नई दिल्ली : महाराष्ट्र में शिवसेना ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना ली है. इसके बाद शिवसेना पर हिंदुत्व की राजनीति छोड़कर सेक्युलर बनने की राह पकड़ने को लेकर सोशल मीडिया पर हमले होने लगे. तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा के संविधान का वह हिस्सा वायरल किया जाने जाने लगा, जिसमें सेक्युलरिज्म को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई है.
इस पर भाजपा ने कहा है कि उसके संविधान में जो सेक्युलरिज्म शब्द है, वह कांग्रेस वाला नहीं है. भाजपा सेक्युलरिज्म (पंथनिरपेक्षता) का मतलब धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव न करना मानती है.
दरअसल, मुंबई कांग्रेस के नेता सचिन सावंत ने एक ट्वीट कर कहा, 'भाजपा के वे लोग जो महाविकास आघाड़ी के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में सेक्युलर शब्द होने पर सवाल उठा रहे हैं, वे अपनी पार्टी के संविधान में देखें कि क्या लिखा है.'
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इस ट्वीट के साथ सचिन सावंत ने भारतीय जनता पार्टी के संविधान के भाग-दो में उद्देश्य कॉलम में लिखा अंश साझा किया. इसमें लिखा है, 'पार्टी विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान तथा समाजवाद, पंथ निरपेक्षता(सेक्युलरिज्म) और लोकतंत्र के सिद्धांतों के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेगी और भारत की प्रभुसत्ता, एकता और अखंडता को कायम रखेगी.'
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इस मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा, 'भाजपा और कांग्रेस के सेक्युलरिज्म में जमीन और आसमान का अंतर है. कांग्रेस की सेक्युलरिज्म का मतलब होता है मुस्लिम तुष्टीकरण. जबकि भाजपा संविधान की भावना के अनुरूप धर्म के आधार पर किसी तरह का भेदभाव न करने को सेक्युलरिज्म मानती है. मैं शिवसेना से पूछना चाहता हूं कि क्या वह अब मुस्लिम तुष्टीकरण वाले कांग्रेस के सेक्युलरिज्म को अपनाने जा रही है.?'