नई दिल्ली : केंद्र सरकार गुजरात के राजकोट में स्थित फर्म से 5,000 वेंटिलेटर खरीद रही है. इसके पूर्व अहमदाबाद के सबसे बड़े कोविड-19 अस्पताल को सांस लेने की मशीन की आपूर्ति इसी कंपनी ने की थी. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इस टेंडर के पीछे आपूर्तिकर्ताओं कंपनी और भाजपा के शीर्ष नेताओं में संबंध है.
कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सवाल उठाया है कि जब पूरी दुनिया कोविड-19 से तबाह है और इसका असर सभी के जीवन और आर्थिक कल्याण को प्रभावित कर रहा है, इस महामारी में गुजरात का विवाद परत खोल रहा है.
दरअसल धामन-1 वेंटिलेटर मेक इन इंडिया उत्पाद है, जिसे मुख्यमंत्री विजय रूपाणी द्वारा उद्घाटन के बाद गुजरात सरकार द्वारा खूब बढ़ावा दिया गया था. इसे शानदार उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया गया था.
पवन खेड़ा ने इस मामले पर कहा, 'आज की प्रेस रिलीज इस मशीन को लेकर है, जिसे एक बार नहीं बल्कि 10 बार वेंटिलेटर कहा गया. पराक्रम जडेजा और कंपनी ज्योति सीएनसी को 10 दिनों के अंदर बहुत कम लागत वाले वेंटिलेटर को बनाने के लिए बधाई दी गई. गुजरात सरकार द्वारा प्रशंसा से प्रेरित होकर अन्य राज्यों ने भी इन मशीनों को मंगाया.'
बकौल खेड़ा, 'विवाद बढ़ने के बाद गुजरात सरकार ने दावा किया कि उसने उन मशीनों को कभी वेंटिलेटर के रूप में नहीं बताया है. लेकिन अपने स्वयं के प्रेस विज्ञप्ति में इन मशीनों को कई बार 'वेंटिलेटर’ के रूप में दर्शाया है और 'शानदार उपलब्धि' के रूप में भी कहा था, जोकि पीएम मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान के सपने को 'एक नया पंख' देगा.'
गुजरात सीएम का मशीन को लेकर दावा राज्य के डॉक्टरों द्वारा भी समर्थित नहीं था और उन्होंने सरकार को पत्र लिखकर अधिक वेंटिलेटर की मांग की थी. कांग्रेस नेता ने कहा, 'उन्होंने बताया कि धमन-1 रोगियों पर काम नहीं करता है, और एक अच्छा वेंटिलेटर नहीं है.'
उ्होंने आगे कहा, 'मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि डॉक्टरों का कहना है कि धमन-1 वेंटीलेटर नहीं है, बल्कि एक मैकेनिक एएमबीयू है (आर्टिफिशियल मैनुअल ब्रीदिंग यूनिट) बैग, जबकि कंपनी की वेबसाइट, गुजरात के सीएम और उनकी सरकार का कहना है कि यह एक वेंटिलेटर है.'
इस मशीन की उत्पादक कंपनी ज्योति सीएनसी का शीर्ष भाजपा नेताओं के साथ संबंध जोड़ते हुए खेड़ा ने कहा कि उनके साथ जुड़े कारोबारी परिवारों में से एक वीरानी हैं, जिन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को एक महंगे सूट का तोहफा दिया था. उसका नाम उनके नाम पर रखा था, जिसे मोदी ने 2015 में बराक ओबामा के साथ एक कार्यक्रम के दौरान पहना था. उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि वर्षों से, व्यवसायी, रमेशकुमार भीखाभाई विरानी की ज्योति सीएनसी कंपनी में महत्वपूर्ण वित्तीय हिस्सेदारी है.
इसमें अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में मौतों की संख्या के बारे में उल्लेख करते हुए, उन्होंने सरकार से इन मशीनों को लेकर अनुमति के लिए सवाल उठाया. यहां तक अस्पताल में उपयोग हो रहे मशीन के पास ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट से लाइसेंस भी नहीं है.
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या केंद्र सरकार द्वारा इन मशीनों की खरीद में पीएम-केयर्स फंड का उपयोग किया गया है.