नई दिल्ली : कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा राज्य मंत्री पल्लम राजू ने मॉस्को में एक बैठक के दौरान भारत को दिए गए चीन के आश्वासन पर चिंता और संदेह व्यक्त किया. यह देखते हुए कि रिकॉर्ड के अनुसार चीन ने कभी भी समझौतों को सम्मान नहीं किया है, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सीमा गतिरोध हमेशा बढ़ा है.
जैसा कि भारत और चीन के बीच सीमा तनाव बढ़ रहे हैं, मास्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी की बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि वह एलएसी में चार महीने लंबे गतिरोध को कम करने के लिए पांच-बिंदु योजना पर सहमत हुए हैं.
ईटीवी भारत से विशेष रूप से बात करते हुए पल्लम राजू ने कहा कि बातों से ज्यादा आपका काम बोलता है. हमने पिछले चार माह में देखा है कि दोनों पक्षों के कमांडरों के बीच जितनी बैठकें हुईं, उनमें जितने समझौतों पर सहमति हुई, चीनियों ने अपना वादा नहीं निभाया.
उन्होंने आगे कहा कि इतिहास कहता है कि भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर हुए समझौतों का सम्मान चीन ने कभी नहीं किया है इसलिए मुझे नए समझौतों पर संदेह है.
बैठक में दोनों विदेश मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि सीमा क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति किसी भी पक्ष के हित में नहीं है. इसलिए पांच सूत्रीय योजना में मतभेदों को विवाद न बनने देना और तनाव को कम करने के लिए मौजूदा भारत-चीन सीमा प्रोटोकॉल का पालन करना भी शामिल है.
लंबे समय तक मतभेद दोनों देशों के लिए अच्छा नहीं है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीन ने एलएसी में स्थिति बहाल करने के लिए कड़ा रुख अपनाया है. मुझे उम्मीद है कि रूस में रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों की बैठकें होंगी, जिनसे कुछ सकारात्मक परिणाम निकलेंगे.
कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगातार एलएसी की मौजूदा स्थिति के बारे में बताने की मांग की है. भारत सीमा पर लगातार अपनी टुकड़ियां तैनात कर रहा है. एलएसी में बहुत गंभीर और खतरनाक स्थिति पैदा हो गई है. विपक्षी दल आगामी संसद सत्र में भी इस मुद्दे को उठाने की योजना बना रहे हैं.
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पल्लम राजू ने कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर राष्ट्रीय मुद्दा है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा, जब प्रधानमंत्री ने ऑल-पार्टी मीटिंग के दौरान चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर किसी भी अतिक्रमण से इनकार किया. प्रधानमंत्री के बयान से हालात और बिगड़ गए. मुझे उम्मीद है कि नई स्थिति में हम अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए सभी उपाय करेंगे.
इस संकट से निपटने के तरीके के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने सुझाव दिया कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा यदि दोनों देश टकराते हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि वह वार्ता करें.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अपने ट्वीट में केंद्र पर तीखा हमला करते हुए कहा कि चीन ने हमारी जमीन ले ली है. भारत सरकार इसे वापस लेने की योजना बना रही है या यह भगवान भरोसे छोड़ दिया जाएगा.