नई दिल्ली: भारत के उत्तरपूर्वी राज्यों में आगामी लोकसभा चुनाव में भारी नकदी की वसूली और काले धन के इस्तेमाल पर गंभीर चिंता जताई गई है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विशेषज्ञ दीपक दीवान ने इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत कर अपनी राय रखी.
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विशेषज्ञ दीपक दीवान ने कहा, 'यह एक गंभीर चिंता है जो भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की निष्पक्षता और निष्पक्षता को धूमिल कर रही है.'
अधिकारियों के आंकड़ों के अनुसार, 12 मार्च से लेकर अब तक पिछले 27 दिनों में पूर्वोत्तर राज्यों से 5.84 करोड़ रुपये जब्त किये गये. साल 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में जब्त की गई यह रकम 482 प्रतिशत अधिक है.
रिपोर्टों के अनुसार, 2014 के चुनाव के दौरान 1.21 करोड़ रुपये नकद जब्ती की गई थी.
दीवान ने कहा, 'इससे पहले पूर्वोत्तर राज्यों में नकदी की वसूली की प्रवृत्ति नहीं दिखी थी. इस तरह के मामले यहां बहुत कम होते थे. लेकिन इतनी संख्या में रुपयों की जब्ती बेहद गंभीर मुद्दा है.'
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर से बाहर के दल वोटबैंक बनाने के लिये पैसे का इस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं. जो कि पूर्वोत्तर राज्यों के लिये खतरे की तरह है.
चुनाव आयोग और आयकर विभाग ने भी काले धन को जब्त करने के लिए अपनी कमर कसी है. इसके लिये 160 इनकम टैक्स अधिकारियों को तैनात किया गया है. उन्हें जैसे ही इस तरह के मामलों की सूचना मिलती है, वे तुरंत इस पर कार्रवाई करते हैं.