नई दिल्ली : कृषि बिल पर रविवार को वोटिंग के दौरान हंगामा करने वाले राज्यसभा के आठ विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया. सदन में हंगामे के कई वीडियो भी वायरल हुए हैं. वहीं कांग्रेस ने परिस्थितियों को दोष देते हुए केंद्र सरकार पर संसद के लोकतांत्रिक मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
बहस के बाद राज्यसभा ने विपक्ष के हंगामे के बीच कृषि बिलों को पारित कर दिया, जिसके कारण कुछ नेताओं ने सदन के भीतर विरोध करना शुरू कर दिया. एक वीडियो में, विधेयकों के बहस के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अपना जवाब दे रहे थे, लेकिन उनके जवाबों से असंतुष्ट टीएमस सांसद डेरेन ओ ब्रायन वेल में पहुंच गए और कुछ आधिकारिक कागजात भी फाड़ दिए.
केसी वेणुगोपाल का आरोप
इस मामले के बारे में पूछे जाने पर, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ईटीवी भारत से कहा, 'आपको हालातों को जांचना पड़ेगा. सरकार ने इस किसान विरोधी कानून को लाने से पहले संसदीय लोकतंत्र के पूरे मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया है. इसलिए विपक्ष विरोध कर रहा है. वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी विपक्ष के खिलाफ आरोप लगाकर 'देश को गुमराह' कर रहे हैं.
इस मामले में कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने ट्वीट में एक वीडियो साझा किया. जिसमें राज्यसभा सांसद राजीव सातव को उप-स्पीकर के मंच के सामने एक मेज पर खड़े होकर स्पष्ट रूप से विरोध करते हुए देखा जा रहा है. नकवी ने ट्वीट में लिखा कि "कांग्रेस और कंपनी चर्चा और विभाजन नहीं करते वह केवल व्यधान और भ्रम पैदा करते हैं.
वेणुगोपाल ने स्पष्ट किया, 'हमने राज्यसभा में कुछ भी नहीं किया था. किसी सदस्य के मौलिक अधिकार पर सवाल उठाया जाता है, फिर इस संसद सत्र को आयोजित करने का उद्देश्य क्या है? अगर हम किसानों की भावनाओं और भावनाओं को बढ़ाने में सक्षम नहीं हैं, तो? सत्र आयोजित करने का उद्देश्य क्या है?
विपक्ष ने आरोप लगाया था कि राज्यसभा के उपसभापति ने विधेयकों को जल्दबाजी में पारित कर दिया और उन्हें अपनी बात कहने से मना कर दिया और सुझाए गए संशोधनों के लिए मतों के विभाजन से इनकार कर दिया.
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कृषि विधेयक के खिलाफ कांग्रेस का विरोध
कांग्रेस ने सोमवार को घोषणा की कि पार्टी एक राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेगी, जिसके तहत पार्टी इन बिलों के खिलाफ एक ज्ञापन पर दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर एकत्र करेगी, जिसे बाद में भारत के राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.
वेणुगोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, कल और आज हमने राज्यसभा में जो देखा, उससे हमें लोकतांत्रिक सरकार से इस प्रकार के रवैये की उम्मीद नहीं थी. इस तरह का बिल, जो देश के किसानों के बीच गंभीर आशंका है, की समानांतर चर्चा होनी चाहिए.