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कोरोना की आयुर्वेदिक दवा, दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण का प्रस्ताव

कोरोना के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. सभी लोगों को इंतजार है कि आखिर इसकी दवा या वैक्सीन कब आएगी. वहीं, कर्नाटक के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. गिरिधर काजे ने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा के पहले सफल क्लीनिकल ट्रायल के बाद दूसरे चरण के ट्रायल के लिए सरकार को एक प्रस्ताव सौंपा है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 3, 2020, 8:49 PM IST

Updated : Jul 3, 2020, 9:38 PM IST

क्लीनिकल परीक्षण का प्रस्ताव
क्लीनिकल परीक्षण का प्रस्ताव

बेंगलुरु : भारत में कोविड-19 के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है. कर्नाटक के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. गिरिधर काजे ने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा के पहले सफल क्लीनिकल ट्रायल के बाद दूसरे चरण के ट्रायल के लिए सरकार को एक प्रस्ताव सौंपा है.

डॉ गिरिधर काजे ने अप्रैल में सरकार से अनुमति मांगी थी. उन्होंने इस दिशा में आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए और आयुर्वेद के हर्बल मिश्रण के बारे में भी बताया. उन्होंने इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट दी कि यह दवा कैसे काम करेगी. बाद में सरकार ने आधिकारिक तौर पर क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी.

कोरोना वायरस के लिए दो प्रकार की आयुर्वेद की गोलियां तैयार की गई थीं, जिन्हें कोविड-19 से संक्रमित 10 रोगियों को दिया गया था. इन दवाइयों के ट्रायल करने के बाद उन्हें सफलता मिली. बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार क्लीनिकल ट्रायल हुआ.

पढ़ें- 15 अगस्त तक लॉन्च हो सकती है देश की पहली कोरोना वैक्सीन, मानव परीक्षण 7 जुलाई से

कोरोना संक्रमणों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. डॉ गिरिधर ने प्रस्ताव में बड़ी संख्या में संक्रमित रोगियों को आयुर्वेद की गोलियां देने की अपील की है. उन्होंने प्रस्ताव में कहा है कि एलोपैथिक दवा के साथ-साथ आयुर्वेद की दवा लेने से कोरोना संक्रमित पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है. इस दवा के साथ कोई समस्या नहीं है. रोगी की प्रतिरक्षा में सुधार और बुखार सहित अन्य लक्षणों को कम करता है.

बेंगलुरु : भारत में कोविड-19 के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है. कर्नाटक के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. गिरिधर काजे ने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा के पहले सफल क्लीनिकल ट्रायल के बाद दूसरे चरण के ट्रायल के लिए सरकार को एक प्रस्ताव सौंपा है.

डॉ गिरिधर काजे ने अप्रैल में सरकार से अनुमति मांगी थी. उन्होंने इस दिशा में आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए और आयुर्वेद के हर्बल मिश्रण के बारे में भी बताया. उन्होंने इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट दी कि यह दवा कैसे काम करेगी. बाद में सरकार ने आधिकारिक तौर पर क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी.

कोरोना वायरस के लिए दो प्रकार की आयुर्वेद की गोलियां तैयार की गई थीं, जिन्हें कोविड-19 से संक्रमित 10 रोगियों को दिया गया था. इन दवाइयों के ट्रायल करने के बाद उन्हें सफलता मिली. बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार क्लीनिकल ट्रायल हुआ.

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कोरोना संक्रमणों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. डॉ गिरिधर ने प्रस्ताव में बड़ी संख्या में संक्रमित रोगियों को आयुर्वेद की गोलियां देने की अपील की है. उन्होंने प्रस्ताव में कहा है कि एलोपैथिक दवा के साथ-साथ आयुर्वेद की दवा लेने से कोरोना संक्रमित पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है. इस दवा के साथ कोई समस्या नहीं है. रोगी की प्रतिरक्षा में सुधार और बुखार सहित अन्य लक्षणों को कम करता है.

Last Updated : Jul 3, 2020, 9:38 PM IST
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