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चुनावी बॉण्ड में सरकारी भ्रष्टाचार का आरोप लगा कांग्रेस का वाकआउट

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने चुनावी बॉण्ड का मुद्दा उठाया. उनका दावा था कि भारतीय रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग के विरोध के बाद भी केंद्र सरकार ने चुनावी बॉण्ड जारी किये. कांग्रेस ने इसके बाद सदन से वॉकआउट किया.

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी.
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Published : Nov 21, 2019, 1:57 PM IST

Updated : Nov 21, 2019, 5:24 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने चुनावी बॉण्ड का मुद्दा गुरुवार को लोकसभा में उठाया. उन्होंने केंद्र सरकार पर इस योजना के माध्यम से 'सरकारी भ्रष्टाचार को अमलीजामा' पहनाने का गंभीर आरोप लगाया. इसके बाद कांग्रेस ने इस विषय पर सदन से वाकआउट भी किया.

शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने दावा किया कि भारतीय रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने चुनावी बॉण्ड जारी किये और उसके माध्यम से 'सरकारी भ्रष्टाचार को अमलीजामा पहनाया गया'.

मनीष तिवारी.

उन्होंने कहा, '2017 के बजट में घोषणा के बाद जब यह योजना लागू की गई थी, तो इसे केवल लोकसभा चुनाव तक सीमित रखा गया था. हालांकि अप्रैल 2018 में कर्नाटक चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर इसे बदल दिया गया.'

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तिवारी को टोकते हुए कहा कि किसी का नाम नहीं लिया जाए. उन्हें इसके बाद बोलने की अनुमति नहीं दी गई. इस पर तिवारी कहते सुने गये कि उनके पास आरटीआई से प्राप्त कागज है और वह सदन के पटल पर रखने को तैयार हैं.

पढ़ें: महाराष्ट्र पर मंथन जारी- आज NCP-कांग्रेस की बैठक, शुक्रवार को हो सकता है बड़ा ऐलान

तिवारी और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने उन्हें बात पूरी करने की अनुमति देने की मांग की, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया. इस पर विरोध जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विपक्षी दल के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया.

नई दिल्ली : कांग्रेस ने चुनावी बॉण्ड का मुद्दा गुरुवार को लोकसभा में उठाया. उन्होंने केंद्र सरकार पर इस योजना के माध्यम से 'सरकारी भ्रष्टाचार को अमलीजामा' पहनाने का गंभीर आरोप लगाया. इसके बाद कांग्रेस ने इस विषय पर सदन से वाकआउट भी किया.

शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने दावा किया कि भारतीय रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने चुनावी बॉण्ड जारी किये और उसके माध्यम से 'सरकारी भ्रष्टाचार को अमलीजामा पहनाया गया'.

मनीष तिवारी.

उन्होंने कहा, '2017 के बजट में घोषणा के बाद जब यह योजना लागू की गई थी, तो इसे केवल लोकसभा चुनाव तक सीमित रखा गया था. हालांकि अप्रैल 2018 में कर्नाटक चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर इसे बदल दिया गया.'

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तिवारी को टोकते हुए कहा कि किसी का नाम नहीं लिया जाए. उन्हें इसके बाद बोलने की अनुमति नहीं दी गई. इस पर तिवारी कहते सुने गये कि उनके पास आरटीआई से प्राप्त कागज है और वह सदन के पटल पर रखने को तैयार हैं.

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तिवारी और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने उन्हें बात पूरी करने की अनुमति देने की मांग की, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया. इस पर विरोध जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विपक्षी दल के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया.

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Last Updated : Nov 21, 2019, 5:24 PM IST
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