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कर्नाटक सरकार की स्थिति डांवाडोल, एचडी देवगौड़ा से मिलने पहुंच रहे नेता

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Published : Jul 7, 2019, 8:50 AM IST

Updated : Jul 7, 2019, 3:21 PM IST

कर्नाटक में सियासत गरमाई हुई है. कांग्रेस-जेडीएस के 13 विधायक अबतक इस्तीफा दे चुके हैं. इन्में से 10 विधायक मुंबई पहुंचे हैं. इस दौरान सत्ता पक्ष के खेमे में खलबली मची हुई है. विस्तार से मामले को जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

मुंबई होटल में ठहरे विधायक.

नई दिल्ली/बेंगलुरु: कर्नाटक में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है. अब तक 13 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. इन्में से 10 विधायक कांग्रेस के हैं और तीन जनता दल यूनाइटेड के हैं. कर्नाटक में एक बार फिर 'रिजॉर्ट राजनीति' लौट आई है और इस्तीफा देने वाले विधायकों में से 10 विधायक शनिवार को मुंबई के लिए रवाना हो गए.

एक ओर कर्नाटक में सरकार गिरने के कागार पर हैं, वहीं दूसरी ओर कुमारस्वामी आज विदेश से भारत लौटे हैं. इसी सिलसिले में कांग्रेसी नेता और कार्नाटक सरकार में मंत्री डीके शिवकुमार पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा से उनके आवास पर मुलाकात की और स्थिति पर चर्चा की गई.

devagoda
देवगौड़ा के साथ नेताओं की बैठक

कांग्रेस के नेता एचडी रेवान्ना, डी कुपेंद्रा रेड्डी, एचके कुमार स्वामी और डीसी तमन्ना भी देवगौड़ा से मिलने पहुंचे हैं.

सिद्धारमैया ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सबके पीछे बीजेपी का हाथ है. ये ऑपरेशन कमाल है...सब कुछ ठीक है. कोई घबराने की बात नहीं है. सरकार बनी रहेगी, सरकार गिरने का कोई खतरा नहीं.

siddaramaya etv bharat
सिद्धारमैया का बयान.

कांग्रेस नेता महेंद्र ने सॉफटिल में स्थित बीकेसी होटेल में कहा कि मैंने सिर्फ रमेश जरकीहोली से बात की है, बाकी सांसदों के बारे में नहीं पता, जिस चीज के बारे में मैं कुछ नहीं जानता उसके बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा.

अब तक इन विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं हुए हैं. वहीं कुछ के इस्तीफे फाड़ भी दिए गए हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले पर कहा कि वो कोई भी निर्णय मंगलवार से पहले नहीं ले सकते. उन्होंने बताया कि रविवार छुट्टी है और सोमवार को वो मौजूद नहीं हैं.

इन विधायकों के करीबी सूत्रों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों के मुंबई स्थित एक होटल में रुकने की संभावना है. राज्य की गठबंधन सरकार शनिवार को तब संकट में आ गई जब गठबंधन के 13 विधायकों ने अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

नेताओं की प्रतिक्रिया
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने एक विज्ञप्ति में कहा, 'अन्य प्रतिद्वंद्वी दलों में हुए घटनाक्रमों से मेरा और मेरी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है.' उन्होंने कहा, 'मैंने मीडिया में आई खबरों में सुना है कि कांग्रेस और जद (एस) विधायकों ने अपनी-अपनी विधानसभा सीटों से इस्तीफा दे दिया है.'

bs yaddurappa
बी एस येदियुरप्पा का बयान.

बीएस येदियुरप्पा सारे हालातों को देखते हुए कहा कि मैं तुमकुर जा रहा हूं और मैं चार बजे तक वापस लौटूंगा. सभी को राजनीतिक फेरबदल के बारे में पता ही है. इंतेजार करिए और देखिए. मैं एडी कुमारस्वामी और सिद्दारामैया के सावलों पर कोई टिपण्णी नहीं करना चाहता. मैं इस मामले से किसी भी तरह नहीं जुड़ा हूं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनके सीएम बनने को लेकर लग रही अटकलों पर कहा कि वे इस बारे में नहीं जानते. आगे उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि गठबंधन सरकार चलती रहे. सभी कुछ सरलता से होने की बात कही. साथ ही कहा कि गलत जानकारियां मीडिया से साझा की जा रही, इसका मकसद सिर्फ भटकाना है.

malikarjun kharge
मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान

आगे वे कहते हैं कि रामालिंगा रेड्डी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वे कांग्रेस के खास हैं. बेंगलुरु में काफी लंबे समय से कांग्रेस को वो ही संभाल रहे हैं. मैं मामले पर पहले उनकी राय जानूंगा, फिर हम कोई निर्णय लेंगे.

वहीं मामले पर सिद्धारमैया का कहना है कि वे 5-6 विधायकों से बातचीत कर रहे हैं. सारी जानकारी वे साझा नहीं कर सकते. आगे वे कहते हैं कि लोगों का मेरे प्रति वफादार नहीं बल्कि पार्टी के प्रति वफादार होना जरूरी है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी सदस्यता अभियान में व्यस्त है. उन्होंने कहा, 'एक चीज मैं कह सकता हूं कि लोग चुनाव के लिए तैयार नहीं हैं. चुनाव सरकारी खजाने पर बोझ हैं.'

भाजपा विधायक सीएन अश्वथ नारायण ने इन खबरों से इनकार किया कि वह इन विधायकों की यात्रा और उनके मुंबई में ठहरने के इंतजाम में मदद कर रहे हैं.

पढ़ेंं: फिर शुरू हुआ 'कर'नाटक- विदेश में CM, हो गया 'खेल'

उन्होंने कहा, 'विधायक खुद गए हैं. भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं है.' जनवरी में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले कांग्रेस ने भाजपा के डर से अपने विधायकों को एक रिजॉर्ट भेज दिया था.

गुजरात कांग्रेस के विधायक भी 2017 में राज्य में ठहरे थे क्योंकि कांग्रेस को डर था कि राज्यसभा चुनाव से पहले विधायक छिटक सकते हैं. इससे पहले मैसूरू जिला पंचायत चुनाव के दौरान भाजपा और जद (एस) के सदस्य राजनीतिक शिकार के डर से इसी रिजॉर्ट में रुके

भाजपा ने कर्नाटक की सरकार गिराने की कोशिश करने के कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि सत्तारूढ़ सहयोगी पार्टियों कांग्रेस और जद (एस) की अंदरूनी कलह राज्य में नई राजनीतिक अस्थिरता के लिए जिम्मेदार है.

भाजपा के मीडिया प्रमुख एवं राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ सहयोगियों के विधायकों के इस्तीफे के मामले में उनकी पार्टी की कोई भूमिका नहीं है. इस घटना ने राज्य की एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली सरकार के अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा कर दिया है.

बलूनी ने कहा, 'वास्तविकता यह है कि कांग्रेस के भीतर और उसका जद (एस) के साथ राजनीतिक श्रेष्ठता का संघर्ष है. सिद्धरमैया नहीं चाहते कि कुमारस्वामी की सरकार चले. पूरी अस्थिरता का कारण यही द्वेषपूर्ण अंदरूनी राजनीति है.'

राज्य की पूर्ण स्थिति
कांग्रेस नेता सिद्धरमैया कुमारस्वामी से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. गौरतलब है कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के 13 विधायकों ने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इससे राज्य में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली महज साल भर पुरानी सरकार खतरे में पड़ गई है.

यदि इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन (जिसके 118 विधायक हैं) 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत खो देगा. वहीं, भाजपा के 105 विधायक हैं. कर्नाटक भाजपा प्रमुख बी एस यदियुरप्पा ने भी कहा है कि उनकी पार्टी का इन इस्तीफों से कोई लेना देना नहीं है.

बता दें, कर्नाटक विधानसभा में कुल 225 सीट हैं, जिसमें से कांग्रेस-जोडीएस गठबंध के पास 118 हैं. ये सीटों का आंकड़ा बहुत से महज पांच सीट ही ज्यादा है. इन्में से कांग्रेस के 78 विधायक हैं और जेडीएस के 37. वहीं तीन अन्य के खेमे से हैं. विपक्ष में बीजेपी है, जिसके पास कुल 105 विधायक हैं.

नई दिल्ली/बेंगलुरु: कर्नाटक में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है. अब तक 13 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. इन्में से 10 विधायक कांग्रेस के हैं और तीन जनता दल यूनाइटेड के हैं. कर्नाटक में एक बार फिर 'रिजॉर्ट राजनीति' लौट आई है और इस्तीफा देने वाले विधायकों में से 10 विधायक शनिवार को मुंबई के लिए रवाना हो गए.

एक ओर कर्नाटक में सरकार गिरने के कागार पर हैं, वहीं दूसरी ओर कुमारस्वामी आज विदेश से भारत लौटे हैं. इसी सिलसिले में कांग्रेसी नेता और कार्नाटक सरकार में मंत्री डीके शिवकुमार पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा से उनके आवास पर मुलाकात की और स्थिति पर चर्चा की गई.

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देवगौड़ा के साथ नेताओं की बैठक

कांग्रेस के नेता एचडी रेवान्ना, डी कुपेंद्रा रेड्डी, एचके कुमार स्वामी और डीसी तमन्ना भी देवगौड़ा से मिलने पहुंचे हैं.

सिद्धारमैया ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सबके पीछे बीजेपी का हाथ है. ये ऑपरेशन कमाल है...सब कुछ ठीक है. कोई घबराने की बात नहीं है. सरकार बनी रहेगी, सरकार गिरने का कोई खतरा नहीं.

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सिद्धारमैया का बयान.

कांग्रेस नेता महेंद्र ने सॉफटिल में स्थित बीकेसी होटेल में कहा कि मैंने सिर्फ रमेश जरकीहोली से बात की है, बाकी सांसदों के बारे में नहीं पता, जिस चीज के बारे में मैं कुछ नहीं जानता उसके बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा.

अब तक इन विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं हुए हैं. वहीं कुछ के इस्तीफे फाड़ भी दिए गए हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले पर कहा कि वो कोई भी निर्णय मंगलवार से पहले नहीं ले सकते. उन्होंने बताया कि रविवार छुट्टी है और सोमवार को वो मौजूद नहीं हैं.

इन विधायकों के करीबी सूत्रों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों के मुंबई स्थित एक होटल में रुकने की संभावना है. राज्य की गठबंधन सरकार शनिवार को तब संकट में आ गई जब गठबंधन के 13 विधायकों ने अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

नेताओं की प्रतिक्रिया
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने एक विज्ञप्ति में कहा, 'अन्य प्रतिद्वंद्वी दलों में हुए घटनाक्रमों से मेरा और मेरी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है.' उन्होंने कहा, 'मैंने मीडिया में आई खबरों में सुना है कि कांग्रेस और जद (एस) विधायकों ने अपनी-अपनी विधानसभा सीटों से इस्तीफा दे दिया है.'

bs yaddurappa
बी एस येदियुरप्पा का बयान.

बीएस येदियुरप्पा सारे हालातों को देखते हुए कहा कि मैं तुमकुर जा रहा हूं और मैं चार बजे तक वापस लौटूंगा. सभी को राजनीतिक फेरबदल के बारे में पता ही है. इंतेजार करिए और देखिए. मैं एडी कुमारस्वामी और सिद्दारामैया के सावलों पर कोई टिपण्णी नहीं करना चाहता. मैं इस मामले से किसी भी तरह नहीं जुड़ा हूं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनके सीएम बनने को लेकर लग रही अटकलों पर कहा कि वे इस बारे में नहीं जानते. आगे उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि गठबंधन सरकार चलती रहे. सभी कुछ सरलता से होने की बात कही. साथ ही कहा कि गलत जानकारियां मीडिया से साझा की जा रही, इसका मकसद सिर्फ भटकाना है.

malikarjun kharge
मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान

आगे वे कहते हैं कि रामालिंगा रेड्डी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वे कांग्रेस के खास हैं. बेंगलुरु में काफी लंबे समय से कांग्रेस को वो ही संभाल रहे हैं. मैं मामले पर पहले उनकी राय जानूंगा, फिर हम कोई निर्णय लेंगे.

वहीं मामले पर सिद्धारमैया का कहना है कि वे 5-6 विधायकों से बातचीत कर रहे हैं. सारी जानकारी वे साझा नहीं कर सकते. आगे वे कहते हैं कि लोगों का मेरे प्रति वफादार नहीं बल्कि पार्टी के प्रति वफादार होना जरूरी है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी सदस्यता अभियान में व्यस्त है. उन्होंने कहा, 'एक चीज मैं कह सकता हूं कि लोग चुनाव के लिए तैयार नहीं हैं. चुनाव सरकारी खजाने पर बोझ हैं.'

भाजपा विधायक सीएन अश्वथ नारायण ने इन खबरों से इनकार किया कि वह इन विधायकों की यात्रा और उनके मुंबई में ठहरने के इंतजाम में मदद कर रहे हैं.

पढ़ेंं: फिर शुरू हुआ 'कर'नाटक- विदेश में CM, हो गया 'खेल'

उन्होंने कहा, 'विधायक खुद गए हैं. भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं है.' जनवरी में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले कांग्रेस ने भाजपा के डर से अपने विधायकों को एक रिजॉर्ट भेज दिया था.

गुजरात कांग्रेस के विधायक भी 2017 में राज्य में ठहरे थे क्योंकि कांग्रेस को डर था कि राज्यसभा चुनाव से पहले विधायक छिटक सकते हैं. इससे पहले मैसूरू जिला पंचायत चुनाव के दौरान भाजपा और जद (एस) के सदस्य राजनीतिक शिकार के डर से इसी रिजॉर्ट में रुके

भाजपा ने कर्नाटक की सरकार गिराने की कोशिश करने के कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि सत्तारूढ़ सहयोगी पार्टियों कांग्रेस और जद (एस) की अंदरूनी कलह राज्य में नई राजनीतिक अस्थिरता के लिए जिम्मेदार है.

भाजपा के मीडिया प्रमुख एवं राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ सहयोगियों के विधायकों के इस्तीफे के मामले में उनकी पार्टी की कोई भूमिका नहीं है. इस घटना ने राज्य की एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली सरकार के अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा कर दिया है.

बलूनी ने कहा, 'वास्तविकता यह है कि कांग्रेस के भीतर और उसका जद (एस) के साथ राजनीतिक श्रेष्ठता का संघर्ष है. सिद्धरमैया नहीं चाहते कि कुमारस्वामी की सरकार चले. पूरी अस्थिरता का कारण यही द्वेषपूर्ण अंदरूनी राजनीति है.'

राज्य की पूर्ण स्थिति
कांग्रेस नेता सिद्धरमैया कुमारस्वामी से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. गौरतलब है कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के 13 विधायकों ने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इससे राज्य में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली महज साल भर पुरानी सरकार खतरे में पड़ गई है.

यदि इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन (जिसके 118 विधायक हैं) 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत खो देगा. वहीं, भाजपा के 105 विधायक हैं. कर्नाटक भाजपा प्रमुख बी एस यदियुरप्पा ने भी कहा है कि उनकी पार्टी का इन इस्तीफों से कोई लेना देना नहीं है.

बता दें, कर्नाटक विधानसभा में कुल 225 सीट हैं, जिसमें से कांग्रेस-जोडीएस गठबंध के पास 118 हैं. ये सीटों का आंकड़ा बहुत से महज पांच सीट ही ज्यादा है. इन्में से कांग्रेस के 78 विधायक हैं और जेडीएस के 37. वहीं तीन अन्य के खेमे से हैं. विपक्ष में बीजेपी है, जिसके पास कुल 105 विधायक हैं.

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Last Updated : Jul 7, 2019, 3:21 PM IST
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