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कांग्रेस, माकपा ने TMC को बताया भाजपा की 'बी' टीम

हाल में ममता बनर्जी ने अपने बयान में कहा कि वे सोनिया गांधी द्वारा सीएए को लेकर बुलाई बैठक का बहिष्कार करेंगी. ममता के इसी बयान के बाद से विपक्षियों का उनपर तंज कसना शुरू हो चुका है. पार्टियों का कहना है कि टीएमसी भाजपा की 'बी' टीम है. इसके साथ ही उन्होंने ममता पर विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने से जानबूझकर बचने का आरोप लगाया.

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तृणमूल कांग्रेस को बताया भाजपा की 'बी' टीम
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Published : Jan 10, 2020, 10:51 AM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों कांग्रेस और माकपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को भाजपा की 'बी' टीम करार दिया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने से जानबूझकर बचने का आरोप लगाया.

कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने विधानसभा के एक दिवसीय सत्र के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सत्तारूढ़ दल ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की विपक्षी दलों की मांग को 'मनमाने ढंग' से ठुकरा दिया.

उन्होंने कहा, 'अगर तृणमूल कांग्रेस सीएए और एनआरसी के विरोध को लेकर गंभीर है, तो उसे प्रस्ताव पारित करने से किसने रोका है? ये दर्शाता है कि वह भाजपा की 'बी' टीम बन गई है.'

विधानसभा में विपक्ष के नेता मन्नान ने कहा कि कांग्रेस और माकपा ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने के लिये सभी संसदीय मानदंडों का पालन किया और विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय के साथ बातचीत भी की.

उन्होंने कहा, 'लेकिन आज उन्होंने कहा कि इसे पेश नहीं किया जा सकता क्योंकि मुख्यमंत्री ने पिछले साल सितंबर में विधानसभा में इस मामले पर चर्चा की थी. क्या सितंबर में सीएए पारित हो गया था? हमने यह सुझाव भी दिया कि टीएमसी द्वारा प्रस्ताव पेश किया जा सकता है. अतीत में कभी भी किसी भी सत्तारूढ़ दल ने इस तरह विधानसभा का इस्तेमाल नहीं किया.

पढ़ें : CAA विरोध : ममता बोलीं- मोदी बार-बार पाकिस्तान की बात क्यों करते हैं ?

वहीं माकपा नेता सुजान सिंह चक्रवर्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी पोंजी घोटालों में शामिल लोगों को बचाने के लिये केन्द्र सरकार को खुश रखना चाहती है.

चक्रवर्ती ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह 13 जनवरी को सीएए के विरोध में नयी दिल्ली में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होंगी.

वह भाजपा के विभाजनकारी कानून के खिलाफ हो रही बैठक में शामिल नहीं होना चाहतीं, जिसमें सभी विपक्षी दल शामिल होंगे. बैठक होकर रहेगी, जिसके बाद वह जनता के सामने बेनकाब हो जाएंगी.'

गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने कहा कि वह विश्वविद्यालयों में हिंसा और सीएए के विरोध में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक का बहिष्कार करेंगी.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों कांग्रेस और माकपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को भाजपा की 'बी' टीम करार दिया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने से जानबूझकर बचने का आरोप लगाया.

कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने विधानसभा के एक दिवसीय सत्र के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सत्तारूढ़ दल ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की विपक्षी दलों की मांग को 'मनमाने ढंग' से ठुकरा दिया.

उन्होंने कहा, 'अगर तृणमूल कांग्रेस सीएए और एनआरसी के विरोध को लेकर गंभीर है, तो उसे प्रस्ताव पारित करने से किसने रोका है? ये दर्शाता है कि वह भाजपा की 'बी' टीम बन गई है.'

विधानसभा में विपक्ष के नेता मन्नान ने कहा कि कांग्रेस और माकपा ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने के लिये सभी संसदीय मानदंडों का पालन किया और विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय के साथ बातचीत भी की.

उन्होंने कहा, 'लेकिन आज उन्होंने कहा कि इसे पेश नहीं किया जा सकता क्योंकि मुख्यमंत्री ने पिछले साल सितंबर में विधानसभा में इस मामले पर चर्चा की थी. क्या सितंबर में सीएए पारित हो गया था? हमने यह सुझाव भी दिया कि टीएमसी द्वारा प्रस्ताव पेश किया जा सकता है. अतीत में कभी भी किसी भी सत्तारूढ़ दल ने इस तरह विधानसभा का इस्तेमाल नहीं किया.

पढ़ें : CAA विरोध : ममता बोलीं- मोदी बार-बार पाकिस्तान की बात क्यों करते हैं ?

वहीं माकपा नेता सुजान सिंह चक्रवर्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी पोंजी घोटालों में शामिल लोगों को बचाने के लिये केन्द्र सरकार को खुश रखना चाहती है.

चक्रवर्ती ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह 13 जनवरी को सीएए के विरोध में नयी दिल्ली में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होंगी.

वह भाजपा के विभाजनकारी कानून के खिलाफ हो रही बैठक में शामिल नहीं होना चाहतीं, जिसमें सभी विपक्षी दल शामिल होंगे. बैठक होकर रहेगी, जिसके बाद वह जनता के सामने बेनकाब हो जाएंगी.'

गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने कहा कि वह विश्वविद्यालयों में हिंसा और सीएए के विरोध में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक का बहिष्कार करेंगी.

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मैंने राज ठाकरे से मुलाकात नहीं की: फडणवीस

मुम्बई, नौ जनवरी (भाषा) भाजपा नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को इससे इनकार कि उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की थी। फडणवीस ने कहा कि उनके साथ हाथ मिलाने की अभी कोई योजना नहीं है।



विधानसभा में विपक्ष के नेता फडनवीस ने कहा कि उनकी पार्टी और मनसे का कोई वैचारिक मेल नहीं है।





उन्होंने यहां एक समारोह में कहा, ‘‘मैं मनसे प्रमुख राज ठाकरे से नहीं मिला और उनके साथ हाथ मिलाने की अभी कोई योजना नहीं है।’’



उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा, एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में विभिन्न (क्षेत्रीय) संगठनों के साथ काम करने के पक्ष में है। हम भविष्य में इस पर सोचेंगे।’’



मीडिया के एक वर्ग में दावा किया गया था कि फडणवीस ने हाल में राज ठाकरे से मुलाकात की और दोनों ने राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार से मुकाबले के लिए एक संभावित समझौते पर चर्चा की।



राज ठाकरे ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के खिलाफ जमकर प्रचार किया था।


Conclusion:
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