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उत्तराखंड के CM ने गाय और TB पर दिए बयान, सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते तीन दिनों में कुछ अजीबो-गरीब बयान दिए हैं. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि गाय एकमात्र जानवर ऐसा है जो ऑक्सीजन लेती और देती है. वहीं, दूसरे बयान में उन्होंने ये तक कह दिया कि टीबी के मरीज अगर उत्तराखंड के जंगलों में चार से पांच घंटे सो लें या घूम लें तो उनकी बीमारी जड़ से ही खत्म हो जाती है.

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Published : Jul 29, 2019, 4:59 PM IST

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत फाइल फोटो

देहरादून: उत्तराखंड के नेताओं के बयान बीते कई दिनों से चर्चा का विषय बने हुए हैं. बयान भी ऐसे कि खुद डॉक्टर और वैज्ञानिक चिंता में हैं कि भला ये परमज्ञान नेताओं के पास आ कहां से रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संसद भवन में जहां हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने बीते साल विज्ञान को चुनौती दे डाली थी तो वहीं वर्तमान सत्र में सांसद अजय भट्ट ने भी कुछ ऐसा ही बयान दे दिया. इन सब बयानों को जनता भूलती लेकिन इससे पहले ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान ने सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स को एक और मौका दे दिया.

मुख्यमंत्री ने पिछले तीन दिनों में कुछ अजीबो-गरीब बयान दे डाले हैं. उन्होंने न केवल गाय को एकमात्र जानवर करार दिया जो ऑक्सीजन लेती और देती है. दूसरे बयान में उन्होंने ये तक कह दिया कि टीबी के मरीज अगर उत्तराखंड के जंगलों में चार से पांच घंटे सो लें या घूम लें तो उनकी बीमारी जड़ से ही खत्म हो जाती है.

त्रिवेंद्र सिंह रावत गाय पर बयान देते हुए

हालांकि, ये कोई पहला मामला नहीं है जब सीएम ने इस तरह के बयान दिए हों. इससे पहले भी सीएम कई इस तरह के बयान दे चुके हैं. हम आपको बताते हैं कि कौन-कौन से बयान हैं जो चर्चाओं में रहे हैं.

ये भी पढे़ंः TV शो 'मैन वर्सेज वाइल्ड' में नजर आएंगे PM मोदी, ऐसा होगा उनका अंदाज

पहला बयान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सोशल मीडिया टीम ने उनके फैन क्लब पेज पर बीते दिनों एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें सीएम ये कहते सुनाई दे रहे हैं कि गाय ही एक मात्र ऐसा जानवर है जो न केवल ऑक्सीजन लेता है बल्कि ऑक्सीजन छोड़ता भी है. सीएम के पेज पर जैसे ही ये वीडियो अपलोड हुआ इस पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं. सीएम ने ये बयान कब और कहां दिया ये तो साफ नहीं हो पाया है लेकिन ये वीडियो तेजी से उत्तराखंड में वायरल हो रहा है. सीएम के इस बयान में उनकी नासमझी साफ दिखाई दे रही थी. सीएम इस वीडियो में ये बात भी कह रहे हैं कि गाय के संपर्क में रहने से टीबी भी ठीक हो जाता है.

बयान की सच्चाई
सीएम के इस बयान के बाद हमारी टीम ने डॉक्टर से संपर्क किया और इस बयान के पीछे की सच्चाई जानी. पशु चिकित्सक महिमा गुप्ता ने सीएम के बयान को पूरी तरह से खारिज किया है. उनका कहना है कि गाय ऑक्सीजन लेती और छोड़ती है ऐसा उनकी स्टडी में नहीं है. पशुओं के जानकार इस तरह की बातों को दरकिनार कर रहे हैं.

डॉ. महिमा ने कहा कि ये बयान हकीकत से परे है. इसके साथ ही गाय के सम्पर्क में आने से कोई बीमारी ठीक नहीं होती. उल्टे अगर गाय को टीबी है तो सम्पर्क में आने वाले व्यक्ति को टीबी की संभावना है. मतलब साफ है कि सीएम का ये बयान पूरी तरह से गलत है.

दूसरा बयान
सीएम त्रिवेंद्र का ये कोई पहला बयान नहीं है. इससे पहले भी वो इस तरह के बयान दे चुके हैं. सीएम ने बीती 20 जुलाई को पंजाबी महासभा के कार्यक्रम में ये कह दिया था की सालों पहले टीबी के मरीज जंगलों में घूमकर अपनी टीबी ठीक कर लेते थे. सीएम ने ये भी कहा था कि चीड़ के जंगलों में अगर टीबी का मरीज घूम ले तो उसकी बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है.

सीएम के उल्टे-पुल्टे बोल
हालांकि, पहले भी कई बार सीएम की जुबान भी फिसल चुकी है. सीएम ने बीते साल मॉनसून में ये कह दिया था कि भगवान की कृपा से राज्य में बारिश से बहुत नुकसान हुआ है. इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव से पहले मीडिया से बात करते हुए सीएम ने ये भी कह दिया था कि एनडीए का नेतृत्व बेहद बुझा-बुझा सा है. ऐसा नहीं है सीएम त्रिवेंद्र ही इस मामले में बयानवीर है बल्कि उनके साथ सरकार में रह चुके विधायक और मौजूदा सांसद भी इस तरह के बयानों से सभी को हैरानी में डाल चुके हैं.

निशंक के बयान से मचा था हंगामा
बीते साल संसद में निशंक ने ये कहकर विज्ञान को चुनौती दे डाली थी कि सबसे पहले परमाणु परीक्षण महाभारत काल में हुआ था. इतना ही नहीं, सबसे पहले सर्जरी भी भगवन गणेश की हुई थी. रमेश पोखरियाल निशंक उस वक्त विज्ञान और ज्योतिष पर बात कर रहे थे.

पत्थर घिसने से नार्मल डिलीवरी
उधर, संसद के मौजूदा मानसून सत्र के दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और उधमसिंह नगर-नैनीताल लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने अजय भट्ट ने भी हास्यापद बयान दे डाला है. उनका कहना है कि उत्तराखंड की एक नदी के पत्थर को गर्भवती महिला के पेट पर घिसने से नार्मल डिलीवरी हो जाती है इस बयान की भी लोगों ने खूब खिल्ली उड़ाई है.

देहरादून: उत्तराखंड के नेताओं के बयान बीते कई दिनों से चर्चा का विषय बने हुए हैं. बयान भी ऐसे कि खुद डॉक्टर और वैज्ञानिक चिंता में हैं कि भला ये परमज्ञान नेताओं के पास आ कहां से रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संसद भवन में जहां हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने बीते साल विज्ञान को चुनौती दे डाली थी तो वहीं वर्तमान सत्र में सांसद अजय भट्ट ने भी कुछ ऐसा ही बयान दे दिया. इन सब बयानों को जनता भूलती लेकिन इससे पहले ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान ने सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स को एक और मौका दे दिया.

मुख्यमंत्री ने पिछले तीन दिनों में कुछ अजीबो-गरीब बयान दे डाले हैं. उन्होंने न केवल गाय को एकमात्र जानवर करार दिया जो ऑक्सीजन लेती और देती है. दूसरे बयान में उन्होंने ये तक कह दिया कि टीबी के मरीज अगर उत्तराखंड के जंगलों में चार से पांच घंटे सो लें या घूम लें तो उनकी बीमारी जड़ से ही खत्म हो जाती है.

त्रिवेंद्र सिंह रावत गाय पर बयान देते हुए

हालांकि, ये कोई पहला मामला नहीं है जब सीएम ने इस तरह के बयान दिए हों. इससे पहले भी सीएम कई इस तरह के बयान दे चुके हैं. हम आपको बताते हैं कि कौन-कौन से बयान हैं जो चर्चाओं में रहे हैं.

ये भी पढे़ंः TV शो 'मैन वर्सेज वाइल्ड' में नजर आएंगे PM मोदी, ऐसा होगा उनका अंदाज

पहला बयान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सोशल मीडिया टीम ने उनके फैन क्लब पेज पर बीते दिनों एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें सीएम ये कहते सुनाई दे रहे हैं कि गाय ही एक मात्र ऐसा जानवर है जो न केवल ऑक्सीजन लेता है बल्कि ऑक्सीजन छोड़ता भी है. सीएम के पेज पर जैसे ही ये वीडियो अपलोड हुआ इस पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं. सीएम ने ये बयान कब और कहां दिया ये तो साफ नहीं हो पाया है लेकिन ये वीडियो तेजी से उत्तराखंड में वायरल हो रहा है. सीएम के इस बयान में उनकी नासमझी साफ दिखाई दे रही थी. सीएम इस वीडियो में ये बात भी कह रहे हैं कि गाय के संपर्क में रहने से टीबी भी ठीक हो जाता है.

बयान की सच्चाई
सीएम के इस बयान के बाद हमारी टीम ने डॉक्टर से संपर्क किया और इस बयान के पीछे की सच्चाई जानी. पशु चिकित्सक महिमा गुप्ता ने सीएम के बयान को पूरी तरह से खारिज किया है. उनका कहना है कि गाय ऑक्सीजन लेती और छोड़ती है ऐसा उनकी स्टडी में नहीं है. पशुओं के जानकार इस तरह की बातों को दरकिनार कर रहे हैं.

डॉ. महिमा ने कहा कि ये बयान हकीकत से परे है. इसके साथ ही गाय के सम्पर्क में आने से कोई बीमारी ठीक नहीं होती. उल्टे अगर गाय को टीबी है तो सम्पर्क में आने वाले व्यक्ति को टीबी की संभावना है. मतलब साफ है कि सीएम का ये बयान पूरी तरह से गलत है.

दूसरा बयान
सीएम त्रिवेंद्र का ये कोई पहला बयान नहीं है. इससे पहले भी वो इस तरह के बयान दे चुके हैं. सीएम ने बीती 20 जुलाई को पंजाबी महासभा के कार्यक्रम में ये कह दिया था की सालों पहले टीबी के मरीज जंगलों में घूमकर अपनी टीबी ठीक कर लेते थे. सीएम ने ये भी कहा था कि चीड़ के जंगलों में अगर टीबी का मरीज घूम ले तो उसकी बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है.

सीएम के उल्टे-पुल्टे बोल
हालांकि, पहले भी कई बार सीएम की जुबान भी फिसल चुकी है. सीएम ने बीते साल मॉनसून में ये कह दिया था कि भगवान की कृपा से राज्य में बारिश से बहुत नुकसान हुआ है. इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव से पहले मीडिया से बात करते हुए सीएम ने ये भी कह दिया था कि एनडीए का नेतृत्व बेहद बुझा-बुझा सा है. ऐसा नहीं है सीएम त्रिवेंद्र ही इस मामले में बयानवीर है बल्कि उनके साथ सरकार में रह चुके विधायक और मौजूदा सांसद भी इस तरह के बयानों से सभी को हैरानी में डाल चुके हैं.

निशंक के बयान से मचा था हंगामा
बीते साल संसद में निशंक ने ये कहकर विज्ञान को चुनौती दे डाली थी कि सबसे पहले परमाणु परीक्षण महाभारत काल में हुआ था. इतना ही नहीं, सबसे पहले सर्जरी भी भगवन गणेश की हुई थी. रमेश पोखरियाल निशंक उस वक्त विज्ञान और ज्योतिष पर बात कर रहे थे.

पत्थर घिसने से नार्मल डिलीवरी
उधर, संसद के मौजूदा मानसून सत्र के दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और उधमसिंह नगर-नैनीताल लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने अजय भट्ट ने भी हास्यापद बयान दे डाला है. उनका कहना है कि उत्तराखंड की एक नदी के पत्थर को गर्भवती महिला के पेट पर घिसने से नार्मल डिलीवरी हो जाती है इस बयान की भी लोगों ने खूब खिल्ली उड़ाई है.

Intro:उत्तराखंड में सीएम और सांसदों के बयान सोशल मिडिया पर घमासान--ये बयान दे रहे है नेताओ के ज्ञान का परिचय --डाक्टर बने सीएम से लेकर सांसद


उत्तराखंड के नेताओ के बयान बीते कई दिनों से सोशल मिडिया में चर्चा का विषय बने हुए है बयान भी ऐसे की खुद डाक्टर और वैज्ञानिक चिंता में है की भला ये परमज्ञान हमारे नेताओ के पास आ कहा से रहा है | दिल्ली में संसद में बैठ कर जहा सांसद निशंक ने बीते साल विज्ञानं को चुनौती दे डाली थी वही इसी सत्र में अजय भट्ट ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया था इन सब बयानों को जनता भूलती लेकिन इससे पहले ही हमारे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान ने सोशल मिडिया में ट्रोलर को एक और मौका दे दिया नेताओ की खिचाई करने के लिए जहाँ तीन दिनों में मुख्यमंत्री ने बयान दे दिए जिसमे उन्होंने ना केवल गाय को एक मात्र जानवर ऐसे करार दे दिया जो ऑक्सीजन लेती है और देती है तो वही दूसरे बयान में उन्होंने ये तक कह दिया की टीबी के मरीज अगर उत्तराखंड के जंगलो में चार से पांच घण्टे सो लेते है या घूम लेते है तो उनकी टीवी जड़ से ही ख़त्म हो जाती है हलाकि ये कोई पहला मामला नहीं है की जब सीएम ने इस तरह के बयान दिए हो इससे पहले भी सीएम कई इस तरह के बयान दे चुके है चलिए हम आपको बताते है की कौन कौन से बयान है जो चर्चा में रहे है Body:मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सोशल मिडिया टीम ने उनेक फेन क्लब पेज पर बीते दिनों एक विडिओ अपलोड किया जिसमे सीएम ये कहते सुनाई दे रहे है की गाय ही एक मात्र ऐसा जानवर है जो ना केवल ऑक्सीजन लेता है बल्कि ऑक्सीजन छोड़ता भी है | सीएम के पेज पर जैसे ही ये वीडिओ अपलोड हुआ वही सोशल मिडिया पर ज्ञानियों ने अपनी इस पर प्रतिक्रिया ना केवल रखनी सुरु की बल्कि ये तक कह दिया की भला सीएम को ये जानकारी कौन दे रहा है सीएम ने ये बयान कब दिया कहा दिया ये साफ़ नहीं हो पाया है लेकिन ये वीडिओ तेज़ी से उत्तराखंड में वायरल होने लगा | सीएम के इस बयान में साफ़ उनकी नासमझी दिखाई दे रही थी | सीएम इस वीडियो में ये बात भी कह रहे है की गाय के संपर्क में रहने से टीबी भी ठीक हो जाता है

वायरल वीडियो -सीएम --गाय एक मात्र ऐसा जानवर

सीएम के इस बयान के बाद हमने डाक्टर से संपर्क साधा और इस बयान के बारे में जानकारी लेनी सुरु की तो डाक्टर भी हैरान हो गए की भला कोई सीएम या व्यक्ति आधाअधूरा ज्ञान कैसे दे सकता है पशु चिकित्सक महिमा गुप्ता ने सीएम के बयान को पूरी तरह से खारिज किया है। पशु चिकित्सक ने कहा कि गाय आक्सीजन लेती है और ऑक्सीजन छोड़ती है ऐसा हमारी स्टडी में नहीं है। पशुओं के जानकार इस तरह की बातों को दरकिनार कर रहे हैं। महिमा ने कहा कि ये बयान हकीकत से परे है। उन्होंने कहा कि गाय के सम्पर्क में आने से कोई बीमारी ठीक नहीं होती। उल्टे अगर गाय को टीबी है तो सम्पर्क में आने वाले व्यक्ति को टीबी की संभावना है। मतलब साफ़ है की सीएम ने जो हालही में बयान दिया और पूरी तरह से उल्टा पुल्टा ही है Conclusion:सीएम बोले जंगल में घूमे एक हफ्ता टीबी ठीक हो जाएगी

सीएम त्रिवेंद्र का ये कोई पहला बयान नहीं है इससे पहले भी सीएम इस तरह के बयान दे चुके है सीएम ने बीती 20 जुलाई को ही पंजाबी महा सभा के कार्यक्रम में ये भी कह दिया था की सालो पहले टीबी के मरीज जंगलो में घूम कर अपनी टीबी ठीक कर लेते थे सीएम ने ये भी कहा की चीड़ के जंगलो में अगर टीबी का मरीज घूम ले तो उसकी टीबी पूरी तरह से ठीक हो जाती है


दो बार तब उल्टा पुल्टा बोल गए थे सीएम

हलाकि सीएम की पहले भी कई बार जुबान भी फिसल चुकी है सीएम ने बीते साल के मानसून में ये भी कह दिया था की भगवान् की कृपा से राज्य में बारिश से बहुत नुकसान हुआ है इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव से पहले मिडिया से बात करते हुए सीएम ने ये भी कह दिया था की एनडीए का नेतृत्व बेहद भुझा बुझा सा है | ऐसा नहीं है सीएम त्रिवेंद्र ही इस मामले में बयानवीर है बल्कि उनके साथ सरकारों में रह चुके विधायक और मौजूदा सासंद भी इस तरह के बयानों से सभी को हैरानी में डाल चुके है |

निशंक के बयान से मचा था हंगामा

बीते साल सांसद में निशंक ने ये कह कर विज्ञानं को चुनौती दे दी थी की सबसे पहले परमाणु परिक्षण महाभारत काल में हुआ था इतना ही नहीं निशंक ने यहाँ तक भी कह डाला था की सबसे पहले सर्जरी भी भगवन गणेश की हुई थी रमेश पोखरियाल निशंक उस वक्त विज्ञानं और ज्योतिष पर बात कर रहे थे

पत्थर घिसने से नार्मल डिलीवरी

इतना ही नहीं इसी मानसून सत्र के दौरान ही प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी और नैनिताल लोकसभा सीट से पहली बार सासंद बने अजय भट्ट उत्तराखंड की एक नदी के पत्थर को गर्ववती महिला के पेट पर घिसने से नार्मल डिलीवरी हो जाती है इस बयान की भी लोगो ने खूब खिल्ली उड़ाई थी

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