नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान पर है. इसके लिए सभी दलों के नेता जनता के बीच जा रहे हैं और एक दूसरे के प्रति सवालों की बौछार कर रहे हैं. इसी क्रम में गृह मंत्री अमित शाह हाल के दिनों में आम आदमी पार्टी सरकार पर कुछ ज्यादा ही हमलावर हैं.
वीडियो जारी कर दिया जवाब
अमित शाह के सवालों का जवाब आम आदमी पार्टी के सभी नेता अपनी जनसभाओं और भाषणों के जरिए दे ही रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में केजरीवाल ने अमित शाह के उन सभी सवालों को समाहित किया है, जो उन्होंने बीते कुछ समय में केजरीवाल सरकार पर खड़े किए हैं.
दिल्ली के लोगों का अपमान
केजरीवाल ने इस वीडियो में कहा है, 'मैं पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूं, अमित शाह जी आते हैं, चुनाव प्रचार में दिल्ली के लोगों का अपमान करते हैं, ये ठीक नहीं है. दिल्ली के 2 करोड़ लोगों ने अपनी कड़ी मेहनत से स्कूल, अस्पताल, बिजली, पानी की व्यवस्था सुधारी है. केजरीवाल ने सीसीटीवी को लेकर अमित शाह द्वारा उठाए गए सवालों का भी जिक्र किया है और उनका जवाब दिया है.
जनता को बिकाऊ कहना गलत
केजरीवाल ने इस वीडियो में बीजेपी नेताओं द्वारा सरकार की योजनाओं को लेकर की गई टिप्पणियों का भी जिक्र किया है और कहा कि जनता को राहत पहुंचाने के लिए हमने जब उन्हें इन योजनाओं का फायदा दिया, तो भाजपाई जनता को बिकाऊ कह रहे हैं. केजरीवाल ने ये भी कहा कि जनता को जो परेशानियां हो रही हैं, वो केंद्र सरकार की गलत नीतियों का परिणाम हैं.
लोगों का मजाक न उड़ाएं
दिल्ली के स्कूलों को लेकर दिए गए शाह के बयानों का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा है, 'मुझे कई पेरेंट्स ने आकर कहा कि जब उन्होंने आपका ये बयान सुना तो उन्हें बहुत बुरा लगा. अच्छी राजनीति तो ये होती कि आप दिल्ली के लोगों से सीख कर यूपी और हरियाणा के भी स्कूल ठीक करते.' शाह ने एमसीडी के स्कूलों को लेकर भी सवाल खड़ा किया है. केजरीवाल ने कहा है कि इस तरह दिल्ली के लोगों का मजाक मत उड़ाइए.
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आरोप-प्रत्यारोप की सियासत
अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह के सवालों को बीजेपी और केंद्र सरकार की तरफ मोड़ दिया और कहा, 'अभी हम सबको मिलकर दिल्ली को संवारना है. दिल्ली के हम दो करोड़ लोग एक परिवार की तरह हैं. चाहे किसी भी पार्टी के क्यों ना हों, एक दूसरे के सुख दुःख में काम आते हैं.' देखने वाली बात होगी कि विधानसभा चुनावों से पहले आरोप-प्रत्यारोप को लेकर गर्म होती सियासत कहां तक जाती है.