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बिहार : असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ देशद्रोह समेत कई धाराओं में परिवाद दायर - supreme court

AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ बिहार के छपरा व्यवहार न्यायायलय में परिवाद दर्ज कराया गया है. अखिल हिंदु महासभा के अध्यक्ष ने सांसद के विरुद्ध भादवि की धारा 124 ए, 225 ए, 505 ए, बी (2) तथा 66 ए आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.

असदुद्दीन ओवैसी
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Published : Nov 15, 2019, 10:44 PM IST

पटना : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ छपरा व्यवहार न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई गई है. साथ ही ओवैसी के खिलाफ राजद्रोह और धर्म विशेष के लोगों को भड़काने पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है.

अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु कुमार सिंह ने अपने अधिवक्ता मनोज सिंह के माध्यम से छपरा सिविल कोर्ट में सांसद ओवैसी के खिलाफ अयोध्या फैसले के बाद आपत्तिजनक बयान दिए जाने को लेकर शिकायत दर्ज कराई है.

जानकारी देते परिवादी और अधिवक्ता

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोध्या भूमि विवाद पर फैसला सुनाए जाने के बाद हैदराबाद के सांसद मोहम्मद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा निर्णय के खिलाफ बयान देने और धर्म विशेष के लोगों को उकसाने को लेकर उनके विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में एक मामला दर्ज कराया गया है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु कुमार सिंह द्वारा दर्ज परिवाद पत्र में हैदराबाद के सांसद पर उच्चतम न्यायालय के न्याय निर्णय के विरुद्ध आवाज उठाने, एक समुदाय विशेष को उकसाने और दूसरे समुदाय के लोगों को ठेस पहुंचाने जैसे कई गंभीर आरोप लगाया गया है.

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शिकायत दर्ज करवाने वाले अधिवक्ता

'भावनाओं को आहत करने वाला बयान'
अध्यक्ष ने अपने आरोप में कहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा 9 नवम्बर को अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद में निर्णय सुनाया गया, जिसके विरुद्ध सांसद ने निर्णय के खिलाफ आमसभा में और सार्वजनिक रूप से मीडिया में बयान देकर आम लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है.

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जानकारी देते अधिवक्ता

इतना ही नही सांसद ने न्यायालय के निर्णय पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर देश और पड़ोस दोनों समुदायों के बीच घृणा उत्पन्न किया है, जिससे लोक शांति तो भंग हुई ही है. साथ ही दोनों समुदायों के बीच शत्रुता बढ़ाने की प्रबल कोशिश भी की गई है.

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व्यवहार न्यायालय, छपरा

भड़काऊ भाषण देने पर ओवैसी के खिलाफ दर्ज हुई शिकायत

क्या बोले अधिवक्ता...

  • सांसद ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ आवाज उठाई है, जो राष्ट्रद्रोह के परिधि में भी आता है और उनके द्वारा किये गये आपत्तिजनक टिप्पणी से भारत के हिंदुओ का मन आहत हुआ है. अध्यक्ष ने सांसद के विरुद्ध भादवि की धारा 124 ए, 225 ए, 505 ए, बी (2) तथा 66 ए आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.
  • मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नूर सुलताना ने उक्त परिवाद संख्या 3909/19 को एमपी एमएलए के विशेष न्यायालय के विशेष न्यायिक पदाधिकारी एसीजेएम प्रथम अनुराग कुमार त्रिपाठी के न्यायालय में सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया है. इस मामले में 4 दिसम्बर को वादी पक्ष का शपथ पर बयान दर्ज किये जाने का आदेश दिया गया है.

पटना : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ छपरा व्यवहार न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई गई है. साथ ही ओवैसी के खिलाफ राजद्रोह और धर्म विशेष के लोगों को भड़काने पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है.

अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु कुमार सिंह ने अपने अधिवक्ता मनोज सिंह के माध्यम से छपरा सिविल कोर्ट में सांसद ओवैसी के खिलाफ अयोध्या फैसले के बाद आपत्तिजनक बयान दिए जाने को लेकर शिकायत दर्ज कराई है.

जानकारी देते परिवादी और अधिवक्ता

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोध्या भूमि विवाद पर फैसला सुनाए जाने के बाद हैदराबाद के सांसद मोहम्मद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा निर्णय के खिलाफ बयान देने और धर्म विशेष के लोगों को उकसाने को लेकर उनके विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में एक मामला दर्ज कराया गया है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु कुमार सिंह द्वारा दर्ज परिवाद पत्र में हैदराबाद के सांसद पर उच्चतम न्यायालय के न्याय निर्णय के विरुद्ध आवाज उठाने, एक समुदाय विशेष को उकसाने और दूसरे समुदाय के लोगों को ठेस पहुंचाने जैसे कई गंभीर आरोप लगाया गया है.

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शिकायत दर्ज करवाने वाले अधिवक्ता

'भावनाओं को आहत करने वाला बयान'
अध्यक्ष ने अपने आरोप में कहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा 9 नवम्बर को अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद में निर्णय सुनाया गया, जिसके विरुद्ध सांसद ने निर्णय के खिलाफ आमसभा में और सार्वजनिक रूप से मीडिया में बयान देकर आम लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है.

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जानकारी देते अधिवक्ता

इतना ही नही सांसद ने न्यायालय के निर्णय पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर देश और पड़ोस दोनों समुदायों के बीच घृणा उत्पन्न किया है, जिससे लोक शांति तो भंग हुई ही है. साथ ही दोनों समुदायों के बीच शत्रुता बढ़ाने की प्रबल कोशिश भी की गई है.

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व्यवहार न्यायालय, छपरा

भड़काऊ भाषण देने पर ओवैसी के खिलाफ दर्ज हुई शिकायत

क्या बोले अधिवक्ता...

  • सांसद ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ आवाज उठाई है, जो राष्ट्रद्रोह के परिधि में भी आता है और उनके द्वारा किये गये आपत्तिजनक टिप्पणी से भारत के हिंदुओ का मन आहत हुआ है. अध्यक्ष ने सांसद के विरुद्ध भादवि की धारा 124 ए, 225 ए, 505 ए, बी (2) तथा 66 ए आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.
  • मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नूर सुलताना ने उक्त परिवाद संख्या 3909/19 को एमपी एमएलए के विशेष न्यायालय के विशेष न्यायिक पदाधिकारी एसीजेएम प्रथम अनुराग कुमार त्रिपाठी के न्यायालय में सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया है. इस मामले में 4 दिसम्बर को वादी पक्ष का शपथ पर बयान दर्ज किये जाने का आदेश दिया गया है.
Intro:SLUG:-COMPLAINT LETTER FILED ON OBASI
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ छपरा व्यवहार न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई गई है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु कुमार सिंह ने अपने अधिवक्ता मनोज सिंह के माध्यम से छपरा सिविल कोर्ट में सांसद ओवैसी के खिलाफ अयोध्या फैसले के बाद आपत्तिजनक बयान दिए जाने को लेकर शिकायत दर्ज कराई. वहीं ओवैसी के खिलाफ राजद्रोह और धर्म विशेष के लोगों को भड़काने पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई हैं.

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बाबरी मस्जिद विवाद में निर्णय सुनाये जाने के बाद हैदराबाद के सांसद मोहम्मद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा निर्णय के खिलाफ बयान देने व धर्म विशेष के लोगों को उकसाने को लेकर सांसद के विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में एक मामला दर्ज कराया गया है.


Body:अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु कुमार सिंह द्वारा दर्ज परिवाद पत्र में कहा गया हैं कि हैदराबाद के सांसद पर उच्चतम न्यायालय के न्याय निर्णय के विरुद्ध आवाज उठाने, एक समुदाय विशेष को उकसाने व दूसरे समुदाय के लोगों को ठेस पहुंचाने जैसे कई गंभीर आरोप लगाया गया हैं. अध्यक्ष ने अपने आरोप में कहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा 9 नवम्बर को अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद में निर्णय सुनाया गया जिसके विरुद्ध सांसद ने निर्णय के खिलाफ आमसभा में तथा सार्वजनिक रूप से मीडिया में बयान देकर आम लोंगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है. इतना ही नही सांसद ने न्यायालय के निर्णय पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर देश व पड़ोस दोनों समुदायों के बीच घृणा उत्पन्न किया है, जिससे लोक शांति तो भंग हुई हीं है साथ ही दोनों समुदायों के बीच शत्रुता बढ़ाने की प्रबल कोशिश भी की गई है.

Byte:-अभिमन्यु सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, अखिल भारतीय हिंदू महासभा, बिहार

वही छपरा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता मनोज सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि
Byte:-मनोज सिंह, परिवाद पत्र दायर करने वाले अधिवक्ता,

Byte:-अशोक कुमार सिंह, अन्य अधिवक्ता
Conclusion:सांसद ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ आवाज उठाई है जो राष्ट्रद्रोह के परिधि में भी आता है और उनके द्वारा किये गये आपत्तिजनक टिप्पणी से भारत के हिंदुओ का मन आहत हुआ है. अध्यक्ष ने सांसद के विरुद्ध भादवि की धारा 124 ए ,225 ए , 505 ए बी (2) तथा 66 ए आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नूर सुलताना ने उक्त परिवाद संख्या 3909/19 को एमपी एमएलए के विशेष न्यायालय के विशेष न्यायिक पदाधिकारी एसीजेएम प्रथम अनुराग कुमार त्रिपाठी के न्यायालय में सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया है, और इस मामले में 4 दिसम्बर को वादी पक्ष का शपथ पर बयान दर्ज किये जाने का आदेश दिया गया है .
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