नई दिल्ली: संसद में राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (नपीआर) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के मुद्दे को विपक्ष लगातार उठा रहा है, इसके लेकर कांग्रेस पार्टी ने भविष्य की रणनीति के बारे में चर्चा करने के लिए एक बैठक आयोजित की.
इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने की जिसमें राज्य के सभी सांसदों के साथ-साथ लोकसभा, राज्य प्रभारी और प्रदेश कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष भी मौजूद थे.
इसमें वरिष्ठ पार्टी नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश, के सुरेश, दिग्विजय सिंह, कुमारी शैलजा, राजीव गौड़ा, मुकुल वासनिक और पीएल पुनिया ने भी बैठक में भाग लिया.
ईटीवी से बात करते हुए भारत पीएल पुनिया ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने 2010 में किए गए एनपीआर अभ्यास और एनपीआर 2020 के बीच अंतर के बारे में चर्चा की है.
एनपीआर के संशोधित संस्करण में आठ प्रश्न जोड़े गए हैं जो हर तरह से एनपीआर को एनआरसी से जोड़ते हैं. हम चाहते हैं कि उन सवालों को पूरे देश में एनपीआर के लागू होने से पहले हटा दिया जाएगा.
कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा,'आज सभी राज्यों के प्रभारियों और पीसीसी प्रमुखों को एनपीआर के भविष्य के बारे में जानकारी दी जा रही है. अब उन्हें अपने राज्यों में एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर ध्यान देने को कहा गया है.'
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मंगलवार को,गृह राज्यमंत्री ने नित्यानंद राय ने संसद में स्पष्ट किया कि सरकार ने NRC के पैन इंडिया कार्यान्वयन के लिए कोई निर्णय नहीं लिया है.वहीं के सुरेश ने अपने बयान का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने कई बार सदन को गुमराह किया है और इसलिए इन बयानों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.
कांग्रेस नेता राजीव गौड़ा ने देश में बढ़ती बेरोजगारी दर को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि यह देश में रोजगारविहीन वृद्धि नहीं बल्कि रोजगार की वृद्धि है. मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था में गिरावट आ रही है क्योंकि वह वास्तविकता को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं.