नई दिल्ली : दिल्ली के अस्पतालों में अब केवल दिल्ली के लोगों का ही इलाज होगा. सीएम केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की है. डॉ. महेश वर्मा कमेटी ने दिल्ली सरकार को सुझाव दिया था कि दिल्ली में सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज होना चाहिए.
कमेटी ने सुझाव दिया था कि दिल्ली के अस्पताल बाहरी लोगों के इलाज का भार वहन नहीं कर सकेंगे. इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार ने आम जनता से भी सुझाव मांगा था.
इन दोनों सुझावों पर आज मुख्यमंत्री आवास पर दिल्ली कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में इस पर मुहर लगी कि अब दिल्ली में सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज होगा.
दिल्ली सरकार के अस्पतालों और प्राइवेट अस्पतालों में दिल्ली वालों का इलाज होगा. हालांकि, केंद्र सरकार के अस्पतालों में सभी का इलाज होता रहेगा.
प्रेस वार्ता में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मार्च के महीने तक दिल्ली के सारे अस्पताल पूरे देश के लोगों के लिए खुले रहे.
उन्होंने राज्य में बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर कहा तेजी से केस बढ़ रहे हैं. ऐसे में अगर दिल्ली के अस्पतालों में बाहर के लोग अपना इलाज कराएंगे तो दिल्लीवालों का क्या होगा.
केजरीवाल ने कहा दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों के अस्पतालों में 10-10 हजार बेड हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अस्पताल में कोई भी इलाज करा सकता है.
उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पताल भी सिर्फ दिल्लीवासियों के इलाज करेंगे.
वार्ता के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली से बाहर के सभी लोगों के लिए बॉर्डर खोल दिए जाएंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि आठ जून से दिल्ली में मॉल्स, रेस्टोरेंट और धार्मिक स्थल भी खोल दिए जाएंगे. हालांकि उन्होंने कोरोना के मद्देनजर सभी से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की भी बात कही है.