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आरबीआई की तरफ से येस बैंक पर प्रतिबंध ने तोड़ी अर्थव्यवस्था की कमर : कांग्रेस - भारतीय रिजर्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा येस बैंक पर प्रतिबंध लगाए जाने के एक दिन बाद, कांग्रेस पार्टी ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि इसने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है.

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आरबीआई द्वारा यस बैंक पर प्रतिबंध ने तोड़ी अर्थव्यवस्था की कमर
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Published : Mar 6, 2020, 7:24 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा येस बैंक पर प्रतिबंध लगाए जाने के एक दिन बाद, कांग्रेस पार्टी ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि इसने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने केंद्र सरकार पर वार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में डॉक्टर मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान और अब की अर्थव्यवस्था देखें, इतना वित्तीय कुप्रबंधन क्यों है?

raw

उन्होंने आगे कहा कि आर्थिक आपातकाल हर जगह है. यह 2016 में सरकार द्वारा विमुद्रीकरण के फैसले के बाद से ज्यादा हुआ है.

वर्तमान बैंक के संकट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है. मुझे उम्मीद है कि कुलीन मंत्रियों से भरा यह मंत्रिमंडल पहला और आखिरी है.

एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि 2015-16 के दौरान बैंक धोखाधड़ी 18,699 करोड़ रुपये की थी.

उन्होंने आगे कहा कि 2016-17 में यह 23,933 करोड़ थी, 2017-18 में, 41,167 करोड़ पहुंची और 2018-19 में 71,500 करोड़ हो गई और यह वर्ष 2019-20 में ,1,43,068 करोड़ तक पहुंच चुकी है.

पवन खेड़ा ने कहा कि हम देश के प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री से पूछना चाहते हैं कि यह धन किसे मिल रहा है.

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा येस बैंक पर प्रतिबंध लगाए जाने के एक दिन बाद, कांग्रेस पार्टी ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि इसने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने केंद्र सरकार पर वार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में डॉक्टर मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान और अब की अर्थव्यवस्था देखें, इतना वित्तीय कुप्रबंधन क्यों है?

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उन्होंने आगे कहा कि आर्थिक आपातकाल हर जगह है. यह 2016 में सरकार द्वारा विमुद्रीकरण के फैसले के बाद से ज्यादा हुआ है.

वर्तमान बैंक के संकट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है. मुझे उम्मीद है कि कुलीन मंत्रियों से भरा यह मंत्रिमंडल पहला और आखिरी है.

एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि 2015-16 के दौरान बैंक धोखाधड़ी 18,699 करोड़ रुपये की थी.

उन्होंने आगे कहा कि 2016-17 में यह 23,933 करोड़ थी, 2017-18 में, 41,167 करोड़ पहुंची और 2018-19 में 71,500 करोड़ हो गई और यह वर्ष 2019-20 में ,1,43,068 करोड़ तक पहुंच चुकी है.

पवन खेड़ा ने कहा कि हम देश के प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री से पूछना चाहते हैं कि यह धन किसे मिल रहा है.

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