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